*कोविड-19 के संदर्भ में योग की महत्व और उपयोगिता पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन:* - fastnewsharpal.com
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*कोविड-19 के संदर्भ में योग की महत्व और उपयोगिता पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन:*

कोविड-19 के संदर्भ में योग की महत्व और उपयोगिता पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन

प्रगति कॉलेज रायपुर में शिक्षा संकाय के द्वारा कोविड-19 के संदर्भ में योग के महत्व और उपयोगिता विषय पर ई-अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया । अतिथि व्याख्यान में विषय विशेषज्ञ और मुख्य वक्ता के रूप में श्री लोमस कुमार साहू सहायक प्राध्यापक सेठ फूलचंद अग्रवाल स्मृति महाविद्यालय नवापारा सादर आमंत्रित रहे । आयोजन के आरंभ में डॉक्टर के.एन. गजपाल विभाग अध्यक्ष शिक्षा संकाय प्रगति कॉलेज के द्वारा वक्ता के संदर्भ में परिचयात्मक संबोधन करते हुए आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला गया ।और संदर्भित विषय पर विषय वक्ता के रूप में अतिथि व्याख्यान हेतु सहायक अध्यापक श्री लोमस कुमार साहू का स्वागत किया गया। अपने व्याख्यान के आरंभ विषय विशेषज्ञ श्री लोमस कुमार साहू ने इस आयोजन के लिए प्रगति कॉलेज परिवार को धन्यवाद ज्ञापित कर संदर्भित विषय पर विस्तृत चर्चा करते हुए बताया कि वर्तमान परिदृश्य का दो स्वरूप हमें विकास और विनाश के रूप में देखने को मिलता है। एक ओर जिस स्तर से शिक्षा, तकनीकी, विज्ञान, सुख सुविधाओं के आवश्यक वस्तुओं का ज्यादा से ज्यादा विकास हुआ उतने ही तेजी से मानसिक और शारिरिक विकार भी तेजी से बढ़ा जिसका सबसे बड़ा उदाहरण तनाव और अवसाद है। वहीं दूसरी ओर विनाश के रूप में संस्कृति परंपरा संस्कार नैतिक आचरण कहीं ना कहीं व्यवहारिक जीवन शैली में खोता जा रहा है इस वैश्विक महामारी के दौर में योग ही एकमात्र ऐसा सरल उपाय हैं जो मानव समुदाय को मानसिक और शारीरिक बीमारियों से बचा सकता है ।और वैश्विक महामारी के रूप में दिखाई देने वाले कोरोनावायरस से लड़ने में हमें क्षमता और सुदृढ़ता प्रदान कर सकता है इसलिए योग को ज्यादा से ज्यादा अपने दैनिक दिनचर्या में शामिल करने की आज नितांत आवश्यकता है। इस वैश्विक महामारी ने मनुष्य को शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूपों में सबसे ज्यादा प्रभावित किया है जिसके कारण शारीरिक बीमारियों का बढ़ना और मानसिक रूप से मनुष्य में डर, घबराहट, चिड़चिड़ापन, क्रोध भावात्मक अस्थिरता, नींद ना आना, तनाव और अवसाद, जैसे मानसिक विकार ज्यादा से ज्यादा बढ़ रहे हैं इन परिस्थितियों में योग ही हमें वह स्वास्थ्य प्रदान कर सकता है जिसकी जरूरत आज की परिस्थितियों में सबसे ज्यादा है इसलिए योग महत्वपूर्ण और उपयोगी है। योग ही एकमात्र ऐसी जीवन पद्धति है जो हमें आज के दौर में बड़े से बड़े असाध्य बीमारियों से बचा सकता है और हमें आरोग्य प्रदान कर सकता है। इसके लिए हमारे दिनचर्या का निश्चित और नियमित होना अत्यंत आवश्यक है। वर्तमान परिपेक्ष में योग की महत्व और उपयोगिता इस बात से भी है की मनुष्य के आचार, विचार और व्यवहार इससे संयमित और संतुलित होते हैं योग के क्षेत्र में आसन और प्राणायाम शरीर को इस प्रकार से निर्मित करते हैं कि वह हर रोग से लड़ने की क्षमता रखता है । इस वैश्विक महामारी के दौर में सबसे ज्यादा जरूरत मनुष्य के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का होना है जो योग की विभिन्न आसन जैसे ताड़ासन, भुजंगासन, मयूरासन, सर्पासन, मत्स्यासन, उष्ट्रासन ,आदि को करने से प्राकृतिक रूप से बढ़ जाता है और प्राणायाम शरीर में प्राणिक ऊर्जा को प्रबल बनाता है, जिससे शरीर किसी भी रोग से लड़ने की क्षमता रखता है।अनुलोम विलोम, कपालभांति, भस्त्रिका, उज्जयी, भ्रामरी आदि प्राणायाम अधिक लाभकारी है। इसलिए आज के दौर में योग सभी मनुष्य के लिए बहुत ही जरूरी है साथ ही साथ आयुर्वेद की जानकारी का होना भी आवश्यक है ।जैसे तुलसी,आंवला अदरक, गिलोय, मुलेठी का उपयोग को जानाना जरूरी है, यह सारे मनुष्य के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायता करता है और सामान्य रोगों से भी शरीर का रक्षा करता है। व्याख्यान के अंत में प्रगति कॉलेज प्राचार्य डॉक्टर सौम्या नायर के द्वारा इस सफल आयोजन के लिए शिक्षा संकाय को बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित किए। अतिथि व्याख्यान की इस आयोजन में महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और विभिन्न प्रश्नों के माध्यम से अपने समस्याओ का समाधान भी जाना। कविता शर्मा मैडम के द्वारा अतिथि व्याख्यान के लिए आभार प्रदर्शन किया गया।
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