गरियाबंद नगर मे चार दिवसीय 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ विशालकाय भव्य और दिव्य कलश यात्रा - fastnewsharpal.com
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गरियाबंद नगर मे चार दिवसीय 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ विशालकाय भव्य और दिव्य कलश यात्रा

गरियाबंद नगर मे चार दिवसीय 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ विशालकाय  भव्य और दिव्य कलश यात्रा



गरियाबंद:--

 छत्तीसगढ़ की पवित्र भूमि गरियाबंद के प्राण स्वरूप गरियाबंद के हृदय स्थल गांधी मैदान में शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में आज शुक्रवार को चार दिवसीय 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ विशालकाय  भव्य और दिव्य कलश यात्रा के साथ किया गया।

 इस दौरान गरियाबंद जिले के अलावा अन्य जिलों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने भी कलश यात्रा में भाग लिया और धार्मिक उल्लास के साथ यात्रा में शामिल हुए।









गायत्री महामंत्र और सामूहिक शंखनाद और राष्ट्रीय गीत अरपा पैरी के धार के सु मधुर गायन से कलश शोभा यात्रा की शुरुआत मां गायत्री, पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य, और माता भगवती देवी के चित्र के समक्ष शांतिकुंज हरिद्वार से आए विद्वान आचार्यों ने मंगल व ध्वज गीतों के बीच कलश यात्रा का शुभारंभ किया गया। माथे पर कलश लिए पीतवस्त्रधारियों से पूरा शहर पट गया। मंगल गीतों व गगनभेदी जयकारों से वातावरण गुंजायमान हो उठा।


भव्य और दिव्य कलश यात्रा का पालिका अध्यक्ष ने पुष्पवर्षा कर किया स्वागत कहा दो दशक के बाद इस शुभ कार्यक्रम में शामिल होना गर्व की बात है


नगर पालिका अध्यक्ष गफ्फू मेमन अपनी पूरी पालिका टीम के साथ कलश यात्रा के भव्य स्वागत में लगे रहे वही श्रीमेमन ने कलश यात्रा में चल रहे लोगो का फूलो से स्वागत किया साथ ही पालिका अध्यक्ष ने कहा इस कार्यक्रम का गरियाबंद जिले में होना और इसमें शामिल होना बेहद गर्व की बात है मैं आप सभी नगरवासियो से निवेदन करता हूँ भारी संख्या में आकर इस कार्यक्रम का लाभ उठावे 


कलश यात्रा में कई भजन कीर्तन मंडली रही, जो देवी भजनों से लगातार लोगों को मनमोहित करती रही , साथ ही भगवान शिव की जीवन्त झांकी सबको सेल्फी लेने मजबूर कर रहा था । दूसरी पंक्ति में कार्यक्रम के आयोजक और हजारों महिलाओं का समूह रहा। ये महिलाएं अपनी संस्कृति में खुशी के साथ ध्वज पताका लिए मां गायत्री की जय-जयकार के नारों के साथ शहर की सड़कों पर निकले। इस पूरी यात्रा में गरियाबंद शहर

के  सभी समाजों ने स्वागत में फूल बरसाए।


लगभग 1008 कलश की यह यात्रा यज्ञ स्थल से संतोषी मंदिर होते हुए शारदा चौक , गौरव पथ , भूतेश्वर चौक  से मुख्य मार्ग होते हुए तिरंगा चौक से छीन तालाब पहुंची ,  वहां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश देवता का पूजन किया गया और जलपूर्ण कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसके बाद यात्रा सुभाष चौक , शीतला मंदिर , दुर्गा मंदिर होकर गायत्री मंदिर  होते हुए पुनः गायत्री गांधी मैदान पहुंची, जहां कलश देवता की महा आरती कर स्वागत वंदन किया गया ।


गरियाबंद के गांधी मैदान में  मुख्य मंच पर शांतिकुंज हरिद्वार से आए ऋषिपुत्रो द्वारा गायत्री महायज्ञ का उद्देश्य बताते  हुए बताया गया कि गायत्री परिवार द्वारा एक से चार जनवरी तक आयोजित 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ राष्ट्र को सक्षम, समर्थ, और समृद्ध बनाने का एक महान आध्यात्मिक प्रयोग है। उन्होंने कहा कि "मनुष्य एक भटका हुआ देवता है, यदि वह सही दिशा में चल पड़े तो उससे बढ़कर कोई श्रेष्ठ नहीं , गायत्री महायज्ञ मानव को सही दिशा में चलाने का उपाय है।

गरियाबंद वासियों के लिए नए वर्ष की सुबह  बेहद खास रही। गायत्री शक्तिपीठ गरियाबंद द्वारा आयोजित 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के लिए शहर में 1008 भव्य मंगल कलश यात्रा निकाली गई। माथे पर कलश लिए पीतवस्त्रधारियों से पूरा शहर पट गया। मंगल गीतों व गगनभेदी जयकारों से वातावरण गुंजायमान हो उठा। यात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। गरियाबंद में जगह-जगह अलग अलग संगठन के लोगों ने पुष्प वर्षा कर यात्रा का स्वागत किया गया। नगर पालिका अध्यक्ष एवं उनके पार्षदों द्वारा भी जल कलश यात्रा का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया , जल कलश यात्रा गांधी मैदान से दोपहर 1  बजे शुरू होकर शाम 5 बजे तक समाप्त हुआ ।  


यज्ञ स्थल के पास सप्त ऋषियों की प्रतिमा के साथ , श्री राम जी , श्री राधा कृष्ण जी की जीवन्त प्रतिमा विराजमान है , सफेद संग मरमर पत्थर में सजल श्रद्धा और प्रखर प्रज्ञा स्थापित है जो युगतीर्थ-गायत्री तीर्थ के मूल घटक हैं । युगतीर्थ के संस्थापक वेदमूर्ति, तपोनिष्ठ, युगऋषि, पण्डित आचार्य श्रीराम शर्मा एवं स्नेह सलिला वन्दनीया माता भगवती देवी शर्मा की वास्तविकस पहचान उनके शरीर से नहीं, उनके द्वारा प्रवाहित प्रखर प्रज्ञा एवं सजल श्रद्धा की सशक्त धाराएँ रही हैं ।  

यज्ञ स्थल के समीप ही चार दिवस तक चलने वाली प्रदर्शनी भी बनकर तैयार हो चुकी है। शांतिकुंज हरिद्वार से पुस्तक प्रदर्शनी, यज्ञ का ज्ञान विज्ञान प्रदर्शनी, साहित्य बिक्री स्टॉल लगा हुआ है। पिछले कई दिनों से तैयारी चल रही यज्ञशाला अपने पूर्ण स्वरूप में तैयार हो गई। संपूर्ण कार्यक्रम पूर्व सांसद चंदूलाल साहू ,जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष सरला को , फ़िगेश्वर जनपद अध्यक्ष पुष्प साहू , गायत्री परिवार गरियाबंद  के जिला समन्वयक टीकम चंद साहू , गायत्री परिवार के जिला संगठन प्रभारी रोमन चंद्राकर , मुख्य प्रबंध ट्रस्टी केशव साहू के अलावा हजारों लोग शामिल रहे।

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