आज देव प्रबोधिनी एकादशी है, आषाढ़ शुक्ल एकादशी को देव शयन करने के 147 दिन बाद --ज्योतिष भूषण पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री
आज देव प्रबोधिनी एकादशी है, आषाढ़ शुक्ल एकादशी को देव शयन करने के 147 दिन बाद --ज्योतिष भूषण पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री
नवापारा (राजिम)
आज देव प्रबोधिनी एकादशी है, आषाढ़ शुक्ल एकादशी को देव शयन करने के 147 दिन बाद आज गुरुवार को भगवान विष्णु जागेंगे, नगर के ज्योतिष भूषण पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री ने कहा कि वैसे तो जगत के पालनहार भगवान विष्णु कभी सोते नहीं हैं किंतु यथा देहे तथा गेहे के अनुसार 4 माह विष्णु शयन एकादशी से वर्षा काल में साधु, संत, योगी, यति सन्यासी एक स्थान पर ठहरकर अपना जप, तप, व्रत बढ़ाते हैं और आम गृहस्थ लोगों को प्रवचन , उपदेश देकर उनके जीवन को सन्मार्ग दिखाते हैं,इस बार अधिक मास के कारण 2 सावन महीने के कारण 5 महीने देव सोते रहे और आज 23 नवम्बर गुरुवार को उनके जागरण का विधान कराया जावेगा, ब्रह्म मुहूर्त में प्रातः स्नान आदि से निवृत्त होकर, शंख बजाकर यह विधि की जाती है और संध्या समय गन्ने का विवाह मण्डप बनाकर उनके भीतर तुलसी के साथ विष्णु स्वरूप शालिग्राम का विवाह कराया जाता है, और इसी के साथ सभी शादी ब्याह आदि समस्त मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है, विवाह का पहला शुभ मुहूर्त 28 नवम्बर है, दिसम्बर में सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही इन मांगलिक कार्यों में पुनः 1 माह के लिए विराम लग जायेगा