मंडला जिले में आयोजित श्रीमद भागवत गीता पुराण में ब्रह्माकुमारीज जबलपुर से आई हुई डॉ. पुष्पा पांडेय जी के द्वारा दिया गया गीता में प्रवचन - fastnewsharpal.com
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मंडला जिले में आयोजित श्रीमद भागवत गीता पुराण में ब्रह्माकुमारीज जबलपुर से आई हुई डॉ. पुष्पा पांडेय जी के द्वारा दिया गया गीता में प्रवचन

 मंडला जिले में आयोजित श्रीमद भागवत गीता पुराण में ब्रह्माकुमारीज जबलपुर से आई हुई डॉ. पुष्पा पांडेय जी के द्वारा दिया गया गीता में प्रवचन 




मंडला-

 मंडला जिले में मैहर बाबा कुटी मैदान, देवदरा में आयोजित श्री अष्टलक्ष्मी महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत महापुराण में ब्रह्माकुमारीज संस्थान से डॉ. पुष्पा पांडेय के द्वारा श्रीमद् भगवत गीता पर विशेष प्रवचन दिया गया। डॉ. पुष्पा पांडेय जी स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं साथ में आप गीताविद हैं।






डॉ. पुष्पा पांडेय ने कहा कि हम सभी अर्जुन, जो माया रूपी कौरवों से युद्ध कर स्वयं को विजयी बना रहे हैं। इस संसार रूपी मैदान में युद्ध करते हुए जो स्थिर रहता है, हलचल में नहीं आता वही युधिष्ठिर है। उक्त उदगार जबलपुर से आई हुई गीताविद डा. पुष्पा पांडेय ने श्री अष्टलक्ष्मी महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत पुराण देवदरा में आयोजित कार्यक्रम में संबोधित किया। आपने कहा कि दुर्योधन दुःशासन केवल महाभारत के पात्र नहीं है वरन जो धन का दुरुपयोग करता है, गलत तरीके से धन का एकत्रित करता है और उसे भोग विलास में अपव्यय करता है, वही दुर्योधन है, जो शासन का दुरुपयोग करता है जिसका शासन न्याय संगत नहीं, वही दुःशासन है। आपने कहा कि हम भौतिक रूप से तो शिक्षित हुए हैं,लेकिन हमारा चरित्र, धारणाएं, श्रेष्ठ मूल्य निरंतर गिरते जा रहे हैं, आज हम भौतिकता में स्वयं के सत्य स्वरूप को भूलते जा रहे हैं, गीता हमें सत्य रूप से परिचय कराती हैं। आपने पाण्डवों और कौरवों के पात्र का यथार्थ अर्थ बताया। आपने कहा कि आज हम मोबाइल और इंटरनेट के जाल में उलझते जा रहे हैं, जिससे हम अनेक बीमारियों से जैसे तनाव, डिप्रेशन, एनजायटी आदि बीमार होते जा रहे हैं। आपने बताया कि हमारे अंदर की कमी की हमारे दुख का कारण है क्योंकि हम बाह्य रूप से स्वयं का श्रृंगार करते हैं लेकिन स्वयं का श्रृंगार अर्थात् जो हम हैं उसके परिचय से भी विमुख हैं। आपने कहा कि हम शरीर नहीं आत्मा हैं जो शरीर के माध्यम से अपना कार्य करती है। आपने बताया कि राजयोग जो परमात्मा के द्वारा आत्मा को सिखाया गया ज्ञान है, जिसके द्वारा आत्मा अपने शक्ति, ज्ञान, गुणों से भरपूर होकर सुखमय संसार की रचना में सहयोगी बनती है, इसलिए इस राजयोग का अभ्यास करें।

इस वक्तव्य को सभी ने बहुत ध्यान से सुना।

इसके बाद जबलपुर से आई हुई डॉ. पुष्पा पांडेय, ब्रह्माकुमारीज मंडला क्षैत्रीय संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी ममता  दीदी, पड़ाव वार्ड सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी ओमलता दीदी, नैनपुर सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी शिवकुमारी बहन, निवास सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी लक्ष्मी बहन, साथ में जबलपुर से आए ब्रह्माकुमार संतोष भाई, नीरज भाई, ब्रह्माकुमारी रेखा बहन को श्री अष्टलक्ष्मी महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत महापुराण के आयोजक भागवत रसिक कथावाचक प. रामगोपाल शास्त्री नीलू महाराज जी के द्वारा सम्मान पत्र दिया गया।

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