*स्वच्छ भारत का निर्माण श्रेष्ठ विचारों से ही संभव है- ब्रहमा कुमार नारायण भाई*
*स्वच्छ भारत का निर्माण श्रेष्ठ विचारों से ही संभव है- ब्रहमा कुमार नारायण भाई*
राजिम(किरवई) ,
,सिंपल चीज अगर स्वच्छ होती है, तो सभी के मन को आकर्षित करती है और यही कारण है कि मंदिर ,मस्जिद ,गिरजाघर ,पूजा घर सभी के मन को लुभाता है ।अगर हमें स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत का निर्माण करना है तो सबसे पहले मन के विचारों को स्वच्छ शुद्ध करने की आवश्यकता है। वह शुद्ध संकल्प है मैं देह नहीं, शूद्ध आत्मा हू।इसी एक शब्द से अंदर व बाहर वातावरण की स्वछता, शुद्धता ,स्वत् हो जाती है । आज वातावरण में नकारात्मकता, भय, डर, चिंता का माहौल बनता जा रहा है जिससे मानव की परेशानियां और मन का भारीपन बढ़ता जा रहा है। यही कारण है कि आज स्रष्टि तमोप्रधान,गंदी बनती जा रही है। कहां जाता है स्व परिवर्तन से ही विश्व परिवर्तन होता है, जब हम स्वयं के विचारों का परिवर्तन करेंगे तो स्वत सृष्टि स्वर्णिम बन जाएगी।
यह विचार इंदौर से पधारे धार्मिक प्रभाग के राष्ट्रीय कार्यकर्ता ब्रहमा कुमार नारायण भाई ने संत पवन दीवान शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय ,किरवई द्वारा ग्राम धमनी जिला गरियाबंद में राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में ग्रामवासी व छात्र छात्राओं को संबोधित कर रहे थे ।इस अवसर पर गरियाबंद जिले के शिक्षा अधिकारी करमन खतकर श्याम नगर से पधारी ब्रह्माकुमारी पूजा बहन ने बताया कि कन्या बचाओ, कन्या पढ़ाओ का नारा आज के वर्तमान परिपेक्ष में साकार होता जा रहा है ,कन्या हर फिल्ड में पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ती जा रही है।
अब पुरुष के समान नारी में हिम्मत, साहस के गुण शिक्षा के माध्यम से जागृत होते जा रहे हैं । अब नारी अबला नहीं, सबला बनती जा रही है। एक कन्या अगर संस्कृत शिक्षित हो जाती है तो पूरे परिवार समाज को श्रेष्ठ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। संत पवन दिवान शासकीय विद्यालय,किरवई के प्रिंसिपल प्रफुल्ल दुबे ने बताया कि शिक्षा मानव कोश्रेष्ठ बनाती है, शिक्षित व्यक्ति का समाज में मान-सम्मान आदर होता है। वह किसी समस्या में घबराता नहीं लेकिन समस्याओं का प्राप्त शिक्षा से समाधान निकाल आगे बढ़ता जाता है, इसीलिए अशिक्षित व्यक्ति शिक्षित की आगे नत मस्तक होता है। लक्ष्मी व सरस्वती में सबसे ज्यादा मान सरस्वती को जाता है जहां सरस्वती है वहा लक्ष्मी स्वत चली आती है। अन्त मैं ब्रहमा कुमार नारायण भाई ने सभी को मानसिक एकाग्रता शांति के लिए राजयोग के बारे में विस्तार से बताया ।तथा सभी को राजयोगअभ्यास द्वारा शांति अनुभूति कराइ।इस कार्यक्रम में गरियाबंद जिले के शिक्षा अधिकारी करमन खतकर,सरपंच श्रीमती अश्विनी साहू, उप सरपंच राधेश्याम साहू ,श्रीमती भुनेश्वरी साहू जनपद सदस्य, रेख राम सोनकर व्याख्याता, संतराम भारती व्याख्याता, सुखेन राम साहू सरपंच, राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी बसंत साहू भी उपस्थित थे।