भक्त की भक्ति के वश में होते हैं भगवान-जैन मुनि
भक्त की भक्ति के वश में होते हैं भगवान-जैन मुनि
सुरेन्द्र जैन/धरसीवां
पूज्य दिगंबर जैनाचार्य 108 विशुद्ध सागर जी के परम शिष्य पूज्य मुनि श्री सुयश सागर जी महाराज ने विहार के दौरान मंगल प्रवचन में कहा कि भक्त की भक्ति के वश में होते हैं भगवान।
पूज्य मुनिश्री ने कहा कि चन्दनवाला की भक्ति से भगवान महावीर स्वामी को उनके यहां आहार करने पहुचे शबरी की भक्ति से मर्यादा पुरषोत्तम श्री रामचन्द्र जी शबरी के हाथों बेर खाने पहुचे आज विहार के दौरान गिरोद में पहुचना भी जयेश पाटनी की भक्ति का प्रतिफल है जयेश की भक्ति देखिये सैंकड़ों किलो मीटर दूर से विहार में पैदल साथ चल रहा था मन मे यही भावना थी कि मुनिराज के पावन चरण हमारे यहां पड़ें ओर उनकी भक्ति उनका पुण्य हमें यहां तक ले आया।
*गिरोद में आहार चर्या के बाद हुआ विहार*
पूज्य दिगंबर मुनिराज सिलतरा से रात्रि विश्राम उपरांत सुबह सांकरा स्थित श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर पहुचे यहां से दर्शन एवं शांतिधारा उपरांत विहार कर गिरोद स्थित शीतल ट्रेडर्स में आहार चर्या हुई पूज्य मुनि संघ के आहारों के उपरांत दूर दूर से आये समाज के लोगो के लिए भी पाटनी परिवार के सौजन्य से भोजन की व्यवस्था की गई थी आहारों के उपरांत सामायिक हुई और प्रवचन के बाद मुनि संघ का गिरौद से विहार हुआ।
*रात्रि विश्राम टाटीबंध में रायपुर की जगह दुर्ग की तरफ विहार*
मुनि संघ का रात्रि विश्राम टाटीबंध के समीप हो रहा है पूर्व में रायपुर की तरफ विहार निश्चित था लेकिन दुर्ग में चल रही मुनिराज की सल्लेखना समाधि के कारण अब मुनि संघ का विहार दुर्ग के लिए हुआ है कल सुबह विहार उपरांत टाटीबंध ओर भिलाई के बीच आहार होंगे।