राजिम तहसील व राजस्व अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय के,मुख्य गेट के सामने, बैठे आमरण अनशन मे बुजुर्ग महिला ने कहा आदेश जारी होने के बाद आखिर कब मिलेगी न्याय ...?? - fastnewsharpal.com
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राजिम तहसील व राजस्व अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय के,मुख्य गेट के सामने, बैठे आमरण अनशन मे बुजुर्ग महिला ने कहा आदेश जारी होने के बाद आखिर कब मिलेगी न्याय ...??

 राजिम तहसील व राजस्व अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय के,मुख्य गेट के सामने, बैठे आमरण अनशन मे बुजुर्ग महिला ने कहा आदेश जारी होने के बाद आखिर कब मिलेगी न्याय ...??


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फिंगेश्वर की बुजुर्ग महिला अपनी उचित मांग पर घर में कब्जा दिलाने अधिकारी के आश्वासन की उम्मीद में आमरण अनशन में बैठी ,अधिकारी द्वारा  आदेश पारित होने पर अब आखिर मौन क्यों .....??

राजिम 

राजिम नगर के   तहसील व राजस्व अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय के  मुख्य गेट के सामने,2 अक्टूबर गांधी जयंती से अपनी मांग को लेकर, कार्यालय के सामने फिंगेश्वर निवासी 68 वर्षीय कमला  ठाकुर, व उनके पुत्र योगेश ठाकुर बैठे है। दोनों माँ -बेटा दिन रात मुख्य गेट के सामने आमरण अनशन मे बैठे है।




पीड़ित बुजुर्ग महिला कमला ठाकुर ने बताया कि,  उनकी बहु जो वर्षो से अपने मायके मे थी,  औऱ उनके बड़े बेटे ने तलाक के लिये गरियाबंद मे लगाया था, पर बेटे कि अचानक मृत्यु हो गया ,तो उस समय नजर नहीं आया औऱ अचानक हीं फिंगेश्वर मे घर मे थे, तो कुछ लोगो के साथ उनके घर मे, जबरदस्ती ही उनकी बहु दरवाजा तोड़कर,अपने घर मे कब्जा किया जाना बताया,साथ हीं कुल्हाड़ी लेकर आया था।जो कि उनके घर के सीसी कैमरा मे साफ साफ फुटेज है  जिसके भय से फिंगेश्वर थाना मे भी शिकायत किया, पर थाना द्वारा उचित कार्यवाही न होने पर, राजिम अनुविभागीय अधिकारी के पास शिकायत लगाया, तो अधिकारी द्वारा पूरा जाँच व बयान कर कब्जा करने का आदेश जारी किया गया,पर आदेश जारी होने के उपरांत हीं, राजस्व अनुविभागीय अधिकारी का अंयंत्र स्थानांतरण हो गया,उस आदेश के पालन के लिए,बार बार राजिम अनुविभागीय अधिकारी पास आया,पर अधिकारी द्वारा कब्जा दिलवाने का आश्वासन दिया गया था, पर मकान पर अभी तक कब्जा नहीं मिलने पर ,राजिम राजस्व अनुविभागीय कार्यालय के सामने,ज़ब तक अधिकारी द्वारा दिये आश्वासन, व पारित आदेश को पालन नहीं करता, तब तक आमरण अनशन जारी रखने का बात कहा, आइये  जानते है कि पीड़ित परिवार जो कार्यालय के सामने जमीन पर, हीं चौबीसे घंटे रह जान जोखिम मे डालकर अपने हक के लिये बैठे है।

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