रोका-छेका अभियान अंतर्गत ग्रामीणों ने लिया संकल्प - fastnewsharpal.com
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रोका-छेका अभियान अंतर्गत ग्रामीणों ने लिया संकल्प

गरियाबंद
रोका-छेका अभियान अंतर्गत ग्रामीणों ने लिया संकल्प
परम्परागत व्यवस्था को मिलेगी मजबूती
जिले में अभियान को लेकर उत्साहपूर्ण माहौल
गरियाबंद - किसान एक ओर जहां खरीफ फसल बोने के लिए तैयारी कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर रोका-छेका अभियान अंतर्गत मवेशियों को खुले में चराई से रोकने ग्रामीण संकल्प ले रहे हैं। इससे गांव के किसान और मवेशी पालक उत्साहित है साथ ही पशुओं के चराई से होने वाले नुकसान से चिन्तामुक्त है। प्रदेश के मुखिया श्री भूपेश बघेल के इस विचार का ग्रामीणजन सराहना कर रहे है।
 कलेक्टर श्री छतर डेहरे के मार्गदर्शन में जिले के गरियाबंद,छुरा, फिंगेश्वर,मैनपुर,देवभोग विकासखंडों के सभी ग्रामों में गौठान प्रबंधन समिति,पंचायत प्रतिनिधि,किसान,महिला समूह और ग्रामीणजन रोका-छेका अभियान को मूर्तरूप देने रणनीति बनाने एकजुट हुए। गौठान ग्राम में गौठान में ही संकल्प लिया गया है। गरियाबंद विकासखंड अंतर्गत आज ग्राम पारागांव, सढ़ौली, फुलकर्रा, तेन्दूबाय, आमदी (म), फिंगेश्वर विकासखंड के ग्राम भेंड्री, परसदाकला, बरभाठा,खुटेरी, छुरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम देवरी, रानीपरतेवा में रोका-छेका अभियान के लिए रणनीति तैयार कर संकल्प लिया गया।
इस दौरान जिला पंचायत सी.ई.ओ श्री विनय कुमार लंगेह फुलकर्रा में आयोजित रोका-छेका अभियान में शामिल हुए।
ग्राम पारागांव के सियान श्री लक्ष्मी बारले ने कहा कि शासन के इस निर्णय से घुमन्तू मवेशियों को रोकने में हमे मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि अब गांव में गौठान होने से मवेशियों को इधर-उधर भेजने की परेशानी भी नही रहेगी। गांव के ही किसान तिलकराम ,सीयाराम ध्रुव, माधव ध्रुव ने कहा कि हालाकि पहले हमें मवेशियों को रोकने के लिए पशुपालकों पर दबाव बनाना पड़ता था। लेकिन इस निर्णय से पुशपालक स्वतः गौठान तक पशुओं को ले जायेंगे। इससे हम निश्चिंत होकर खेती किसानी करेंगे। सरपंच श्रीमती अमरबाई धु्रव ने कहा कि गौठान प्रबंधन समिति और पंचायत ने मिलकर यह संकल्प लिया है कि हम अपने मवेशियों को चराई हेतु खुला न छोड़ते हुए गौठानो में भेजंेगे।ज्ञात है कि यहां तीन एकड़ क्षेत्र में गौठान बनाया गया है। यहां 370 मवेशियों की  रहने की व्यवस्था है। जिले में 48 गौठान बनाये गये हैं। वहीं 36 चारागाह बनाये जायेंगे। इनमें से 28 चारागाह पूर्ण हो चुके है।
ज्ञातव्य है कि शासन द्वारा फसलों की सुरक्षा और बहुफसली क्षेत्र के विस्तार के लिए रोका-छेका प्रथा पर प्रभावी अमल सुनिश्चित करने 19 जून से 30 जून तक प्रदेश भर में अभियान चलाया जा रहा है। ग्रामीण और शहरी पशुपालक खुली चराई रोकने और सड़कों को मवेशीमुक्त बनाने के उपायों और रणनीतियों पर मंथन करेंगे। वे इस दौरान फसलों को चराई से बचाने मवेशियों का रोका-छेका करने शपथ भी लेंगे। गौठानों में विविध आयोजनों के जरिए कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों की योजनाओं से किसानों को लाभान्वित किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि इससे पूरे वर्ष भर खेती संभव होगी और बहुफसली क्षेत्रों का विस्तार होगा। रोका-छेका से खेतों, बाड़ियों और उद्यानों की सुरक्षा के साथ पशुधन भी सुरक्षित रहेंगे।इसमें नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना के तहत गांव-गांव में स्थापित गौठान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। खेती के लिए जैविक खाद उपलब्ध कराने के साथ ही गौठान ग्रामीणों के लिए आजीविका केंद्र के रूप में विकसित हो रहे हैं। कृषि और किसानों से संबंधित विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। ग्रामीणों के बीच रोका-छेका पर प्रभावी अमल के उपायों पर चर्चा के साथ ही गौठानों में उत्पादित कम्पोस्ट खाद का वितरण तथा स्वसहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्रियों का प्रदर्शन किया जाएगा। गौठानों में पशु चिकित्सा तथा पशु स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। कृषि तथा पंचायत विभाग ने कृषि, पशुपालन और मछलीपालन की विभिन्न योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को देते हुए गौठानों में पैरा संग्रहण एवं भण्डारण की मुहिम चलाने के निर्देश दिए हैं। मानसून के दौरान वर्षा ऋतु में वृक्षारोपण के लिए संकल्प भी लिए जाएंगे। गांवों और गौठानों में आयोजित कार्यक्रमों और गतिविधियों में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने सभी सावधानियां बरतने के निर्देश दिए गए हैं। इन आयोजनों में एक-दूसरे से शारीरिक दूरी बनाए रखना तथा मास्क या कपड़े से मुंह ढंकना सुनिश्चित करने कहा गया है। नगरीय क्षेत्रों को भी आवारा पशु से मुक्त, साफ-सुथरा एवं दुर्घटना मुक्त रखने के लिए सभी नगरीय निकायों में ‘‘रोका-छेका संकल्प अभियान’’ चलाया जाएगा।
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