साल का आखिरी चन्द्र ग्रहण आज रात को भारत में दृश्य एवं मान्य- पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री
साल का आखिरी चन्द्र ग्रहण आज रात को
भारत में दृश्य एवं मान्य- पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री
नवापारा नगर
आज चंद्रग्रहण है,ज्योतिष के अनुसार यह खंडग्रास चन्द्र ग्रहण है जो पूरे देश में दिखाई देगा, ज्योतिष भूषण पण्डित ब्रह्मदत शास्त्री ने बताया कि ग्रहण वैसे तो विशुद्ध खगोलीय घटना होते हैं, जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है तो सूर्य की रोशनी चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती तो यह घटना चंद्रग्रहण कहलाती है, चन्द्र ग्रहण पूर्णमासी को ही पड़ता है, पूर्ण चंद्र की स्थिति में आज
रात 9.57 पर शुरू हो रहा है रात्रि 11.41पर यह अपनी चरम अवस्था में रहेगा, जिसे मध्यकाल भी कहते हैं और इसकी पूर्णता अर्द्ध रात्रि 1.26पर होगी, इसे मोक्ष काल कहते हैं यहां पर चंद्रमा ग्रहण से मुक्त हो जाएगा, इस प्रकार कुल 3 घंटे और 29 मिनट तक ग्रहण रहेगा, शास्त्री जी ने बताया कि चंद्रग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से 9घंटे पहले शुरू हो जाता है, इस मान से आज दोपहर दिन में 12.570से इसका सूतक लग जाएगा, सूतक एवं ग्रहण के समय मन्दिरों के कपाट बंद रखे जाते हैं, धर्म ग्रंथों एवं माला इत्यादि का स्पर्श नहीं किया जाता, अन्न इत्यादि ग्रहण नहीं करते है, हां इस काल में ध्यान, मंत्र जप, नाम स्मरण जरूर करना चाहिए, यह परम पुण्य दायक हैं, ग्रहण समाप्त होने पर स्नान आदि करके मन्दिरों की धुलाई सफाई की जाती है, मन्दिर में विराजित देव प्रतिमाओं को स्नान अभिषेक, श्रृंगार कराया जाता है, ग्रहण का अपना ज्योतिष शास्त्रीय एवं पौराणिक महत्व भी है, समुद्र मंथन के समय जब अमृत निकला था तो राहु केतु राक्षस भेष बदलकर सूर्य चन्द्र के बीच आकर बैठ जाते है, जिसे पहचानकर भगवान विष्णु अपने चक्र से उनका सिर धड़ से अलग कर देते हैं, सिर राहु और धड़ केतु हो जाते हैं जो प्रतिषेध में सूर्य और चन्द्र को ग्रसते हैं, आज जो चंद्रग्रहण पड़ रहा है वह पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में कुंभ राशि के चंद्रमा पर पड़ रहा है, इसके प्रभाव स्वरूप वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, वृश्चिक, मकर, कुंभ व मीन राशि वालों के लिए कष्ट दायक और मेष, कन्या, व धनु राशि वालों के लिए लाभ दायक है, ब्रह्मदत्त शास्त्री ने कहा कि अनिष्ट निवारण के लिए महाकाल देवाधिदेव महादेव का जलाभिषेक व उनके वैदिक मंत्रों का जप करना चाहिए,