गरीबों के मसीहा डॉ. रज्जाक मेमन की पुण्यतिथि पर गरियाबंद हुआ भावुक, तिरंगा चौक पर पुष्पांजलि और कैंडल जलाकर किया नमन - fastnewsharpal.com
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गरीबों के मसीहा डॉ. रज्जाक मेमन की पुण्यतिथि पर गरियाबंद हुआ भावुक, तिरंगा चौक पर पुष्पांजलि और कैंडल जलाकर किया नमन

 गरीबों के मसीहा डॉ. रज्जाक मेमन की पुण्यतिथि पर गरियाबंद हुआ भावुक, तिरंगा चौक पर पुष्पांजलि और कैंडल जलाकर किया नमन



गरियाबंद,

ग़रीबों के मसीहा कहे जाने वाले डॉ. अब्दुल रज्जाक मेमन की सातवीं पुण्यतिथि पर मंगलवार की शाम नगर के तिरंगा चौक में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान लोगों ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर और कैंडल जलाकर उन्हें नमन किया।



डॉ. मेमन वह शख्सियत रहे, जिनकी पहचान गरियाबंद ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में गूंजती थी। लोग जब बाहर अपने शहर का नाम बताते थे तो सामने से जवाब मिलता – “अच्छा, वही गरियाबंद जहाँ डॉ. मेमन रहते हैं।” वे सिर्फ़ चिकित्सक नहीं, बल्कि हर दुख-सुख में सहभागी बनने वाले एक सच्चे इंसान थे। चाहे गरीब हो या अमीर, गाँव हो या शहर – हर जुबान पर बस डॉ. साहब का नाम हुआ करता था। उनके दरवाज़े पर कभी कोई निराश नहीं लौटा। आधी रात को भी यदि किसी की तबीयत बिगड़ती तो डॉ. मेमन तुरंत पहुँच जाते थे।


19 सितम्बर 2017 को जब उनका निधन हुआ था, उस मंजर ने पूरे शहर को शोक में डुबो दिया था। हज़ारों की भीड़ “डॉ. मेमन अमर रहें” के नारों के बीच उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुई थी। पूरा नगर गुलाब की पंखुड़ियों से ढक गया था और हर चौक-चौराहा सूना पड़ा था।


“डॉ. साहब ने हमें सेवा का असली अर्थ सिखाया” – शाबिर भाई

श्रद्धांजलि अर्पित करते समय डॉ. मेमन के करीबी मित्र शाबिर भाई भावुक हो उठे। उन्होंने कहा, “डॉ. साहब ने अपना पूरा जीवन जनता की सेवा में लगा दिया। मैंने उन्हें ज़रूरतमंद मरीजों को न केवल मुफ़्त इलाज करते हुए देखा है, बल्कि दवा ख़रीदने के लिए पैसे भी देते देखा है। उनका सादा जीवन और सेवा भाव हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा। आज वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें और उनकी कही बातें हमें आगे बढ़ने का रास्ता दिखाती हैं।”


“गरियाबंद ने अपना देवता समान इंसान खोया था” – पार्षद छगन यादव

कार्यक्रम में पार्षद छगन यादव ने भी डॉ. मेमन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “डॉ. साहब गरीबों के लिए भगवान से कम नहीं थे। उनके पास पैसे हों या न हों, इलाज और दवा हर किसी को मिलता था। आज उनकी कमी पूरे नगर को खलती है। हम सबके लिए वे प्रेरणा थे और रहेंगे।”


कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नगरवासी, जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे और “डॉ. मेमन अमर रहें” के नारों के बीच उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

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