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💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠
🎋 *..12-08-2021*..🎋
✍🏻आलसी व्यक्ति को आसान-से-आसान काम भी कठीन लगता है। आलस्य ही मानव जीवन की प्रगति में बाधक है।
💐 *Brahma Kumaris Daily Vichar* 💐
🌷 *σм ѕнαитι*🌷
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💥 *विचार परिवर्तन*💥
✍🏻जिंदगी को गमले के पौधे की तरह मत बनाईये जो थोड़ी सी धूप लगने पर मुरझा जाये, जिंदगी को जंगल के पेड़ की तरह बनाइये जो हर परिस्तिथि में मस्ती से झूमता रहे।
🌹 *Brahma Kumaris Daily Vichar*🌹
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💧 *_आज का मीठा मोती_*💧
_*12 अगस्त:-*_ ख़ुशी एक ऐसी चीज़ है जो देने से बढ़ती है, स्थूल साधनो की अपेक्षा अतः सर्व की ख़ुशी देने का प्रयास करे, और ख़ुशी को बढाए
🙏🙏 *_ओम शान्ति_*🙏🙏
🌹🌻 *_ब्रह्माकुमारीज़_*🌻🌹
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*ओम शांति ब्रह्मा मुख द्वारा निराकार शिव भगवानुवाच l*
♥ मीठे बाबा की याद ही है, मीठे बाबा का साथ l सच्चे मात-पिता की याद बिना, यह सारी दुनिया है अनाथ l 🙇🏻♂️
🌄उनकी याद के बिना, व्यर्थ है हर बात l याद से ही शक्तिशाली है हमारी हर बात, हर ख्यालात l 🧎🏻
💐याद ही है मीठे पिता परमात्मा से, प्यार भरी मुलाकात l याद है तो हर रोज है, अतींद्रिय सुख और खुशियों की बरसात l 🌧️
🧎🏻याद है तो यह जीवन लगता है, अनमोल सौगात l याद नहीं तो अनेक उलझनओ की है, अंधेरी रात l 🧑🏿🦲
🐣याद नहीं करने वालों का, माया करती है अनेक प्रकार से आत्म घात l याद है तो सर्वशक्तिमान भगवान बाप के हाथों में हाथ l हर तूफानों पर है हमारी मात l ☸️
🧎🏻याद है तो नहीं हो सकता, कोई भी अपघात l याद नहीं करने वाले लूले लंगडो की तो, बहुत बड़ी है बारात l 🌄
🇲🇰एक शिव साजन की याद में रहने वाली, सच्ची सजनी ही चलेगी साथ l कल्प कल्प की है यह बात, अब आपका फैसला आपके हाथ l🇲🇰
🙏 *ॐ शांति* 🙏
जैसे आत्मा *स्वच्छ* व *स्वस्थ* हो तो शरीर स्वस्थ व स्वच्छ रह सकता है.... वैसे ही *बुद्धि* आत्मा की भी *आत्मा* है, इसलिये इसे स्वच्छ रखें। बुद्धि को स्वच्छ रखने का तरीका है... अपने संकल्पों को स्वच्छ रखना, क्योंकि मन जो सोचता है... बुद्धि उसी का चित्र निर्माण करती है।
🌸 सुप्रभात...
💐💐 आपका दिन शुभ हो... 💐💐
*संपत्तियां, पैसा, उपलब्धियाँ, प्रतिष्ठा, सम्मान, पद...*
*कुछ भी मायने नहीं रखता, अगर आप खुश़ नहीं हैं...*
*इस जिंदगी की सबसे पहली जरूरत है...* *"आपका👩🏻😊👦🏻ख़ुश रहना" !!!*
*Good👆🏻💫🇲🇰🌅🧘🏻♀️🧘🏻♂️ Morning*😊
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अनमोल वचनः
सिक्के हमेशा आवाज करते है,पर नोट खामोश रहते हैं।इसलिए जब आपकी कीमत बढ़ने लगे तो शांत रहिये, क्यूंकि हैसियत का शोर मचाने की जिम्मेवारी आप से कम कीमत वालों की है ।
🙏ओम् शांति 🙏
🌸आप का दिन शुभ हो🌸
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*12.08.2021 की मुरली से प्रश्नोत्तर*
*प्रात:मुरली ओम् शान्ति*
*मधुबन*
*प्रश्न:-मीठे बच्चे - सुख देने वाले बाप को बहुत-बहुत प्यार से याद करो, याद बिगर क्या नहीं हो सकता?*
उत्तर:-प्यार नहीं हो सकता।
*प्रश्नः-बाप बच्चों को रोज़-रोज़ याद का अभ्यास करने का इशारा क्यों देते हैं?*
उत्तर:-क्योंकि याद से ही आत्मा पावन बनेगी।
🔹याद से ही पूरा वर्सा ले सकेंगे।
🔹आत्मा के सब बन्धन खलास हो जायेंगे।
🔹 विकर्मो से मुक्त हो जायेंगे।
🔹सजाओं से छूट जायेंगे।
🔹जितना याद करेंगे उतना खुशी रहेगी।
🔹मंजिल समीप अनुभव होगी।
🔹कभी भी थकेंगे नहीं।
🔹बेहद का सुख पायेंगे इसलिए याद का अभ्यास जरूर करना है।
*गीत:-बचपन के दिन भुला न देना...*
*ओम् शान्ति।*
*प्रश्न:-मीठे-मीठे रूहानी बच्चों ने कौन से गीत की लाइन का अर्थ समझा?*
उत्तर:-अभी जीते जी तुम बेहद के बाप के बने हो। सारा कल्प तो हद के बाप के बने हो। सतयुग में भी हद के बाप के बनते हो। अभी सिर्फ तुम ब्राह्मण बच्चे बेहद के बाप के बने हो।
✅ तुम जानते हो बेहद के बाप से हम बेहद का वर्सा ले रहे हैं। अगर बाप को छोड़ा तो बेहद का वर्सा मिल नहीं सकेगा। भल तुम समझाते हो परन्तु थोड़े में तो कोई राज़ी नहीं होता।
💰 मनुष्य धन बहुत चाहते हैं। धन के सिवाय सुख नहीं हो सकता। धन भी चाहिए, शान्ति भी चाहिए, निरोगी काया भी चाहिए।
*प्रश्न:-तुम बच्चे ही क्या जानते हो दुनिया में आज क्या है, कल क्या होना है?*
उत्तर:-विनाश तो सामने खड़ा है और कोई की बुद्धि में यह बातें नहीं हैं।
👉 अगर समझें भी विनाश सामने खड़ा है तो क्या करना है, यह नहीं जानते।
✅ तुम बच्चे समझते हो, ऐसे मालूम होता है - कब भी लड़ाई लग जाए, थोड़ी चिनगारी लगे तो भंभट मच जाए। देरी नहीं लगेगी। आगे भी थोड़ी सी बात से कितनी बड़ी लड़ाई लग गई।
✅ बच्चे जानते हैं कि पुरानी दुनिया खत्म हुई कि हुई इसलिए अब जल्दी ही बाप से वर्सा लेना है।
*प्रश्न:-बाप को सदैव याद करते रहेंगे तो?*
उत्तर:-तो बहुत हर्षित रहेंगे। देह-अभिमान में आने से ही वह खुशी गायब हो जाती है।
🌟 देही-अभिमानी बनते हो तो बाप को याद करते हो।
😓 देह-अभिमान में आने से बाप को भूल दु:ख उठाते हो।
👌 जितना बाप को याद करेंगे, उतना बेहद के बाप से सुख उठायेंगे। यहाँ तुम आये ही हो ऐसा लक्ष्मी-नारायण बनने। राजा-रानी और प्रजा का नौकर-चाकर, बहुत फ़र्क है ना।
✅ अभी का पुरुषार्थ फिर कल्प-कल्पान्तर के लिए कायम हो जाता है। पिछाड़ी में सबको साक्षात्कार होगा - हमने कितना पुरुषार्थ किया है।
🇲🇰 अब भी बाप कहते हैं अपनी अवस्था को देखते रहो। मीठे ते मीठे बाबा, जिससे स्वर्ग का वर्सा मिलता है, उनको हम कितना याद करते हैं।
*प्रश्न:-तुम्हारा सारा मदार किस पर है?*
उत्तर:-है ही याद पर। जितना याद करेंगे उतना खुशी भी रहेगी। समझेंगे बस अब नजदीक आकर पहुँचे हैं।
👉 कोई थक भी जाते हैं, पता नहीं मंजिल कितना दूर है, पहुँचे तो मेहनत भी सफल हो।
🌏 दुनिया को यह भी पता नहीं कि भगवान किसको कहा जाता है। कहते भी हैं हे भगवान फिर कह देते ठिक्कर भित्तर में है।
✅ अभी तुम बच्चे समझते हो हम बाप के बन चुके हैं। अब बाप की ही मत पर चलना है। भल विलायत में हो वहाँ रहते भी सिर्फ बाप को याद करना है। तुमको श्रीमत तो मिली है।
🌟 आत्मा तमोप्रधान से सतोप्रधान सिवाए बाप की याद के हो नहीं सकती।
▶️ तुम कहते हो - बाबा हम आपसे पूरा वर्सा लेंगे। जैसे हमारा बाबा वर्सा लेते हैं, हम भी पुरुषार्थ कर उनकी गद्दी पर जरूर बैठेंगे।
*प्रश्न:-मम्मा बाबा राज-राजेश्वर, राज-राजेश्वरी बनते हैं, तो?*
उत्तर:-तो हम भी बनेंगे। इम्तहान तो सबके लिए एक ही है। तुमको बहुत थोड़ा सिखाया जाता है, सिर्फ बाप को याद करो।
☝️इसको कहा जाता है सहज राजयोग बल।
👉 तुम समझते हो योग से बहुत बल मिलता है। हम कोई विकर्म करेंगे तो सजा बहुत खायेंगे, पद भ्रष्ट हो पड़ेगा।
👺 याद में ही माया विघ्न डालती है।
✅ तुम जानते हो हम पावन दुनिया में जा रहे हैं। जो ब्राह्मण बनेंगे वही निमित्त बनेंगे।
🎅 ब्रह्मा मुख वंशावली ब्राह्मण बनने बिगर तुम बाप से वर्सा ले नहीं सकते।
🇲🇰 बाप बच्चों को रचते ही हैं वर्सा देने के लिए।
🇲🇰 शिवबाबा के तो हम हैं ही। वह नई सृष्टि रचते हैं बच्चों को वर्सा देने लिए। शरीरधारी को ही वर्सा देंगे।
🌟 आत्मायें तो ऊपर में रहती हैं। वहाँ तो वर्से वा प्रालब्ध की बात नहीं।
*प्रश्न:-तुम अभी पुरुषार्थ कर प्रालब्ध ले रहे हो, जो ........... को पता नहीं है?*
उत्तर:-दुनिया को। अब समय नजदीक आता जाता है।
▶️ इतला करते रहते हैं फलाना अगर ऐसे करेगा तो हम एकदम उनको उड़ा देंगे। उड़ाने की तैयारी हो रही है। बाम्ब्स आदि कोई रखने नहीं हैं।
▶️ तैयारियां बहुत हो रही हैं। ब्रिटिश गवर्मेन्ट के समय पाकिस्तान, हिन्दुस्तान था क्या?
▶️ लिखा हुआ है यवनों की लड़ाई। पाण्डव और कौरवों की लड़ाई है नहीं। यवन बरोबर लड़ रहे हैं। बाम्ब्स भी तैयार हो गये हैं।
*प्रश्न:-अभी बाप हमको क्या फरमान करते हैं?*
उत्तर:-फरमान करते हैं कि मुझे याद करो, नहीं तो पिछाड़ी में बहुत रोना पड़ेगा।
👉इम्तिहान में नापास होते हैं तो जाकर डूब मरते हैं गुस्से में। यहाँ गुस्से की तो बात नहीं। पिछाड़ी में तुमको बहुत साक्षात्कार होंगे। क्या-क्या हम बनेंगे - वह भी पता पड़ जायेगा।
🇲🇰 बाप का काम है पुरुषार्थ कराना। कहते हैं बच्चे कर्म करते हुए याद करना भूल जाते हो वा फुर्सत नहीं मिलती है तो अच्छा बैठो।
➡️ याद में बैठकर बाप को याद करो।
आपस में तुम मिलते हो तो भी यह कोशिश करो कि हम बाबा को याद करें। मिलकर बैठने से तुम याद अच्छा करेंगे, मदद मिलेगी। मूल बात है बाप को याद करना।
▶️ यहाँ आओ वा न आओ। कोई विलायत जाते हैं फिर आ तो सकेंगे नहीं। वहाँ भी सिर्फ एक बात याद रखो। बाप की याद से ही तुम तमोप्रधान से सतोप्रधान बनेंगे।
*प्रश्न:-बाप कहते हैं सिर्फ एक बात याद रखो, कौन सी?*
उत्तर:-बाप को याद करो। बाप कहते हैं - मनमनाभव। मुझे याद करो तो विश्व का मालिक बनेंगे। मूल बात हो जाती है याद की। कहाँ भी जाने आदि की बात नहीं।
💒 घर में रहो सिर्फ बाप को याद करते रहो। पवित्र नहीं बनेंगे तो याद कर नहीं सकेंगे।
➡️ ऐसे थोड़ेही है कि सब आकर क्लास में पढ़ेंगे। मन्त्र लिया फिर भल कहाँ भी चले जाओ।
✅ सतोप्रधान बनने का रास्ता बाप ने बतलाया है। यूँ तो सेन्टर पर आने से नई-नई प्वाइंट सुनते रहेंगे।
➡️ अगर किसी कारण से नहीं आ सकते हैं, बरसात पड़ती है अथवा करफ्यु लगता है, कोई बाहर नहीं निकल सकते फिर क्या करेंगे। बाप कहते हैं हर्जा नहीं है। कहाँ भी रहते तुम याद में रहो। चलते-फिरते याद करो।
➡️ औरों को यही कहो कि बाप को याद करने से विकर्म विनाश होंगे और देवता बन जायेंगे। अक्षर ही दो हैं।
*प्रश्न:-बाप कहते हैं - क्या भूल न जाना?*
उत्तर:-यह बचपन भूल न जाना। आज हंसते हो कल रोना पड़ेगा - अगर बाप को भुलाया तो।
🇲🇰 बाप से वर्सा पूरा लेना चाहिए।
👉 ऐसे बहुत हैं कहते हैं स्वर्ग में तो जायेंगे ना फिर जो तकदीर में होगा। उनको कोई पुरुषार्थ करना नहीं कहेंगे। मनुष्य पुरुषार्थ करते ही हैं ऊंच मर्तबा पाने के लिए।
🇲🇰 अब जबकि बाप के पास ऊंच मर्तबा मिलता है तो ग़फलत क्यों करनी चाहिए। स्कूल में जो नहीं पढ़ेंगे तो पढ़े-लिखे के आगे भरी ढोनी पड़ेगी।
▶️ बाप को पूरा याद नहीं करेंगे तो प्रजा के भी नौकर चाकर जाए बनेंगे।
☝️इसमें खुश थोड़ेही होना चाहिए।
*प्रश्न:-तो बाप समझाते हैं - मीठे-मीठे बच्चों सम्मुख .......... होकर जाते हो?*
उत्तर:-रिफ्रेश। कई बांधेलियां हैं, हर्जा नहीं, घर बैठे बाप को याद करती रहो।
👌 तुमको कितना सहज समझाते हैं, मौत सामने खड़ा है, अचानक ही लड़ाई शुरू हो जायेगी।
👺 एक-दो को कहते हैं थोड़ा भी गड़बड़ किया तो हम ऐसा करेंगे। पहले से ही कह देते हैं, बाम्ब्स की मगरूरी बहुत है।
🇲🇰 बाप कहते हैं-बच्चे अजुन योगबल में होशियार हुए नहीं हैं, ऐसा न हो लड़ाई लग जाए। परन्तु ड्रामा अनुसार ऐसा होगा ही नहीं।
➡️ बच्चों ने पूरा वर्सा लिया नहीं है इसलिए निश्चय होता है, यह लड़ाई करके लगेगी भी, तो भी बन्द हो जायेगी क्योंकि अभी राजधानी स्थापन नहीं हुई है। टाइम चाहिए।
➡️ पुरुषार्थ कराते रहते हैं, पता नहीं किसी भी समय कुछ भी हो सकता है। बस गिर पड़ती है, एरोप्लेन, ट्रेन गिर पड़ती, मौत कितना सहज खड़ा है। धरती भी हिलती रहती है।
*प्रश्न:-सबसे जास्ती काम अर्थक्वेक को करना है। लेकिन विनाश होने के पहले क्या करना है?*
उत्तर:-बाप से पूरा वर्सा लेना है इसलिए बहुत प्रेम से बाप को याद करना है। बाबा आपके बिगर हमारा दूसरा कोई नहीं। सिर्फ बाप को ही याद करते रहो।
👌 कितना सहज रीति जैसे छोटे-छोटे बच्चों को समझाते हैं और कोई तकलीफ नहीं देता हूँ, सिर्फ याद करो।
👉 और काम चिता पर बैठ जो तुम जल मरे हो, सो अब ज्ञान चिता पर बैठ पवित्र बनो।
❓ तुमसे पूछते हैं आपका उद्देश्य क्या है?
👉 बोलो, जो सबका बाप है वह कहते हैं मामेकम् याद करो तो तुम्हारे विकर्म विनाश होंगे और तुम तमोप्रधान से सतोप्रधान बन जायेंगे।
*प्रश्न:-सर्व का सद्गति दाता एक बाप है। अब बाप क्या कहते हैं?*
उत्तर:-सिर्फ मुझे याद करो तो कट उतर जायेगी। यह इतना पैगाम तो दे सकते हो ना। खुद याद करेंगे तब दूसरे को याद करा सकेंगे। दूसरे को रूचि से कहेंगे। नहीं तो दिल से नहीं निकलेगा।
🇲🇰 बाप कहते हैं - कहाँ भी हो जितना हो सके सिर्फ याद करो। भल थोड़ी खान-पान की तकलीफ आदि होती है। रहना तो घर में ही है।
💒 घर में रहते बाप को याद करो, जो मिले उनको यही शिक्षा दो - मौत सामने खड़ा है।
🇲🇰 बाप कहते हैं - तुम सब तमोप्रधान पतित बन पड़े हो, अब मुझे याद करो और पवित्र बनो।
🌟 आत्मा ही पतित बनी है, सतयुग में होती है पावन आत्मा।
🇲🇰 बाप की याद से ही आत्मा पावन बनेगी और कोई उपाय नहीं है।
☝️ यह पैगाम सबको देते जाओ तो भी बहुतों का कल्याण करेंगे और कोई तकलीफ नहीं देते हैं।
*प्रश्न:-पुरुषोत्तम मास में भी जाकर समझाओ कि सबसे पुरुषोत्तम कौन?*
उत्तर:-सतयुग आदि में यह लक्ष्मी-नारायण पुरुषोत्तम थे। इन्हों को ऐसा पुरुषोत्तम बनाने वाला अर्थात् स्वर्ग की स्थापना करने वाला बाप है।
✅ सब आत्माओं को पावन बनाने वाला पतित-पावन बाप ही है। सबसे उत्तम से उत्तम पुरुष बनाने वाला है बाप। जो पूज्य थे वही फिर पुजारी बने हैं।
👺 रावण राज्य में हम पुजारी बने हैं, रामराज्य में पूज्य थे। अभी रावण राज्य का अन्त है। हम पुजारी से फिर पूज्य बनते हैं।
🇲🇰 बाप को याद करने का औरों को भी रास्ता बताना है। बुढ़ियों को भी यह सर्विस करनी चाहिए।
*प्रश्न:-मित्र-सम्बन्धियों को भी बाप का परिचय दो। क्या बोलो?*
उत्तर:-बोलो, शिवबाबा कहते हैं मामेकम् याद करो तो तुम स्वर्ग के मालिक बनेंगे।
🇲🇰 निराकार शिवबाबा सर्व का सद्गति दाता बाबा, सब आत्माओं को कहते हैं मुझे याद करो तो सतोप्रधान बन जायेंगे।
☝️ यह समझाना तो सहज है ना।
➡️ बुढ़िया भी यह सर्विस कर सकती हैं। मूल बात है ही यह। शादी मुरादी कहाँ भी जाओ, कान में यह बात सुनाओ।
📖 गीता का भगवान कहते हैं मुझे याद करो, इस बात को सब पसन्द करेंगे। जास्ती बोलने की दरकार नहीं है। सिर्फ बाप का पैगाम देना है कि बाप कहते हैं मुझे याद करो।
➡️ अच्छा - ऐसे समझो, भगवान प्रेरणा करते हैं। स्वप्न में साक्षात्कार होता है, आवाज सुनने में आता है - बाप कहते हैं मुझे याद करो तो सतोप्रधान बन जायेंगे।
➡️ तुम खुद भी सिर्फ यही चिंतन करते रहो तो बेड़ा पार हो जायेगा।
*प्रश्न:-हम ............ में बेहद के बाप के बने हैं और बाप से 21 जन्मों का वर्सा ले रहे हैं, तो खुशी रहनी चाहिए ना?*
उत्तर:-प्रैक्टिकल। बाप को भूलने से ही तकलीफ होती है। बाप कितना सहज बतलाते हैं - मुझे याद करो तो सब समझेंगे इन्हों को रास्ता तो बरोबर राइट मिला है।
☝️ यह रास्ता कब कोई बता न सके।
▶️ समय ऐसा होगा जो तुम घर से बाहर नहीं निकल सकेंगे।
🇲🇰 बाप को याद करते-करते शरीर छोड़ देंगे। अन्तकाल जो शिवबाबा सिमरे.... फिर नारायण योनि बल-बल उतरे। लक्ष्मी-नारायण डिनायस्टी में आयेंगे। घड़ी-घड़ी राजाई पद पायेंगे।
🇲🇰 बस सिर्फ बाप को याद करो प्यार से।
❤️ याद बिगर प्यार कैसे करेंगे। सुख मिलता है तब याद किया जाता है। दु:ख देने वाले को प्यार नहीं किया जाता।
*प्रश्न:-बाप कहते हैं - मैं तुमको स्वर्ग का मालिक बनाता हूँ इसलिए क्या करो?*
उत्तर:-इसलिए मुझे प्यार करो। बाप की मत पर चलना चाहिए ना। *अच्छा!*
*मीठे-मीठे सिकीलधे बच्चों प्रति मात-पिता बापदादा का याद-प्यार और गुडमार्निंग। रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते।*
*धारणा के लिए मुख्य सार:-*
1) पढ़ाई में कभी गफलत नहीं करनी है, लड़ाई के पहले बाप से पूरा-पूरा वर्सा लेना है।
2) श्रीमत पर बाप को बड़े प्यार से याद करना है।
*वरदान:-आपस में एक दो की विशेषता देखने और वर्णन करने वाले श्रेष्ठता सम्पन्न होलीहंस भव*
⚜️ संगमयुग पर हर बच्चे को नॉलेज द्वारा कोई न कोई विशेष गुण अवश्य प्राप्त है,
🦢 इसलिए होलीहंस बन हर एक की विशेषता को देखो और वर्णन करो।
⚡ जिस समय किसी की कमजोरी देखते या सुनते हो तो समझना चाहिए कि यह कमजोरी इनकी नहीं, मेरी है
☝️क्योंकि हम सब एक ही बाप के, एक ही परिवार के, एक ही माला के मणके हैं।
👉 जैसे अपनी कमजोरी को प्रसिद्ध नहीं करना चाहते ऐसे दूसरे की कमजोरी का भी वर्णन नहीं करो।
🦢 होलीहंस माना विशेषताओं को ग्रहण करना और कमजोरियों को मिटाना।
*स्लोगन:-समय को बचाने वाले तीव्र पुरूषार्थी ही सदा विजयी हैं।*
*ओम शान्ति*
♦️♦️♦️ रात्रि कहांनी ♦️♦️♦️
*👉🏿कन्हैया के आभूषण 🏵️
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एक भागवत कथा वाचक🗣 ब्राह्मण एक गांव में कथा वांच रहे थे. उस दिन उन्होंने नंदलाल, कन्हैया के 😍सौंदर्य, उनके आभूषणों 🎖का बड़ा मन मोहक वर्णन किया.
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उधर से गुजरता एक चोर भी कथा सुनने👂 बैठ गया था. उसने जब आभूषणों के बारे में सुना👂 तो उसे लालच 😜आया.
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उस दिन की कथा समाप्त होने पर पंडितजी को खूब दक्षिणा 💰मिली जिसे गठरी बनाकर वह लिए चले. जरा सुनसान में पहुंचे तो चोर सामने आ गया👥.
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उसने पूछा कि ये श्याम मनोहर,कृष्ण कहां रहते हैं. मुझे उनके घर से गहने 💍🏅चुराने हैं. पता बताओ. 📝
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पंडितजी डर गए. उन्हें अपने सामान 💰का भय हुआ. सो उन्होंने बुद्धि 🤔लगाई और कहा कि उनका पता मेरे झोले में लिखा है. यहां अंधेरा है थोड़ा उजाले में चलो तो देखके बताऊंगा
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चोर तैयार हो गया. उसे जल्दी थी. पंडितजी ने और चतुराई की. अपना बोझा💰 उसके सिर पर लाद दिया और ऐसे स्थान पर पहुंचकर रूके जहां लोगों को आवाजाही🏃 ज्यादा थी.
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फिर उन्होंने थैले💰 में से पोथी 📔खोली, देखने 👀का स्वांग करते रहे. विचारकर🤔 बोले वृंदावन चले🚶🏿 जाओ. मुझे जब☝ कृष्ण जी मिले थे तो उन्होंने वृंदावन ही बताया था.👈
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👤चोर संतुष्ट हो गया और पंडितजी से आशीर्वाद🙏 लेकर विदा हुआ. चोर रास्ता पूछता, भटकता 🏃वृंदावन चल पड़ा.
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रास्ते में उसने बड़ी तकलीफें सहीं. जहां-जहां भी कन्हैया के🕌 मंदिर थे, उसमें दर्शन को गया. दर्शन क्या वह तो उनके 💍आभूषणों को देखने👁 जाता कि आखिर ऐसे आभूषण 🏅होंगे कन्हैया के पास.
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आभूषण निहारने में उसने इतने मंदिरों🕌 में भगवान की इतनी छवि देख ली कि उसे खुली👀 आंखों से भी प्रभु ☝नजर आते. रात को मंदिरों में ठहर👤 जाता और वहीं कुछ प्रसाद🤑 खा लेता.
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माखन चोर भगवान आभूषण चोर पर रीझ 😍गए. चोर के मन में प्रभु के आभूषणों 💍🏅के प्रति कामना ही भा गई.💗
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गोपाल उसे जगह-जगह दर्शन👁 देते तरह-तरह के आभूषण से सजे बालकों 👵🏼के रूप में लेकिन वह उन्हें नहीं लेता. उसे तो असली गोपाल के आभूषण🎖 चाहिए थे.
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चोर परेशान😇 कि कब वह कन्हैया के धाम पहुंचे और कन्हैया परेशान 😣कि वह इतनी दूर क्यों जा रहा है जब मैं राह में ही उसे सारे आभूषण 🏅दे रहा हूं.
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भगवान को भक्त से प्रेम 💕हुआ तो भक्त के मन में बसा चोरी का भाव अनुराग 💚में बदल गया.
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चोर गोकुल पहुंच 🚶🏿गया. एक स्थान पर नदी किनारे भगवान ने उसे गाय चराते उसी रूप में दर्शन दिया जो उसने मंदिरों में देखी थी.
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जितनी छवि देखी थी सारी एक-एक करके दिखा दी. आभूषणों के साथ. चोर उनके पैरों 👣में गिर पड़ा.
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प्रभु ने आभूषण उतारकर दिए और बोले- लो तुम इसके लिए व्यर्थ ही इतनी दूर चले आए. मैं तो कब से तुम्हें दे रहा था.
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चोर बोला- आपको देख👀 लिया तो आभूषणों की चमक फीकी पड़ गई. अब तो👉 आपको चुराउंगा.
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भगवान हंसे- 😃मुझे चुराओगे, कहां लेकर जाओगे ?
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चोर बोला- वह तो नहीं पता सोचकर🤔 बताता हूं लेकिन आभूषण💍नहीं चाहिए. अब तो मुझे आपकी ही लालसा है. चोर सोचता रहा, प्रभु 😄हंसते रहे. चोर ने बुद्धि दौड़ा 😇ली लेकिन कोई स्थान ही न सूझा.
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उसे चिंता थी कि इतनी मेहनत से वह इन्हें चुरा ले जाए और फिर सुरक्षा⚔ न कर पाए तो कोई और चुरा लेगा.
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सोचते-सोचते उसे नींद😴 आने लगी. उसको उपाय सूझा – जब तक मैं निर्णय नहीं कर लेता कि आपको कहां रखूंगा, आप मुझे रोज दर्शन 😳देते रहो जिससे मुझे भरोसा रहे कि मेरी चोरी का सामान सुरक्षित है.
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प्रभु खूब हंसे.😃 उन्होंने कहा- ठीक है ऐसा हो होगा लेकिन तुम्हें कुछ आभूषण🏅 तो लेना होगा.
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मना🖐 कर दिया. प्रभु रोज शाम उसे दर्शन👀 देते. वह अपने गांव लौट आया.
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पंडितजी कथा वांच रहे थे. उन्हें सारी बात बताई. यकीन न हुआ तो शाम🌙 को जब प्रभु👤 दर्शन देने आए तो उनका एक आभूषण 🎖💍मांगकर दिखाया और साबित कर दिया.
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पंडितजी बोले- भाई चोर असली साधू तो तू है. मैं तो कान्हा का नाम लेकर बस कथाएं सुनाता रहा और आजीविका जुटाता रहा लेकिन तुमने तो उन्हें ही जीत लिया।
🌷🌹🙏🙏