*बर्ड फीडर बनाकर घर घर वितरण, जैविक खेती, हैंड मेड साबुन, प्लास्टिक पुनरुपयोग, विज्ञान क्लब छात्र दे रहे पर्यावरण जागरूकता का संदेश*
*बर्ड फीडर बनाकर घर घर वितरण, जैविक खेती, हैंड मेड साबुन, प्लास्टिक पुनरुपयोग, विज्ञान क्लब छात्र दे रहे पर्यावरण जागरूकता का संदेश*
राजिम
स्वामी आत्मानंद रामबिशाल पाण्डेय उत्कृष्ट विद्यालय में गठित साइंस क्लब के बच्चे घर-घर जाकर बर्ड फीडर बाँट रहे और जनमानस को पक्षी संरक्षण और पर्यावरण जागरूकता का संदेश दे रहे। बढ़ती गर्मी और चिलचिलाती धूप से जहां एक ओर आम जनजीवन बेहाल है वही पशु पक्षियों की स्थिति अत्यंत भयावह है। ऐसे में जरूरत है इन मूक प्राणियों के प्रति संवेदनशीलता और जागरूक दृष्टिकोण अपनाने की।
इसी तारतम्य में विद्यालय में गठित प्रयागराज विज्ञान क्लब के सदस्य छात्र प्लास्टिक व अनुपयोगी वस्तुओं से बर्ड फीडर बनाकर आसपास क्षेत्रों में घर घर जाकर बांट रहे और पक्षियों को भोजन, पानी और सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे। विद्यालय की व्याख्याता क्लब प्रभारी समीक्षा गायकवाड़ ने बताया कि विगत तीन वर्षों से विज्ञान क्लब छात्रों द्वारा पक्षियों के लिए बर्ड फीडर बनाए जा रहे। स्कूल की छत से शुरू हुआ यह सिलसिला आज एक जागरूकता अभियान का रूप ले चुका है। छात्रों ने अपने घरों में, आसपास पेड़ों में बर्ड फीडर लगाए ताकि परिंदो के लिए उन तक पहुंचना आसान हो। गत वर्ष प्लास्टिक बोतलों, तेल के टिन, कार्डबोर्ड आदि से फीडर बनाकर शिक्षकों और समुदाय में वितरित किए। इस वर्ष व्यापक रूप से जन समुदाय को जागरूक करने की ठानी और प्लास्टिक, कार्डबोर्ड वस्तुओं से फीडर बनाकर गली मोहल्ले और आसपास क्षेत्रों में वितरण कर दाना पानी की व्यवस्था करने का आह्वान कर रहे जिसकी नगरवासियों द्वारा खुब प्रशंसा की जा रही। अभियान के फलस्वरूप अधिकतर लोग अपने घर की छतों, रोशनदान, आंगन आदि में बर्ड फीडर की व्यवस्था कर रहे। कुछ घरों में चिड़ियों ने अपना बसेरा बना लिया है। याचना और देवप्रिया साहू के घर बर्ड फीडर में नवजात चिड़ियों का पालन-पोषण हो रहा।
छात्र ही समाज और राष्ट्र का भविष्य हैं। इसलिए छात्र जीवन से ही पर्यावरण के प्रति जागरूकता और सकारात्मक दृष्टिकोण की नींव आवश्यक है। इस सोच के साथ ही विज्ञान शिक्षिका गायकवाड़ छात्रों में पर्यावरण अनुकूल व्यवहार संबंधी गतिविधियों एवं परियोजनाओं का आयोजन कर रहीं। विज्ञान क्लब की अध्यक्ष छात्रा मोनिका देवांगन ने बताया कि पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली सीखने के उद्देश्य से स्कूल प्रांगण में क्लब छात्रों द्वारा जैविक खेती और जैविक खाद बनाया जाता है। मुनाफें के लिए सब्जियों और फसलों में उपयोग किए जाने वाले हानिकारक केमिकल से मृदा प्रदूषण और मानव स्वास्थ्य पर घातक असर हो रहा। इससे बचाव और सजगता के लिए क्लब द्वारा पालक, गोभी, टमाटर, मूली, धनिया, मिर्च आदि सब्जियों जैविक खेती की गई और शिक्षकों और समुदाय में वितरित किया गया। उपाध्यक्ष याचना साहू लक्ष्मी वर्मा ने बताया कि क्लब द्वारा प्रतिवर्ष शाला प्रांगण में पौधरोपण किया जाता है। साथ ही छात्रों द्वारा अपने घरों और परिचितों से छायादार पौधे लगाए जाते है। पिछले वर्ष एक पेड़ मां के नाम अंतर्गत सेल्फी विद पौधरोपण अभियान द्वारा छात्रों ने परिजन द्वारा सैकड़ों की संख्या में पेड़ लगाए।
छात्र करते हैं अपने हाथों से बने आर्गेनिक साबुन का प्रयोग। रसायन शिक्षिका के मार्गदर्शन में क्लब के छात्रों ने प्राकृतिक सामाग्री से साबुन बनाना सीखा। हैंड मेड साबुन बनाकर विद्यालय के शिक्षकों और समुदाय को वितरित कर पर्यावरण अनुकूल व्यवहार अपनाने का संदेश दे रहे। विज्ञान क्लब सदस्यों में शकुंतला साहू, रूद्र पटेल,मनीष साहू, वैभव यादव, मोहिनी साहू, भारती साहू, कीर्ति साहू, खुशी साहू, नम्रता साहू, सोनाली सोनी, रूमिना शाह आदि शामिल हैं। विज्ञान क्लब शिक्षिका और छात्रों के इन प्रयासों की शाला विकास समिति अध्यक्ष सुजाता शर्मा, सदस्य विवेक शर्मा राष्ट्रीय आईटी सेल प्रभारी, सांसद प्रतिनिधि सोमनाथ पटेल, विधायक प्रतिनिधि खुशी साहू, संजीव साहू, महेंद्र कश्यप, विजेता देवानी, चंदन बंजारे, प्रतिभा शर्मा, सलमा कौसर एवं प्राचार्य संजय एक्का, वरिष्ठ व्याख्याता बी एल ध्रुव, प्रधानपाठक अजयगिरी गोस्वामी, सागर शर्मा एनसीसी अधिकारी, कमल सोनकर, गोपाल देवांगन, शिखा महाड़िक, नीता यादव, कैलाश साहू, साक्षी जपे, प्रणिती चंद्राकर, जितेन्द्र साहू, शशिकला सिन्हा आदि ने सराहना की है।