महाशिवरात्रि पर विशेष ---पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री
महाशिवरात्रि पर विशेष ---पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री
नवापारा-राजिम
शिव लिंग के प्राकट्य एवम शिव पार्वती के विवाह की रात्रि है महाशिवरात्रि पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री ने बताया -हमारी राजिम कुम्भ नगरी में महाशिवरात्रि का पर्व बड़े उमंग और आनन्द से धूमधाम से मनाया जायेगा, अभी सोमवार को हमारे यहां पण्डित प्रदीप मिश्रा जी का सन्त समागम हुआ उन्होंने इस पावन धरा की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां का कंकर कंकर शंकर है, यहां आकर कुलेश्वर नाथ के दर्शन करके मैं धन्य हो गया, उन्होंने तो यहां पर कथा करने की भी इच्छा प्रकट की, देवाधिदेव शिव जी की महिमा अनन्त है वे देवों के महादेव तो हैं ही राक्षस गणों के भी आराध्य है, उनकी दृष्टि में कोई भेद नहीं है, इसलिए देव और दानव दोनो ही उन्हें समान भाव से पूजते हैं, शास्त्री जी ने कहा कि आज महाशिव रात्रि का व्रत रखना आबाल वृद्ध सभी नर नारियों के लिए शास्त्रों में श्रेयस्कर कहा गया है, शिवरात्रि को चारों प्रहार की चरण पूजा का अक्षय पुण्य मिलता है आज सूर्योदय श्रवण नक्षत्र में हुआ है, जो कि शिव जी का प्रिय नक्षत्र है इसलिए आज की शिवरात्रि का महत्व और भी बढ़ गया है, शिव पूजन में निषिथकाल की पूजा महाफलदायी मानी गई है आज रात्रि 11रू50 से 12 रू38 बजे तक निषिठकाल है , इस अवधि में मिट्टी के लोटे में पानी या दूध भरकर , ऊपर से बेलपत्र, आक, धतूरे का फूल, चांवल डालकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए, घर पर भी पार्थिव शिवलिंग बनाकर उसका पूजन किया जा सकता है, आज हमारे कुलेश्वर महादेव सहित पचकोषी धाम में आने वाले सभी मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ रहेगी, आज ही माघ पूर्णमासी से लेकर महाशिवरात्रि तक चलने वाले रामोत्सव कुम्भ कल्प मेले का विधिवत समापन भी हो जायेगा, ब्रह्मदत्त शास्त्र ने कहा कि इस समग्र आयोजन में छत्तीसगढ़ की धर्म प्राण सरकार एवम उनके धर्मस्व संस्कृति मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल की संवेदनशीलता, सदाशयता और सक्रियता की समस्त साधु सन्त, श्रद्धालु भक्तजन और आम जनमानस भूरी भूरी प्रशंसा कर रहे हैं