गरियाबंद में बड़ी कार्रवाई! दो निजी अस्पतालों का आयुष्मान पंजीयन निलंबित — गंभीर लापरवाही उजागर
गरियाबंद में बड़ी कार्रवाई! दो निजी अस्पतालों का आयुष्मान पंजीयन निलंबित — गंभीर लापरवाही उजागर
सोमेश्वर और लाइफ लाइन हॉस्पिटल पर गिरी गाज, एक्सपायरी दवाओं से लेकर डॉक्टरों की कमी तक कई खामियां पकड़ी गईं
गरियाबंद,
मिली जानकारी अनुसार जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था में हड़कंप मच गया है। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और नर्सिंग होम एक्ट के तहत की गई औचक जांच में दो निजी अस्पतालों की गंभीर लापरवाही सामने आई, जिसके बाद प्रशासन ने कड़ा एक्शन लेते हुए दोनों अस्पतालों का पंजीयन निलंबित कर दिया है।
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निरीक्षण में निकली चौंकाने वाली खामियां
जांच दल ने सोमेश्वर हॉस्पिटल और लाइफ लाइन हॉस्पिटल का निरीक्षण किया, जहां एक के बाद एक गंभीर अनियमितताएं सामने आती गईं—
• इन-हाउस लैब की सुविधा नहीं
• अधोसंरचना की खराब स्थिति
• मरीजों के लिए अनिवार्य रैम्प का अभाव
• बीएमडब्ल्यू (बायो मेडिकल वेस्ट) का NOC नहीं
• ओपीडी से आईपीडी में मनमाना और अनुचित रूपांतरण
• योग्य ड्यूटी डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की कमी
• रजिस्टरों का सही रखरखाव नहीं
• अस्पतालों में एक्सपायरी दवाइयों का मिलना, जो सबसे गंभीर लापरवाही मानी गई
इन तमाम खामियों ने निरीक्षण टीम को हैरान कर दिया और तुरंत कठोर कार्रवाई की सिफारिश की गई।
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तीन और छह महीने की सख्त सजा
गंभीर कमियों को ध्यान में रखते हुए—
• सोमेश्वर हॉस्पिटल का आयुष्मान पंजीयन 03 माह के लिए
• लाइफ लाइन हॉस्पिटल का पंजीयन 06 माह के लिए
निलंबित किया गया है।
यह कार्रवाई पूरे जिले के निजी अस्पतालों के लिए कड़ा संदेश बनकर सामने आई है।
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सीएमएचओ की चेतावनी — “भविष्य में भी नहीं बख्शेंगे”
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने स्पष्ट कहा—
“किसी भी अस्पताल में इस तरह की अनियमितता मिलने पर और भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। मरीजों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं।”
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जिले में बढ़ी सतर्कता—स्वास्थ्य विभाग अब एक्शन मोड में
इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र के अन्य अस्पताल और नर्सिंग होम भी सतर्क हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम अगले कुछ दिनों में और भी निरीक्षण करने वाली है।

