बिलहरी विद्यालय में उच्च संस्कार सिंचन एवं मातृ पितृ पूजन कार्यक्रम का आयोजन, ब्रह्माकुमारी बहने बताये जीवन में नैतिक मूल्यों को धारण करने के उपाय"*
बिलहरी विद्यालय में उच्च संस्कार सिंचन एवं मातृ पितृ पूजन कार्यक्रम का आयोजन, ब्रह्माकुमारी बहने बताये जीवन में नैतिक मूल्यों को धारण करने के उपाय"*
राजनांदगांव
-प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिलहरी में संयुक्त रूप से उच्च संस्कार सिंचन एवं मातृ पितृ पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य था बच्चों में जीवन मूल्य एवं उच्च संस्कारों को स्थापित करने हेतु उन्हें जागरूक करना । साथ ही माता पिता का बच्चों के जीवन में महत्व तथा उनके प्रति सम्मान की भावना का विकास करना । कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय राजनांदगांव से राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी प्रभा बहन जी उपस्थित थी । उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि उच्च संस्कार सिंचन के लिए हमे अपने जीवन में नैतिक मूल्यों को धारण करना पड़ेगा । सर्वप्रथम हमे अपने जीवन में सबके प्रति प्रेम की भावना का विकास करना चाहिए । जैसे स्वयं से प्रेम , परिवार से , अपने विद्यालय से , प्रकृति से , राष्ट्र से , परमात्मा से प्रेम इत्यादि । बुरे संगत एवं बुरी आदतों से बचकर रहने तथा मूल्यवान चीजों की बचत करने जैसे बिजली , पानी इत्यादि के लिए प्रेरणादाई प्रसंगों से समझाया । ब्रह्माकुमारी पूनम बहन जी ने राजयोग की अनुभूति कराई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित माननीय मधुसूदन यादव जी ने इस प्रकार के कार्यक्रम को आज की आवश्यकता बताते हुए कहा कि बच्चों को आज नैतिक मूल्यों की बहुत जरूरत है । उन्होंने कहा कि यह केवल उत्सव नहीं बल्कि संकल्प है।साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित , श्रीमती उषा सिन्हा जनपद पंचायत सदस्य डोंगरगढ़ ने भी अपनी शुभकामनाएं दी ।भ्राता संजय साहू योग वेदांत समिति राजनांदगांव ने मातृ पितृ पूजन कार्यक्रम सम्पन्न कराया।मंच संचालन व्याख्याता ठाकुर राम चंद्रवंशी जी ने तथा आभार प्रदर्शन प्रधान पाठक द्वारिका प्रसाद साहू जी ने किया । इस अवसर पर विद्यालय के समस्त शिक्षक गण, विद्यार्थी तथा पालक उपस्थित थे । कार्यक्रम में विशेष सहयोगयशवंत सिन्हा, प्रेमलाल देवांगन प्राचार्य, ध्रुव कुमार साहू प्रधान पाठक, राजकुमार मंडले शाला प्रबंध समिति, कारण साहू तथा शाला परिवार के सभी शिक्षक शिक्षिकाओ का रहा ।