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💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠
🎋 *..09-10-2021*..🎋
✍🏻सूर्योदय और सूर्यास्त हमें बताता है कि जीवन में कुछ भी स्थाई नहीं है, इसलिये हमेशा खुश रहें एवं जीवन की यात्रा का भरपूर आनंद ले।
💐 *Brahma Kumaris Daily Vichar* 💐
🌷 *σм ѕнαитι*🌷
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💥 *विचार परिवर्तन*💥
✍🏻तारीफ चेहरे की नहीं चरित्र की होनी चाहिए, क्यूकी अच्छा चेहरा बनाने मै चंद मिनट लगते है, लेकिन अच्छा चरित्र बनाने मै पूरा जीवन।
🌹 *Brahma Kumaris Daily Vichar*🌹
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🙏 *ॐ शांति* 🙏
मन-पटल पर चढ़ी *देहभान* की कठोर छाप हमे *आलोचना* से गिराने व *प्रशंसा* से उछालने के निमित्त बनती है। जीवन में ईश्वरीय ज्ञान व शक्ति का निरंतर प्रयोग देहभान को *मिटाता* है और सुख-दुःख में एक समान रहना सिखाता है।
🌸 सुप्रभात...
💐💐 आपका दिन शुभ हो... 💐💐
♥️ओम शांति ब्रह्मा मुख द्वारा निराकर शिव भगवानुवाच l ♥
🕉️भगवान बाप का प्लान है, पावन सतयुगी दैवी सृष्टि की स्थापना l इस पतित कलयुगी दुखी नर्क का, महाविनाश करना l प्रकृति सहित विश्व की सर्व आत्माओं को, पावन बनाना l ✡️
☯️विश्व ड्रामा में निश्चित है, इस समय तक सभी के मौत का सामान तैयार होना l महाविनाश के पहले, स्थापना का कार्य है पूरा करना l 🛐
💮इसी प्लान को प्रैक्टिकल करने के लिए, भगवान बाप का हुआ है, प्रिय भारत की धरती पर आना l उनका यह कार्य भी, अभी कुछ ही दिनों में है समाप्त होना l ♻️
🧡उस स्वीट बाप से, जो भाग्य लेना चाहते हो, वह अभी ही है लेना l फिर मुक्तिधाम घर में है, सर्व आत्माओं को जाना l उस कालों के काल महाकाल को, अंतिम कार्य यही है करना l हम भाग्यवान बच्चों को ही होता है, भगवान को पढ़ाना l ❣️
🕉️अब यह पढ़ने पढ़ाने का कार्य भी, थोड़े समय में ही है पूरा होना l अभी तो प्रैक्टिकल में, उनकी श्रीमत पर है चलना l फिर से हमारा ही होगा, सबसे पहले सतयुगी पावन स्वर्ग में आना l ☸️
❤🔥जो प्रिय भारत भूमि पर ही है बनना l उस समय सर्व सुख संपन्न सतोप्रधान है, सारा संसार अपना l जहां पर हर रोज, हीरे मोतियों से है सिंगार करना l 🔅
〽️सोने के महलों में रहना l रत्ना जड़ीत सोने के झूले में झूलना l पुष्पक विमानों में घूमना l वहां आत्मा, पशु, प्राणी, प्रकृति, सभी का ही कर्म है, सुख देना और सुख लेना l➿
🛐 नैन चैन को प्रसन्न करने वाला मनभावन है, प्रकृति का हर नजराना l हर रात को पूर्ण चंद्रमा को है, भारतवर्ष में आना l जिस चांदनी रात में है, महारास करना l 🚻
💯बड़ी रॉयल होगी, हम सभी की धारणा l सारे संसार में होगा, नेचुरल खुशबू का महकन l 2500 वर्ष, 21 जन्म तक, उस खुशबूदार संसार में है रहना l♈
✝️अगर उस संसार में चलने की है चाहना l तो अभी ही भगवान बाप से, यह सर्वोच्च अधिकार लेना l बिना कोई खर्चे, यह अधिकार प्राप्त करना l इसके लिए सिर्फ भगवान बाप का बनना l ✝️
💟उनको ही याद करना l उनकी ही श्रीमत पर चलना l फिर निश्चित है आपका संपूर्ण पावन देवी देवता बनना l अब जमाने को नहीं देखना, खुद का फैसला खुद ही करना l💟
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अनमोल वचन :
चलो जिंदगी को जिंदादिली से जीने के लिए एक छोटा सा उसूल बनाते है ! रोज कुछ अच्छा याद रखते है और कुछ बुरा भूल जाते है...!!!
🙏ओम् शान्ति 🙏
🌷आपका दिन शुभ हो 🌷
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ओम शांति
*ईश्वर या प्रभु हम बच्चो से एक ही कामना रखते हम सब खुश रहे और सबको ख़ुशी बांटे।*
🙏🙏 *_ओम शांति_*🙏🙏
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*🪶सुबह सुबह चिंता, क्रोध व*
*दर्द वाली सोच नहीं रखें क्योंकि*
*इसका असर आपके पूरे दिन व*
*आपके अनमोल जीवन पर पड़ता हैं।*
*🙏🏻ओम शांति🙏🏻*
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*प्रेरणादायक कहानी -मौन का करें अभ्यास*
_✽ एक बार एक मछलीमार अपना काँटा डाले तालाब के किनारे बैठा था। काफी समय बाद भी कोई मछली उसके काँटे में नहीं फँसी थी।_
_✽ उसने सोचा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि मैने काँटा गलत जगह डाला हो और यहाँ कोई मछली ही न हो। उसने तालाब में झाँका तो देखा कि उसके काँटे के आस-पास बहुत-सी मछलियाँ थीं। उसे बहुत आश्चर्य हुआ कि इतनी सारी मछलियाँ होने के बाद भी कोई मछली फँसी क्यों नहीं जबकि काँटे में दाना भी लगा है। क्या कारण हो सकता है ?_
_✽ वह ऐसा सोच ही रहा था कि एक राहगीर ने उससे कहा--लगता है भैया यहाँ पर मछली मारने बहुत दिनों बाद आए हो। इस तालाब की मछलियाँ अब काँटे में नहीं फँसती। इस पर उसने हैरत से पूछा - क्यों, ऐसा क्या हुआ है यहाँ?_
_✽ राहगीर बोला- पिछले दिनों तालाब के किनारे एक बहुत बड़े संत आकर ठहरे थे। उन्होने यहां "मौन की महत्ता" पर प्रवचन दिए थे। उनकी वाणी में इतना तेज़ था कि जब वे प्रवचन देते तो सारी मछलियाँ बड़े ध्यान से सुनतीं।_
_✽ यह उनके प्रवचनों का ही असर है कि उसके बाद जब भी कोई इन्हें फँसाने के लिए काँटा डाल कर बैठता है तो ये "मौन" धारण कर लेती हैं। जब मछली मुँह खोलेगी ही नहीं तो काँटे में फँसेगी कैसे ?_
_✽ इसलिए बेहतर यही है कि आप कहीं और जाकर काँटा डालो। उसकी बात मछलीमार की समझ में आ गई और वह वहां से चला गया। कितनी सही बात है यह, जब मुँह खोलोगे ही नहीं तो फँसोगे कैसे?_
_✽ यह बात मछलियों की तरह उन व्यक्तियों को भी समझ लेनी चाहिए जो अपनी बकबक करने की आदत के चलते स्थान और समय का ध्यान रखे बिना अपना मुँह खोल कर मुसीबत में फँस जाते हैं। गलाकाट प्रतियोगिता के इस युग में इस बात का महत्व उस समय और बढ़ जाता है न जाने कौन अपना काँटा डाले आपको फँसाने के चक्कर में हो। जैसे ही आपने मुँह खोला, आप फँसे।_
_✽ ऐसी स्थितियों से बचने के लिए ज़रूरी है कि हम मौन का अभ्यास करें। धीरे-धीरे अभ्यास से हम सीख जाएं।_
*🙏🏼● ओम शान्ति ●🙏🏼*
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