*संघर्ष तेजी पकड़ रहा है नदी घाटी मोर्चा के किसान कल रहेंगे भूख हड़ताल पर*
*छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ की क्रमिक भूख हड़ताल के 5 दिन पूर्ण*
*प्रधानमंत्री भाजपा बनाम विपक्ष का राजनीतिक खेल न खेलें, किसानों की मांगे सुलझाएं - किसान महासंघ*
*संघर्ष तेजी पकड़ रहा है नदी घाटी मोर्चा के किसान कल रहेंगे भूख हड़ताल पर*
*20 दिसम्बर को धरनास्थल पर शहीदों के लिए वृहद श्रद्धांजलि सभा होगी*
रायपुर
किसान विरोधी काले कानून की वापसी की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ की क्रमिक भूख हड़ताल ने आज 5 दिन पूरे कर लिए हैं आज भूख हड़ताल पर नया रायपुर के किसान बैठे इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए । इस अवसर पर किसान महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य एवम अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के राज्य सचिव तेजराम विद्रोही ने कहा प्रधानमंत्री ने देश के किसानों के खिलाफ खुला हमला करते हुए यह दावा किया है कि उनका संघर्ष विपक्षी पार्टियों से जुड़ा हुआ है। खेती के तीन नये कानून जो किसानों की जमीन व खेती पर पकड़ समाप्त कर देंगे और विदेशी कम्पनियों व बड़े व्यवसायियों को बढ़ावा देंगे, की समस्या को सम्बोधित करने की जगह प्रधानमंत्री ने अपनी हैसियत एक पार्टी नेता की बना दी है और देश के जिम्मेदार कार्यकारी अध्यक्ष की भूमिका का अपमान किया है। खेती की अधिरचना में कारपोरेट के निवेश को बढ़ावा देन के लिए उनकी सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपये आवंटित किया है, जबकि सरकार को खुद या सहकारी क्षेत्र द्वारा ये सुविधाएं देनी चाहिए। प्रधानमंत्री को जानकारी होनी चाहिए कि जहां धान का एमएसपी 1870 रुपये है वहां किसान उसे 900 रुपये पर बेचने के लिए मजबूर हैं।
कृषि मंत्री द्वारा लिखे गये खुले पत्र की आलोचना करते हुए कृषि वैज्ञानिक डॉ संकेत ठाकुर ने कहा कि यह पत्र कांग्रेस, आप, अकाली और इतिहास पर उनकी समझ का हवाला देता है, जो किसान आन्दोलन के मसले ही नहीं हैं। उन्होंने यह झूठा दावा किया है कि किसान की जमीन नहीं छिनेगी, जबकि ठेका कानून 2020 कहता है कि पैसा प्राप्त करने के लिए किसान को धारा 9 के तहत अलग से जमीन गिरवी रखनी पड़ेगी और अगर उसने धारा 14.2 के तहत कम्पनी से कोई उधार लिया है तो उसकी वसूली 14.7 के तहत भू-राजस्व के बकाये के तौर पर होगी।
आदिवासी भारत महासभा के सौरा यादव ने कहा कि कृषि मंत्री का एमएसपी पर आश्वासन इस बात से गलत साबित हो जाता है कि नीति आयोग के विशेषज्ञ कह रहे हैं कि सरकार के पास खाने का अत्यधिक भंडार है, न रखने की जगह है न खरीदने का पैसा और मंत्री सरकारी खरीद का कानून बनाने से मना कर रहे हैं। समय पर भुगतान जैसे अन्य दावों पर कानून कहता है कि रसीद देकर फसल ली जाएगी और 3 दिन बाद भुगतान होगा और यह भी कि भुगतान फसल को आगे बेचने के बाद किया जा सकता है।
आज क्रमिक भूख हड़ताल पर नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण संघर्ष समिति के सदस्य फुलेश बारले, उत्तम कुमार, लुकेश्वर साहू, ललित साहू राजिम और सुश्री प्रिया विभार रहे ।
इस अवसर पर दिनभर चली सभा को नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण संघर्ष समिति के अध्यक्ष रूपन चन्द्राकर, ललित साहू, अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर सभा के विश्वजीत हारोडे, प्रिया विभार, सीमा शर्मा, पूजा शर्मा, फुलेश बारले, उत्तम कुमार, लुकेश्वर साहू आदि ने संबोधित किया ।
क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे किसानों के उपवास को पूर्व विधायक वीरेंद्र पांडे ने खजूर का प्रसाद खिलाकर तुड़वाया ।
*फ्राइडे फ़ॉर फ्यूचर सहित अन्य संगठनो के प्रतिनिधियों ने दिया समर्थन*
आज भी धरनास्थल पर अनेक सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने किसान आंदोलन का समर्थन किया । पर्यावरण संरक्षण के लिये क्लाइमेट स्ट्राइक चला रही ग्रेटा थनबर्ग की संस्था फ्राइडे फ़ॉर फ्यूचर के छत्तीसगढ़ चेप्टर के प्रतिनिधियों अभिजीत सूर्यवंशी, गरिमा लुनिया, खुशबू गोकलानी, रोशन कुमार ने धरना स्थल पर उपस्थित होकर किसानों के जायज मांगो के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया ।
इसी तरह लीड फाउंडेशन के पवन सक्सेना, नवा रायपुर के नन्द कुमार साहू, सौरभ मिश्रा बलौदाबाजार, सनद कुमार यदु, नरसिंह साहू, हरिओम यादव, राम खिलावन बंजारे आदि समर्थन देने धरना स्थल पर उपस्थित रहे ।
*20 दिसम्बर को श्रद्धांजलि सभा*
छत्तीसगढ़ सिख समाज के मनमोहन सिंह सैलानी ने सभा को संबोधित करते हुए एलान किया कि दिल्ली बार्डर पर आंदोलनरत किसान अपने जीवन का बलिदान कर रहे हैं इसलिए इन बलिदानी किसानों की स्मृति में 20 दिसम्बर को श्रद्धांजलि दिवस की तैयारी पूरे देश में हो रही है । इसी कड़ी में 20 दिसम्बर को धरना स्थल पर ही शहीदी किसानों के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन होगा ।
किसान आंदोलन रोज गति पकड़ रहा है । इसी कड़ी में कल 19 दिसम्बर को नदी घाटी मोर्चा के गौतम बंद्योपाध्याय के नेतृत्व में किसान क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठेंगे ।