आज शारदीय नवरात्र, सूर्योदय की बेला और अभिजीत मुहूर्त श्रेष्ठ पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री
आज शारदीय नवरात्र, सूर्योदय की बेला और अभिजीत मुहूर्त श्रेष्ठ पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री
नवापारा राजिम
आज से शारदीय नवरात्र शुरू हो रहे हैं शक्ति की उपासना का यह पर्व देवी के 9 रूपों की आराधना के लिए प्रशस्त कहा गया है,ज्योतिष भूषण पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री ने बताया कि शड ऋतुओं में वर्ष भर में 4 बार नवरात्र का पर्व मनाया जाता है, शरद और चैत्र में प्रकट में मनाया जाता है और 2 बार गुप्त नवरात्र मनाए जाते हैं, देवी भागवत में स्पष्ट लिखा है की देवी का आह्वान, स्थापना और पूजा प्रातः काल में की जानी चाहिए, आज गुरुवार को सूर्योदय की किरण के साथ ही हस्त नक्षत्र से सजे मुहूर्त में घट स्थापना और ज्योत, जावरा का श्रेष्ठ मुहूर्त है, सर्व शुभकारी है, हस्त नक्षत्र दोपहर बाद 3 बजकर 31 मिनट तक है, इसके बाद चित्रा नक्षत्र है, देवी भागवत में चित्रा नक्षत्र में स्थापना पूजा का निषेध किया गया है,इसलिए इस नक्षत्र दोष से बचने के लिए अभिजीत मुहूर्त में मध्यान्ह 11:36 से 12:24 तक देवी की, घट स्थापना और ज्योत जावरा बोना "सर्व जन हिताय सर्व जन सुखाय " होगा