मानवीयता गांवो का विकास और हीरा ग्रुप
मानवीयता गांवो का विकास और हीरा ग्रुप
सुरेन्द्र जैन / धरसीवां
कोरोना कॉल के प्रथम लॉक डाउन से ही हीरा ग्रुप की इस्पात गोदावरी को जनहित में मानव सेवा के क्षेत्र में अग्रणी रूप से कार्य करते देखा जा रहा है यदि हम उनकी कोई कमियां सामने आये तो बिना समय गंवाए उनकी कमियों को प्रदर्शित करते है लेकिन कभी उनकी अच्छाइयों को प्रदर्शित करने में आगे नहीं रहे यदि हम किसी की अच्छाइयों को उजागर करें तो उनका मनोबल बढ़ता है और वह ओर भी अच्छे कार्य करने का मन बनाते हैं जब कोरोना के शुरुआती दौर में मोदी सरकार ने अचानक से प्रथम लॉक डाउन किया तब देशभर में हाहाकार मच गया था लाखो मजदूर चिलचिलाती धूप में भूखे प्यासे सैंकड़ो किलो मीटर पैदल चलकर अपने अपने राज्य की ओर जाने लगे थे उन्हें यह भी पता नहीं था कि जीवित पहुचेंगे की नहीं क्योकि सैंकड़ो किलो मीटर हिलचिलाती धूप गर्मी में पैदल चलकर घर की अपने गांव की ओर निकले गरीब मजदूरों के लिए न कोई वाहन न न जेबो में धन न रास्ते मे दुकाने कुछ नही था उस समय यदि उन गरीबो का कोई था तो सिर्फ ऊपर वाला ही रखवाला था ऊपर वाले के भरोसे जब यह गरीब मजदूर सैंकड़ो किलो मीटर की पैदल यात्रा कर रहे थे तब हीरा ग्रुप जैंसी कंपनिययो के मालिकों को ऊपर वाले ने ही ऐंसी मानव सेवा की समझ दी कि वह अपनी फेक्ट्रियो को भोजन शाला का रूप दे दिए फेक्ट्रियो में उत्पादन तो बन्द था कर्मचारियों को मानव सेवा में लगा दिए ।
आसपास की ग्राम पंचायतों की मांग के अनुरूप ग्राम पंचायतों में भोजन के पैकेट बना बनाकर भेजने लगे हीरा ग्रुप की इस्पात गॉदावरी प्रतिदिन आसपास की ग्राम पंचायतों को सुबह एवं शाम दोनो समय सैंकड़ो भोजन के पैकेट तैयार कर भेजती रही सांकरा सिलतरा धरसीवां सहित आठ ग्राम पंचायतों को प्रतिदिन मांग के अनुरूप भोजन लंच एवं डिनर के पैकेट उपलब्ध कराए इसके अलावा मांग के अनुरूप सूखा राशन भी ग्रामीणों को कई जगह उपलब्ध कराया धरसीवां सांकरा के पत्रकारों की पहल पर आठ दस परिवारों को भी तत्काल राशन उपलब्ध कराया था उन दिनों राज्य सरकार भी सभी के सहयोग से अन्य प्रांतों से छत्तीसगढ़ के रास्ते होते हुए पैदल जा रहे मजदूरो के लिए जगह जगह व्यवस्थाएं बना रही थी ओर यही मानवीयता हमारे छत्तीसगढ़ की अमिट छाप उन दिनों हर राज्य के गरीब मजदूरो के माध्यम से उन राज्यो तक पहुच रही थी उन दिनों सडको पर चिलचिलाती धूप में छोटे छोटे बच्चों को उठाकर ले जाती गरीब महिला श्रमिक पुरुष वर्ग भूखे प्यासे पसीने से तरवतर देख आंखों में आंसू आ जाते थे हालात ऐंसे थे कि गांव के लोग जो खुद सक्षम नहीं थे वो भी जिनसे जितना बनता उन गरीब मजदूरों की मदद करते थे उन दिनों हीरा ग्रुप जैंसी ओधोगिक इकाइयों ने जो किया उसे कभी भुलाया नही जा सकता उनके इसी मानव धर्म के अलावा बीते कुछ समय से गांवो के विकास में भी उनकी रुचि देखने को मिल रही है जो काबिले तारीफ है
सिलतरा में सिक्स लाइन के सर्विस रोड के किनारे से फेस वन ओर फेस टू में लगभग सौ एकड़ भूमि में हीरा ग्रुप की इस्पात गॉदावरी ने ग्रीन बेल्ट बनाया सैंकड़ो पौधे लगाए जिनकी खाद पानी की समुचित व्यवस्था से वह अब काफी बड़े वृक्ष बनकर एक बेहतरीन हरे भरे जंगल का रूप ले चुके हैं जहां जंगल के साथ जलस्रोत के रूप में तालाब एवं बोर भी कराए गए हैं ।
इस्पात गॉदावरी ने सिलतरा ग्राम पंचायत में गांव को सुंदर बनाने में काफी कुछ कार्य बाजार एवं तालाब के आसपास भी किया और हाल ही में 21 लाख की लागत से उन्होंने शासकीय प्राथमिक शाला में तीन कक्षो का निर्माण भी शुरू किया है गांव के एक वार्ड में सड़क निर्माण सहित कुछ और भी कार्य शुरू किए सिलतरा के समीप सांकरा ग्राम पंचायत के शमशान घांट का भी कायापलट करने की तैयारी है शमशान घांट की भूमि को समतल कर वहां हरे भरे वृक्ष लाइट सडक़ आदि कार्यों से श्मशानघाट के सौन्दर्यकरण का कार्य भी हीरा ग्रुप की इस्पात गॉदावरी ने शुरू किया है मंगलबार से अब एक नया काम मोहदी ग्राम पंचायत में शुरू किया यहां गौठान में खाद गोदाम एवं कार्यालय के निर्माण का काम भी इस्पात गॉदावरी ने शुरू कराकर एक प्रकार से राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी गौधन न्याय योजना गौठान योजना में सहयोग करना शुरू किया है
कुल मिलाकर बीते कुछ समय से हीरा ग्रुप ने आसपास के गांवो के विकास में जो भूमिका निभाना शुरू किया है वह काबिले तारीफ है भविष्य में भी गांवो के चहुमुखी विकास में वह अग्रणी रहें इसी आशा और विश्वास के साथ उनके द्वारा किये जा रहे अच्छे कार्यों के लिए उनका धन्यवाद आभार।
