अल्टी पलटी गैंग को कौन दे रहा प्रतिदिन सैंकड़ों घरेलू सिलेंडर - fastnewsharpal.com
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अल्टी पलटी गैंग को कौन दे रहा प्रतिदिन सैंकड़ों घरेलू सिलेंडर

 अल्टी पलटी गैंग को कौन दे रहा प्रतिदिन सैंकड़ों घरेलू सिलेंडर



   सुरेंद्र जैन/ धरसीवां

अल्टी पलटी गैंग अर्थात पड़ोसी राज्यों से आकर किराए की दुकान लेकर घरेलू गैस से दूसरे सिलेंडरों में गैस ट्रांसफर करने वाली गैंग जो राजधानी रायपुर के आसपास औद्योगिक क्षेत्रों में इस अवैध काम से लाखों की काली कमांई करने में लगी है लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर प्रतिदिन  तीज तिहार की छुट्टी ओर रविवार को भी इन्हें पहुंचा पहुंचाकर भारी मात्रा में घरेलू सिलेंडर कौन दे रहा है।

   सूत्रों की माने तो राजधानी रायपुर के आसपास औद्योगिक क्षेत्र उरला सिलतरा सांकरा चरोदा में कुछ पड़ोसी राज्य की एक गैंग लंबे समय से सक्रिय है जो उद्योगों के लेबर ठेकेदारों के माध्यम से एक सौ बीस रुपए किलो में प्राइवेट सिलेंडरों में घरेलू गैस ट्रांसफर करते हैं साथ ही घरेलू गैस को पांच केजी ओर 19 केजी के कामर्शियल सिलेंडरों में ट्रांसफर भी करते हैं इससे कामर्शियल डिस्टीब्यूटरों की कामर्शियल सप्लाई पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है।


 *क्या करते हैं लेबर ठेकेदार*

  औद्योगिक इकाइयों में अधिकांश लेबर ठेकेदार भी पड़ोसी राज्यों के हैं और वह जिस राज्य के हैं उन्होंने अपने  ही राज्य के व्यक्ति की किराए से  दुकान लेकर दुकान खुलवा ली हैं ताकि स्थानीय ग्रामीणों के माध्यम ओर छोटे दुकानदारों का व्यवसाय चौपट कर अपना व्यापार भी चला सकें इसके लिए वह अपनी लेबर को राशन गैस आदि खरीदने नगदी नहीं देते बल्कि अपनी खुलवाई गई दुकान पर भेजते हैं जहां से उन्हें राशन जूता चप्पल चड्डी बनियान कपड़ा गैस आदि सभी सामान दे दिया जाता है और दुकानदार उनके नाम की पर्ची बनाकर ठेकेदार को देता है महीने में किस मजदूर के कितने हुए ठेकेदार उतने काटकर लेबर को पेमेंट देता है  और अपने क्षेत्र के उस दुकानदार को दस प्रतिशत काटकर पेमेंट कर देता है दस प्रतिशत इसलिए क्योंकि लेबर को मनमाने रेट पर उधारी में सामान दिया जाता है।


 *कैसे मिलते हैं हर समय घरेलू सिलेंडर*

 सूत्रों के मुताबिक अल्टी पलटी गैंग को घरेलू सिलेंडरों की कभी कमी नहीं होती क्योंकि उन्हें उनके स्थान तक खुद एजेंसी संचालक के कर्मचारी दिनभर भरपूर घरेलू सिलेंडर देते हैं 

  लेकिन ये घरेलू सिलेंडर उन्हें क्यों मिलते रहते है तो इसके पीछे है उज्ज्वला के कार्डधारी 

    उज्ज्वला के सेकड़ों कनेक्शन औद्योगिक क्षेत्र से लगे गांवों के ग्रामीणों के नाम पर हुए हैं लेकिन ग्रामीण फैक्ट्रियों की काली राख के लड्डू बनाकर कोयले के रूप में जलाते है इस कारण अधिकांश उज्ज्वला उपभोक्ताओं को गैस की जरूरत नहीं पड़ती उन्हीं के कार्ड लेकर उन पर रिफिल बताकर घरेलू गैस की टंकियों को अल्टी पलटी गैंग को सप्लाई होती है 

  औद्योगिक क्षेत्रों से करीब तीस चालीस किलो मीटर की दूरी की ग्रामीण वितरक एजेंसियों से प्रतिदिन सुबह से रात तक ओर छुट्टी के दिन यानी साल के पूरे 365दिन उज्ज्वला कनेक्शनधारियों के नाम पर अल्टी पलटी गैंग को घरेलू सिलेंडरों की भरपूर आपूर्ति होती है

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