पोंड के मातर चौक मे हुआ लीला मंडली द्वारा अभिनय कर किया रावण दहन
पोंड के मातर चौक मे हुआ लीला मंडली द्वारा अभिनय कर किया रावण दहन
पोंड -चम्पारण(अभनपुर)
अभनपुर के समीप ग्राम पोंड मे वर्षो से चल रहे मातर चौक मे लीला मंडली द्वारा रावण दहन के प्रसंग पर अभिनय कर ग्राम के कलाकारों द्वारा बखूबी से अभिनय किया।
जो ग्राम के लोगो को देखने पर समा बांधा रखा साथ ही लोगो को हसाने मे जोकरो का अभिनय करने वाले कलाकारों ने खूब तालिया बजवाई साथ ही दर्शकों को हसाने मे कामयाब रहे।
इस दशहरे के मौके पर कुम्भकरण, मेघनाथ वध के साथ ही राम रावण युद्ध का अभिनय करने वाले कलाकारों द्वारा बेहतर अभिनय प्रसंग के माध्यम से किया।
वही राम और रावण युद्ध पश्चात रावण क़ी 12 फुट बने पुतले पर राम ने प्रहार कर रावण का नाश किया। जिसे देखने ग्रामीणों ने उत्साह पुर्वक उपस्थित हुए।
रावण को वर्षो से जलाते आये पर रावण के पुतले क़ी ऊचाई लगातार बढ़ते जा रहे है, आध्यात्मिकता के आधार पर यही कहा जा सकता है कि रावण का दस शीश दिखाया जाता है जो मानव मे निहित काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार का प्रतीक है जो इन विकारो का प्रतीक है साथ ही रावण ब्राह्मण के साथ महान पंडित भी बताया गया है पर सिर पर गदहे दिखाना अर्थात इन विकारो के वसिभुत होने पर कितना ही बड़ा कोई ज्ञानी हो आपा खोकर धर्म के विरुद्ध कार्य कर बैठते है।
दिन ब दिन संसार मे लोगो का अपने नजदीकी सम्बन्धियों से विस्वास उठता जा रहा है साथ ही अत्याचार पापाचार बढ़ता जा रहा है,।
मानव पैसे कमाने के लिए पाप करते आ रहे है जो धन संग्रह के लिए दूसरे लोगो से झल, कपट व पाप करते है पर मनुष्य को यह समझ आ जाये कि मेरे अपने किये कार्यों का फल खुद हमें ही भोगना पड़ेगा तो मनुष्य पाप कर्म छोड़ श्रेष्ठ कर्म कि ओर अग्रसर होते साथ ही यह भी ज्ञान बुद्धि मे रहता कि कोई भी मनुष्य जो गलत तरिके से धन संग्रह कर लाता है, और उसे उपभोग करने वाला समझ भी दोषी होता है यह समझ आ जाये तो मनुष्य नेक व श्रेष्ठ कार्य करने मे सहयोग करेगा ….