साहित्यकार का जीवन दीपक की तरह होता है- बरीवाला
साहित्यकार का जीवन दीपक की तरह होता है- बरीवाला
(त्रिवेणी संगम साहित्य समिति ने मनाया दीपावली मिलन)
राजिम:-
त्रिवेणी संगम साहित्य समिति राजिम नवापारा जिला गरियाबंद के तत्वाधान में दीपावली मिलन समारोह त्रिवेणी संगम साहित्य सदन राजिम पथर्रा वार्ड नं 15 में संपन्न हुआ,कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप मोहन लाल मानिकपन,"भावुक "वरिष्ठ साहित्यकार थे,अध्यक्षता डॉ रमेश सोनसायटी,ने किया|कार्यक्रम का शुभारंभ माँ शारदे की स्तुति के साथ हुई,जिसे कोमल सिंह साहू ने प्रस्तुत किया उसके बाद उपस्थित कवियों ने अपनी अपनी उम्दा रचनाओं के माध्यम से काव्य की रस पूर्ण फुलझड़ियाँ छोड़ते हुए सभी के लिए मंगल कामना की, विचार संगोष्ठी को संबोधित करते हुए समिति के अध्यक्ष मकसुदन साहू" बरीवाला " ने कहा कि एक साहित्यकार का जीवन दीपक की तरह होता है जो स्वयम जल कर अपनी साहित्य रूपी प्रकाश से समाज को आलोकित करता है,अतः सभी साहित्यकार परहित कल्याण की भाव से कल्याणकारी रचना करे| मंच को संबोधित करते हुए डॉ रमेश सोनसायटी ने समिति के सभी सदस्यों को परिभाव भाव से रहते हुए,समाज के लिए एक नई मिशाल पेश करने की अपील की| कवि सम्मेलन की कड़ी में प्रथम कवि के रूप में माधुर्य कवि रोहित साहू ने जीवन रहस्य पर रचना प्रस्तुत किया तो,कवि किशोर निर्मलकर ने बेटी पर उम्दा रचना पढ़ी तो वरिष्ठ कवि मोहन लाल मानिकपन," भावुक "ने भाव पूर्ण रचना प्रस्तुत करके सबको सोचने पर विवश कर दिया,गजलकार रामेश्वर रंगीला एवम संतोष "प्रकृति", ने अपने चिर परिचित अंदाज में काव्य पाठ किया,कवि तुषार शर्मा नादान ने भोले बाबा की शानदार भजन प्रस्तुत करके खूब वाह वाही लूटी,तो कोमल सिंह साहू ने वर्तमान व्यवस्था पर प्रहार करते हुए लाजवाब रचना की प्रस्तुति दी तो कवि श्रवण कुमार साहू प्रखर ने छत्तीसगढ़ की गौरव गाथा पर जबरदस्त रचना पढ़े, कार्यक्रम का संचालन समिति के कोषाध्यक्ष श्रवण कुमार साहू " प्रखर "ने किया, आभार प्रकट किशोर कुमार निर्मलकर ने किया|