मनरेगा में भृष्टाचार के आरोपों की जांच शुरू सुरेंद्र जैन धरसींवा धरसींवा की ग्राम पंचायत सोंडरा में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत दो तालाबो के गहरीकरण में पूर्व सरपंच द्वारा भृष्टाचार का आरोप लगाने के बाद जनपद पंचायत की जांच समिति ने जांच शुरू कर दी है.....मनरेगा की सीईओ श्रीमती जया पाठक ने जांच दल के साथ 12 बजे सोंडरा पहुचकर पहले ग्रामीणों जनप्रतिनिधियो से चर्चा की इसके बाद मौके पर जाकर दोनो तालाबो को देखा....पूर्व सरपंच सन्तोष साहू का कहना है कि गांव के दर्री तालाब एवं पनखटटी तालाब के गहरीकरण को मनरेगा के तहत करीब बीस लाख रुपये मंजूर हुए थे जिसमे साठ प्रतिशत राशि गहरीकरण यानी गोदी खुदाई में होना था लेकिन निर्माण एजेंसी सरपंच ने गहरीकरण नही कराया सिर्फ पचरी निर्माण कराया है....सरपंच बलराम साहू ने उन पर लगे आरोपो के जबाब में कहा कि गहरीकरण यानी गोदी मिट्टी खुदाई का काम भी कराया है लेकिन पूरा नहीं कराया कुछ राशि शेष बची है ...वहीं स्थानीय ग्रामीण मोहन का कहना है दर्री तालाब में जो पचरी निर्माण हुआ वह तालाब की नहीं बल्कि उसकी निजी 47 डिसमिल जमीन पर किया गया है जिससे वो परेसान है....मनरेगा सीईओ ने कहा कि भृष्टाचार के आरोप की जांच मौके पर जाकर शुरू की है ग्रामीणों के बयान भी लेंगे जांच उपरांत ही स्पष्ट होगा कि सच्चाई क्या है। - fastnewsharpal.com
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 मनरेगा में भृष्टाचार के आरोपों की जांच शुरू



  सुरेंद्र जैन/धरसींवा

धरसींवा की ग्राम पंचायत सोंडरा में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत दो तालाबो के गहरीकरण में पूर्व सरपंच द्वारा भृष्टाचार का आरोप लगाने के बाद जनपद पंचायत की जांच समिति ने जांच शुरू कर दी है.....मनरेगा की सीईओ श्रीमती जया पाठक ने जांच दल के साथ 12 बजे सोंडरा पहुचकर पहले ग्रामीणों जनप्रतिनिधियो से चर्चा की इसके बाद मौके पर जाकर दोनो तालाबो को देखा....पूर्व सरपंच सन्तोष साहू का कहना है कि गांव के दर्री तालाब एवं  पनखटटी तालाब के गहरीकरण को मनरेगा के तहत करीब बीस लाख रुपये मंजूर हुए थे जिसमे साठ प्रतिशत राशि गहरीकरण यानी गोदी खुदाई में होना था लेकिन निर्माण एजेंसी सरपंच ने गहरीकरण नही कराया सिर्फ पचरी निर्माण कराया है....सरपंच बलराम साहू ने उन पर लगे आरोपो के जबाब में कहा कि गहरीकरण यानी गोदी मिट्टी खुदाई का काम भी कराया है लेकिन पूरा नहीं कराया कुछ राशि शेष बची है ...वहीं स्थानीय ग्रामीण मोहन का कहना है दर्री तालाब में जो पचरी निर्माण हुआ वह तालाब की नहीं बल्कि उसकी निजी 47 डिसमिल जमीन पर किया गया है जिससे वो परेसान है....मनरेगा सीईओ ने कहा कि भृष्टाचार के आरोप की जांच मौके पर जाकर शुरू की है ग्रामीणों के बयान भी लेंगे जांच उपरांत ही स्पष्ट होगा कि सच्चाई क्या है।

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