*सांकरा जैन मंदिर चोरी में हो सकते है करीब दर्जन भर निगरानी चोर सामिल*
*सांकरा जैन मंदिर चोरी में हो सकते है करीब दर्जन भर निगरानी चोर सामिल*
*पतासाजी में जुटे है चौकी प्रभारी*
*चोरी की रात घूम रही थी निगरानी चौरो की टोली*
*बीते 5 सालों में सांकरा का व्यवसाय चौर लुटेरों के कारण हुआ चौपट*
रायपुर
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से महज 12 किलो मीटर की दूरी सिक्स लाइन किनारे स्थित धरसीवा के सांकरा जैन मंदिर चोरी मामले में करीब दर्जन भर निगरानी चोर लुटेरों का हाथ हो सकता है क्योकि चोरी की देर रात तक चौरो की टोली घूमती रही है वहीं बीते 5 सालों से जारी चोरी लूट की घटनाओँ का सांकरा के व्यापार व्यवसाय पर भी बहुत बुरा पडने से यहां के व्यवसाय पहले से आधे भी नहीं रहे हैं ।
सूत्रों के मुताबिक जिस रात हाइवे के समीप स्थित सांकरा के श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर जी मे चोरी की घटना हुई उस रात कुछ निगरानी चौरो की टोली देर रात तक मन्दिर से लेकर जैन समाज के लोगो के घरों के सामने घूमती रही जिससे इस संभावना को बल मिल रहा है कि करीब दर्जन भर चौरो में से कुछ ने दुपहिया से घूम घूमकर जैनियो के मकानों पर नजर रखी और कुछ चोरी करने मन्दिर जी मे घुसे होंगे निगरानी चौरो का आतंक चोरी के पूर्व सांकरा से ओधौगिक क्षेत्र के पहुच मार्गों पर भी रहा था जहां दिन में कुछ राहगीरों के मोबाइल भी लुटे गये ओर चाकू दिखाकर धमकी दी गई थी हालांकि लुटेरों से भयभीत लूट के शिकार लोगो ने इसकी शिकायत नहीं कि है लेकिन उस दिन हुई लूट की चर्चाएं पान दुकान तक होती रहीं इससे स्प्ष्ट है कि निगरानी चोर लुटेरे उस दिन दिनभर ओर रात में भी सक्रिय रहे।
*चौकी प्रभारी जुटे पतासाजी में*
मन्दिर जी मे चोरी की घटना के बाद चौकी प्रभारी यूएन शांत कुमार साहू ने अपने मुखबिर फैला दिए हैं और वह पतासाजी में जुट गए है जल्द ही उन्हें इंसमे सफलता भी मिलने की उम्मीद है।
*महसमाया मन्दिर में भी हुई थी दानपेटी में चोरी*
मन्दिर को चौरो ने पहली बार निशाना नहीं बनाया बल्कि इसके पहले ठीक इसी तरह से सिक्स लाइन के समीप स्थित एक ओर मन्दिर महामाया मन्दिर को भी चोर निशाना बना चुके हैं
जैन मंदिर की तरह महामाया मन्दिर में भी चोर दीवाल फांदकर घुसे थे और दानपेटी पर हाथ साफ किया था।
*चोर लुटेरों ने चौपट किया व्यापार व्यवसाय*
बीते चार पांच साल से तेजी से बढ़ी चोरी व लूटपाट की घटनाओं का सीधा असर सांकरा के व्यापार व्यवसाय पर भी पड़ा है
सांकरा ओधौगिक क्षेत्र सिलतरा का मुख्य बाजार रहा और औधोगिकीकरण के बाद से सांकरा ऐंसा मुख्य बाजार के रूप में उभरा की यहां दुकानो में ग्राहकों की भीड़ लगी रहती थी लेकिन बीते चार पांच सालों में तेजी से बढ़ी लूटपाट चोरी की घटनाओं के बाद उधोगो में काम करने वाले अधिकांश लोगों ने सांकरा की जगह सोण्डरा या सिलतरा जाना शुरू कर दिया और धीरे धीरे सांकरा का मार्केट लगभग आधा रह गया।