नागपंचमी पर भोले के दर पर बालभक्तों ने अर्पित की आस्था,कांवड़ यात्रा में दिखा नन्हे कदमों का बड़ा समर्पण,धार्मिक शिक्षा के साथ संस्कारों की पवित्र प्रस्तुति - fastnewsharpal.com
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नागपंचमी पर भोले के दर पर बालभक्तों ने अर्पित की आस्था,कांवड़ यात्रा में दिखा नन्हे कदमों का बड़ा समर्पण,धार्मिक शिक्षा के साथ संस्कारों की पवित्र प्रस्तुति

 नागपंचमी पर भोले के दर पर बालभक्तों ने अर्पित की आस्था,कांवड़ यात्रा में दिखा नन्हे कदमों का बड़ा समर्पण,धार्मिक शिक्षा के साथ संस्कारों की पवित्र प्रस्तुति



गरियाबंद,

गरियाबंद में आज नागपंचमी के पावन अवसर पर आध्यात्म और संस्कार का अनुपम संगम देखने को मिला। नगर के प्रतिष्ठित शिशु वाटिका विद्यालय के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ भगवान भोलेनाथ की कांवड़ यात्रा निकाली। ये आयोजन केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति की भावी पीढ़ी में रोपण का प्रेरक प्रयास था।


शिवभक्ति में रंगी बाल कांवड़ यात्रा


विद्यालय के बच्चों ने पारंपरिक वेशभूषा में सजकर अपने छोटे-छोटे कंधों पर कांवड़ उठाई और “बोल बम” के जयकारों के साथ स्कूल से तहसील कार्यालय परिसर स्थित भोलेनाथ मंदिर तक यात्रा निकाली। रास्ते भर बच्चों ने भोलेनाथ की स्तुति गाई और शिव-पार्वती के चित्रों के साथ भक्तिमय झांकियाँ भी प्रस्तुत कीं।


यात्रा का नेतृत्व विद्यालय के दीदी कर रहे थे उन्होंने बताया कि “इस प्रकार के आयोजन से बच्चों में ईश्वर के प्रति आस्था तो जागती ही है, साथ ही भारतीय संस्कृति और परंपरा की गहराई से समझ भी विकसित होती है।”


तहसील कार्यालय परिसर में पूजन-अर्चन


भोलेबाबा के मंदिर में पहुँचकर बच्चों, शिक्षकों और समिति सदस्यों ने विधिवत पूजन-अर्चन किया। वैदिक मंत्रोच्चार और फूलों से सजी थालियों के साथ भगवान शिव को जलाभिषेक अर्पित किया गया। बालभक्तों ने हाथ जोड़कर भोलेनाथ से आशीर्वाद मांगा और देश-दुनिया की सुख-शांति की कामना की।


समिति के पदाधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति


इस अवसर पर भूतेश्वर नाथ बाल संस्कार समिति के अध्यक्ष  लोकनाथ साहू, उपाध्यक्ष श्रीमती ताकेश्वरी (तनु) साहू, विद्यालय के आचार्यगण, शिक्षिकाएं (दीदी), आया दीदी सहित बड़ी संख्या में अभिभावक और गणमान्य नागरिक भी मौजूद रहे। सभी ने बच्चों की शिवभक्ति और आयोजन की सादगीपूर्ण गरिमा की सराहना की।







बाल संस्कार समिति के अध्यक्ष लोकनाथ साहू ने अपने उद्बोधन में कहा: 

“बालमन में भक्ति और संस्कार का बीज जितना जल्दी बोया जाए, उतना ही समाज का भविष्य उज्जवल होता है।

भोलेनाथ की भक्ति बच्चों को अनुशासन, श्रद्धा और सेवा भाव सिखाती है।”


भविष्य की नींव में संस्कार जरूरी: तनु साहू


बाल संस्कार समिति के उपाध्यक्ष तनु साहू ने अपने उद्बोधन में कहा:

“इन नन्हें बच्चों के मन में यदि भक्ति और संस्कार का बीज आज पड़ जाए, तो यही पीढ़ी आगे चलकर समाज को दिशा देगी। शिव की उपासना केवल कर्मकांड नहीं, आत्मनियंत्रण, संयम और सेवा का प्रतीक है।”


संस्कारों से सजी शिक्षा की राह


विद्यालय द्वारा आयोजित यह पहल केवल त्योहार मनाने तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसके माध्यम से विद्यार्थियों को कर्तव्य, अनुशासन और परंपरा के मूलभूत भाव भी सिखाए गए। आयोजन के समापन पर सभी बच्चों को प्रसाद वितरित किया गया।इस आयोजन ने यह सिद्ध किया कि अगर शिक्षा के साथ संस्कार जुड़ जाएं, तो भावी पीढ़ी न केवल बुद्धिमान, बल्कि संस्कृति-संपन्न भी बनती है।

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