*ब्रह्माकुमारीज़---माँ का आंचल सबसे सुकून भरा आसमान है--- बी. के. सावित्री दीदी* - fastnewsharpal.com
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*ब्रह्माकुमारीज़---माँ का आंचल सबसे सुकून भरा आसमान है--- बी. के. सावित्री दीदी*

 *ब्रह्माकुमारीज़---माँ का आंचल सबसे सुकून भरा आसमान है--- बी. के. सावित्री दीदी*



जावरा (म. प्र.)  

 माँ… एक ऐसा अद्भुत और अनोखा शब्द है,जिसमें पूरी दुनिया समाई हुई है। माँ न सिर्फ हमें जन्म देती है, बल्कि हमारी मुस्कान के लिए अपने सपनों तक को कुर्बान कर देती है। प्रतिवर्ष 11 मई को मातृत्व दिवस के रूप में मनाया जाता है, Mother’s Day सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि उस देवी को धन्यवाद कहने का दिन है,जिसने हमारी हर ख़ुशी को अपने त्याग तप और सम्पूर्ण जीवन की तपस्या  से  हमारा जीवन मूल्यवान  बना दिया है ।

    इस दिन हर बच्चा अपनी माँ को खास महसूस कराने की कोशिश करता है, लेकिन सच तो ये है, कि माँ को सम्मान देने के लिए एक दिन नहीं, हर दिन छोटा पड़ता है। माँ का प्यार  बिना शर्त का होता है, वह बिना थकावट के सबसे पहले उठती है, सबसे आख़िर में सोती है, और पूरे परिवार की चिंता अपने सिर पर लेती है — फिर भी शिकायत नहीं करती। उसकी गोद सबसे सुरक्षित जगह है और उसका आँचल सबसे सुकूनभरा आसमान। "मदर्स डे "हमें याद दिलाता है कि माँ सिर्फ एक रिश्ते का नाम नहीं, बल्कि एक जज़्बा है — त्याग, स्नेह, सहनशीलता और शक्ति का।बचपन में जब हम गिरते थे, तो हमें उठाने वाली वो थी।

कभी भूख लगी तो सबसे पहले अपनी थाली हमें देती थी।जब दुनिया से डर लगता था, तो माँ की आवाज़ ही हिम्मत देती थी। इस खास दिन पर हम सभी को माँ के चरणों में सिर झुकाकर यह वादा करना चाहिए कि

"हम उन्हें वही प्यार, वही देखभाल और वही सम्मान देंगे, जो उन्होंने हमें बिना किसी स्वार्थ के दिया।"क्योंकि माँ के बिना जीवन अधूरा है उक्त कथन जावरा शहर के पहाड़िया रोड स्थिति प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय सेवा केंद्र की संचालिका बी. के. सावित्री दीदी ने मातृतत्व दिवस पर कहे , इस अवसर पर सेवा केंद्र पर उपस्थित सभी मातृ शक्तियों के द्वारा दीप प्रज्वलित कर  कार्यक्रम को शुभारंभ किया गया मातृत्व दिवस के इस अवसर  पर ब्रह्माकुमारी दीदी जी ने   मातृ-शक्ति को सितारों से सजी चुनार, आकर्षक ताज और श्री फल देकर सम्मानित किया गया  ब्रह्मा कुमारी शिव कन्या दीदी ने कहाँ की इस मदर्स डे पर हम सबको यह प्रण लेना चाहिए कि माँ को हर दिन, हर पल सम्मान दें — क्योंकि माँ सिर्फ एक रिश्ता नहीं, एक जीती-जागती मूरत है प्रेम, त्याग और बलिदान की। माँ सिर्फ शब्द नहीं, एक संपूर्ण भावना है l

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