ब्रहमा कुमारी संस्थान के संस्थापक पिता से* ब्रहमा बाबा की पुण्यतिथि विश्व शांति दिवस के रूप में मनाई गई, मानव जाति को एक नई दिशा देने वाला महापुरुष ब्रहमा बाबा की पुण्यतिथि विश्व शांति दिवस के रूप में मनाई गई*
ब्रहमा कुमारी संस्थान के संस्थापक पिता से* ब्रहमा बाबा की पुण्यतिथि विश्व शांति दिवस के रूप में मनाई गई, मानव जाति को एक नई दिशा देने वाला महापुरुष ब्रहमा बाबा की पुण्यतिथि विश्व शांति दिवस के रूप में मनाई गई*
नवापारा नगर
विश्व शांति की दिशा में एक नया अध्याय जो वर्तमान मानव जीवन को नई दिशा व दशा परिवर्तन करदे।
गीता में वर्णित उस महामानव पिता श्री ब्रहमा बाबा जिसको गीता में अर्जुन की उपाधि दी गई ।ब्रह्मा कुमारी संस्थान के प्रथम संस्थापक जिसके तनमें स्वयं निराकार शिव परमात्मा की प्रवेशता ने सारे जग के आध्यात्मिक समीकरण परिवर्तन कर दिए। ऐसे महापुरुष 18 जनवरी 1969 को प्रजापिता ब्रहमा बाबा स्थूल शरीर से मुक्त होकर शुक्ष्म प्रकाशमय रुप से आध्यात्मिक सेवा में तीव्र गति से प्रवत हुए। उन्होंने साकार रुप से जो कुछ कर्तव्य किए हम सभी के लिए आदर्ष बन गए ।
यह विचार ब्रहमा कुमारी प्रिया बहन ने पिता से ब्रह्मा बाबा की53वी पुण्यतिथि पर ओम शांति कालोनी में स्तिथ ओम शांति सभागृह में नगर वासियों को संबोधित करते हुए बताया ।इंदौर से पधारे ब्रहमा कुमार नारायण भाई ने बताया कि उनके मुखारविंद पर सदा रहने वाला हर्ष हमारे लिए सदाबहार की तरह ताजगी बिखेरने वाला बन गया ।उनकी लोक कल्याण की भावना हमारे लिए अनुकरणीय बन गई।
पवित्रता की पराकाष्ठा, मधुरता, मानवता हमारे लिए आदर्ष बन गई। अपने पुराने संस्कारो को पूर्णतया बदलने की, विश्व को पवित्र बनों, योगी बनो का संदेश देने कीअदम्य प्रेरणा उनके जीवन से मिलती है। इस अवसर पर माननीय अतिथि हेमंत साहू, व्याख्याता ने बताया कि उनके हर शब्द ऐसा जो हमारे ह्रदय को बदल देता है, हर विचार ऐसा जो आंतरिक मन को बदलता चला जाता है। लाखों करोड़ों का कायाकल्प कर दिया। विशेष अतिथि विवेक शर्मा, व्याख्याता ने बताया कि ब्रहमा बाबा ने आज लाखों व्यक्तियों को योगी बनाया। एक योगी हजार वक्ता से श्रेष्ठ होता है। एक योगी के आस पास रहने वाले हजारों नर नारी सुख शांति की तरंगे प्राप्त कर जीवन को तनाव, भय, चिंता से मुक्त जीवन का अनुभव करते हैं। आज प्रातः 2:00 बजे से ही ब्रह्मा बाबा की यादों मेबैठ वरदानो से झोली भरते रहे। प्रातः 7:00 बजे ब्रहमा बाबा की मधुर शिक्षाएं क्लास में सुनाई गई। फिर भोग लगाया गया। बाबा के कमरे में गए जहां सेवा केंद्र संचालिका ब्रम्हाकुमारी पुष्पा, प्रिया बहन, नारायण भाई व सभी भाई बहनों ने पुष्पांजलि अर्पित की। सारे दिन मौन साधना तपस्या चलती रही, जिससे सारा वातावरण चुंबकीय शांति से ओतप्रोत हो गया ।कार्यक्रम में नगरवासियों के साथ तोरन देवांगन, रामकुमार साहू, प्रेम शंकर साहू, शंकर सेन, बिसाऊ साहू, घनश्याम साहू व अन्य भाई बहने उपस्थित थे।