साहित्यकार समाज एवम संस्कृति का सर्जक एवम संरक्षक होता है--पुष्पा गोस्वामी - fastnewsharpal.com
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साहित्यकार समाज एवम संस्कृति का सर्जक एवम संरक्षक होता है--पुष्पा गोस्वामी

 साहित्यकार समाज एवम संस्कृति का सर्जक एवम संरक्षक होता है--पुष्पा गोस्वामी



(सुंदर लाल शर्मा के व्यक्तित्व एवम कृतित्व पर हुई विचार संगोष्ठी व सम्मान समारोह )

राजिम

 गायत्री मन्दिर सभागार राजिम में  महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवम सामाजिक जागरण के पुरोधा पण्डित सुंदर लाल शर्मा के व्यक्तित्व एवम कृतित्व पर त्रिवेणी संगम साहित्य समिति राजिम नवापारा जिला गरियाबंद के तत्वाधान में साहित्यिक संगोष्ठी, कवि सम्मेलन एवम सम्मान समारोह का भव्य आयोजन हुआ।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में इसश्रीमती पुष्पा गोस्वामी, सभापति नगर पंचायत राजिम की गरिमामय उपस्थिति रही।



अध्यक्षता राघोबा महाडिक वरिष्ठ समाजसेवी एवम पूर्व जनपद सदस्य राजिम ने किया।विशेष अतिथि के रूप में चंद्रलेखा गुप्ता मुख्य ट्रस्टी माँ गायत्री शक्तिपीठ राजिम,और विशिष्ट अतिथि के रूप में लेखा महोबिया पार्षद नगर पंचायत राजिम,संजय शर्मा,"कबीर",व्यासनारायनचतुर्वेदी, उपस्थित रहे ।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में पुरुषोत्तम चक्रधारी, कोमल सिंह साहू राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षक नवापारा नगर मौजूद रहे।कार्यक्रम का शुभारंभ माँ शारदे एवम पण्डित सुन्दर लाल शर्मा जी के तैलचित्र के सामने दीप प्रज्वलित करके हुआ।सरस्वती वंदना युवा कवियत्री प्रिया देवांगन ने किया।स्वागत उदबोधन के माध्यम से समिति के कोषाध्यक्ष श्रवण कुमार साहू,"प्रखर"ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।ततपश्चात कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कोमल सिंह साहू ने पण्डित सुंदर लाल शर्मा के व्यक्तित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि पंडित जी सच्चे अर्थों में एक महामानव थे,उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।इस अवसर पर कवि सम्मेलन के साथ ही साथ साहित्य के माध्यम से उल्लेखनीय सेवा करने वाले कवि भारत लाल साहू,"प्रभु"और कवि छग्गु यास अडील को "त्रिवेणी संगम साहित्य रत्न सम्मान2021"सम्मानित करते हुए शाल श्रीफल,स्मृति चिन्ह एवम धनराशि प्रदान किया गया।इसी कड़ी में समिति के ऊर्जावान एवम नवोदित रचनाकार,रामेश्वर साहू,"रंगीला",तुषार शर्मा,"नादान",प्रिया देवांगन,"प्रियु",नरेंद्र कुमार साहू,"पार्थ",,युगल किशोर साहू,"जिज्ञासु"को "युवा हस्ताक्षर सम्मान2021"से सम्मानित किया गया।कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि पुष्पा गोस्वामी ने कहा कि सामाजिक अव्यवस्था के बीच व्यवस्था स्थापित करने का कार्य एक साहित्यकार बखूबी करते हैं, साहित्यकार समाज एवम संस्कृति का रक्षक एवम संरक्षक होता है।अध्यक्षता कर रहे राघोबा महाडिक ने कहा कि पण्डित सुंदर लाल शर्मा जैसे महामानव किसी भी राष्ट्र एवम समाज की धरोहर होती है, उनके बताए रास्ते पर चलना हम सब का कर्तव्य है।इस अवसर पर लेखा महोबिया,पार्षद ने साहित्य सदन हेतु अपने पार्षद निधि से50 हजार रुपये देने की घोषणा की।वहीं सभापति पुष्पा गोस्वामी ने साहित्य सदन निर्माण हेतु पूर्ण संकल्प लेते हुए हर सम्भव अधिकाधिक प्रयास का वादा किया।मंच को चंद्रलेखा गुप्ता ,संजय शर्मा कबीर, अशोक शर्मा एवम व्यासनारायन चतुर्वेदी ने संबोधित किया। मंच संचालन किशोर निर्मलकर ने किया,जबकि आभार प्रदर्शन रोहित कुमार साहू,"माधुर्य",ने किया।इस कार्यक्रम में नरेंद्र पार्थ,तुषार शर्मा,"नादान",भारत लाल साहू,छग्गु यास अड़ील,युगल किशोर जिज्ञासु, प्रिया देवांगन, मकसूदन साहू,मोहनलाल मणिकपन, केंवरा यदु,शालिक राम शर्मा, तुलाराम साहू,आर एन तिवारी, अजय देवांगन प्रधान संपादक खबर गंगा, सन्तोष सोनकर, जितेन्द्र सुकुमार ,युगल साहू सहित अनेक साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।

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