वनोपज प्रोडक्ट का दुगली ब्रांड,क्षेत्र का किया नाम रोशन
वनोपज प्रोडक्ट का दुगली ब्रांड,क्षेत्र का किया नाम रोशन
जय लाल प्रजापति/सिहावा
धमतरी जिले के वनग्राम दुगली की लड़कियो ने 10 साल पहले एक समूह बना कर जो रोजगार शुरू किया था.. वो अब एक सफल उद्योग बन चुका है... इन लड़कियो ने अपने सूझबूझ.. हौसले और एकता के बल पर.. वनोपज प्रोडक्ट का दुगली ब्रांड खड़ा कर दिया है...
दुगली का शहद... दुगली का आंवला.. दुगली का एलोवेरा.. दुगली के दोना पत्तल.. इन प्रोडक्ट्स ने.. दुगली ब्रांड की पहचान पूरे प्रदेश में बना दी है.. इस दुगली को अगर ब्रांड का दर्जा मिला है तो इसके पीछे... किसी हार्वर्ड युनिवर्सिटी से एमबीए पास.. प्रोफेशनल का दिमाग नहीं बल्कि.. ग्रामीण लड़कियो का एक समूह है.. जिसका नाम जागृति है... 2009-10 में 10 लड़कियो के इस समूह ने.. वनविभाग की मदद से 10 लाख का कर्ज लेकर कारोबार शुरू किया था.. आज ये समूह हर साल 4 लाख तक मुनाफा कमा रहा है.. यहां का बना.. तिखूर.. बैचांदी.. आवला कैंडी.. दोना पत्तल.. जैसे दर्जन भर प्रोडक्ट न सिर्फ धमतरी में बल्कि प्रदेश के कई जिलो में सप्लाई होता है.. प्रोडक्ट की गुणवत्ता इस तरह से मेंटेन की गई है कि.. लोग दुगली आकर भी यहां से सामान खरीदते है.. ये सब कुछ गांव की लड़कियो ने.. अपने गांव के आस पास जंगल में मिलने वाले.. वनोपज से तैयार किया है.. अपनी कमाई से ये लड़किया न सिर्फ अपने घर में आर्थिक मदद दे पाती हैं.. बल्कि अपने शौक से... टीवी फ्रिज गहने भी खरीद पाती है....
इन लड़कियो की मदद वनविभाग के जरिये ही हो रही है.. चाहे लोन दिलवाने की बात हो या.. कच्चा माल खरीदना हो.. या कोई प्रशिक्षण दिलवाना हो..
इस बार दुगली के सहायता समूह ने 500 क्विंटल तिखूर का संग्रहण किया है जो प्रदेश में एकमात्र तिखूर प्रोसेसिंग केंद्र है जो मार्केट में आज ₹1000 किलो में तिखूर बिक रहा है यह व्यंजन छत्तीसगढ़ के सिहावा क्षेत्र में ही मिलता है
जागृति स्वसहायता समूह ने पूरे दुगली इलाके में रोजगार का एक चैनल खड़ा कर दिया है.. अगर दुगली कांसेप्ट को अपना कर प्रदेश में कई स्थानो पर ऐसा ही उद्योग खड़ा किया जा सके और वनोपज का सही दोहन किया जा सके तो.. प्रदेश में रोजगार की समस्या को काफी हद तक टेकल किया जा सकता है..