उदंती-सुनाबेडा अभ्यारण्य (ओडिशा) सीमा पर भालू एवं जंगली सूअर का शिकार करने वाला आरोपी एन्टी पोचिंग टीम द्वारा गिरफ्तार,15 दिन की रिमांड पर गरियाबंद जेल में दाखिल - fastnewsharpal.com
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उदंती-सुनाबेडा अभ्यारण्य (ओडिशा) सीमा पर भालू एवं जंगली सूअर का शिकार करने वाला आरोपी एन्टी पोचिंग टीम द्वारा गिरफ्तार,15 दिन की रिमांड पर गरियाबंद जेल में दाखिल

 उदंती-सुनाबेडा अभ्यारण्य (ओडिशा) सीमा पर भालू एवं जंगली सूअर का शिकार करने वाला आरोपी एन्टी पोचिंग टीम द्वारा गिरफ्तार,15 दिन की रिमांड पर गरियाबंद जेल में दाखिल




गरियाबंद 

सुधीर अग्रवाल प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) रायपुर छत्तीसगढ़, श्री विश्वेश कुमार झा मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) एवं क्षेत्र संचालक उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व रायपुर एवं श्री वरुण जैन, उपनिदेशक उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व गरियाबंद (छ.ग.) के कुशल मार्गदर्शन में दिनांक 03.05. 2024 को प्राप्त गुप्त सूचना के आधार पर कुल्हाड़ीघाट वन परिक्षेत्र के अंतर्गत ग्राम आमामोरा निवासी लखमू सोरी पिता विश्राम सोरी, जाति कमार, उम्र 39 वर्ष, ने एक वर्ष पूर्व सुनाबेड़ा अभ्यारण्य उड़ीसा के जंगल मे दो नग सुअर का तीर कमान से शिकार कर उसका मटन को अपने परिवार के साथ सब्जी बनाकर खाये और उसके 04 नग दांत (खिसा) को अपने घर में रखा हुआ था, इसके अलावा उड़ीसा के ही जंगल से एक मृत पड़ा हुआ भालु का पंजा काटकर अपने घर लाये, जिसको बिक्री करने के फिराक मे था उसी समय वन विभाग के अमलो के द्वारा पकड़ लिया गया। उनके विरुध्द वन अपराध क्रमांक 14305/16 दिनांक 04.05.2024 पंजीबध्द कर वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 2,9,29,31,39,50,51 एवं 52 के तहत विवेचना अधिकारी श्री बैंकुठ सिंह ठाकुर वनपाल सहायक परिक्षेत्र अधिकारी ओंढ़ के द्वारा आरोपी लखमू सोरी पिता विश्राम सोरी को गिरफ्तार कर दिनांक 07.05.2024 को माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट गरियाबंद मे पेश किया गया। मजिस्ट्रेट के द्वारा जेल वारंट जारी कर जिला जेल गरियाबंद में दखिल किया गया।

इस कार्यवाही में जिला-गरियाबंद पुलिस विभाग साईबर सेल प्रभारी सतीश यादव एवं एन्टी पोचिंग टीम के नोडल अधिकारी गोपाल कश्यप सहायक संचालक उदंती (मैनपुर), अमरसिंह ठाकुर परिक्षेत्र अधिकारी कुल्हाड़ीघाट (बफर), राकेश परिहार परिक्षेत्र अधिकारी तौरेंगा (बफर) राकेश मार्कण्डेय, ओम प्रकाश राव, फलेश्वर दीवान, चुरामन घृतलहरे, विरेन्द्र ध्रुव, भुपेन्द्र भेड़िया, विरेन्द्र कुमार ध्रुव, ऋषि ध्रुव एवं समस्त कुल्हाड़ीघाट (बफर) स्टॉफ का विशेष योगदान रहा।

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