छुरा विकाश खंड शिक्षा विभाग में बैठें अफसर शाही के चलते एक शिक्षक को खोना पड़ा अपना पुत्र ____
छुरा विकाश खंड शिक्षा विभाग में बैठें अफसर शाही के चलते एक शिक्षक को खोना पड़ा अपना पुत्र ____
रानीपरतेवा मिडिल स्कूल के प्रधानपाठक को नहीं मिला एक साल से वेतन , जमीन बेचकर इलाज कराया फिर भी नहीं बचा पाए बेटे की जान _____
होनहार गोल्ड मेडलिस्ट बच्चे को खोकर गांव में पसरी शोक की लहर, जिम्मेदार अधिकारियों ने नहीं लिया सुध_____
तेजस्वी यदु/ छुरा
मिली जानकारी अनुसार शिक्षा विभाग छुरा के शिक्षक थानेश्वर निर्मलकर प्रधानपाठक मिडिल स्कूल रानीपरतेवा में विगत 7 वर्ष से पदस्थ हैं । वे 2015 में पिपरहटठा मिडिल स्कूल में निलंबित हुए थे 30 दिवस के अंदर आरोप पत्र नहीं मिलने के कारण एवं तत्कालिन कलेक्टर के आदेश से रानीपरतेवा मिडिल स्कूल में पदस्थ है ।जबकि आज तक स्वयंमेव बहाल का आदेश 7 वर्षों से अप्राप्त है ।और उनका वेतन भी 7 वर्षों तक जारी हो रहा था। अभी 1 साल से नया प्रचार्य हायर सेकेण्डरी स्कूल रानीपरतेवा आर. आर तोमर जी एव बी. ई.ओ. छुरा के द्वारा बिना उच्च अधिकारी के आदेश के एवं बिना बहाली पत्र के पुनः पिपरहटठा मिडिल स्कूल में रिलिफ कर दिया जबकि नियमतः स्वयमेव बहाल का आदेश विभाग द्वारा दिया जाना चाहिए और नहीं मानने पर 1 साल से वेतन रोक दिया गया है। अपने आरोप पत्र में लिखा है कि जबकि मेरे पिता शिक्षक थानेश्वर निर्मलकर राजपत्रित संवर्ग अधिकारी हैं, मैंने एवं मेरी माँ ने 20 बार बी.ई.ओ. छुरा एवं डी. ई. ओ. गरियाबंद को आवेदन दिया मेरे लिवर का ऑपरेशन हुआ है माह जनवरी में जिसका इलाज के खर्च का दुहाई दिया । मेरे छोटे भाई गोल्डमेडलिस्ट कल्याण कॉलेज भिलाई गोल्ड मेडलिस्ट दुर्गा कॉलेज रायपुर एवं 2009 में 12 वी में छग में प्रथम स्थान प्राप्त किया था उसका भी तबीयत खराब था उसके इलाज की भी दुहाई दिया लेकिन शिक्षा विभाग गरियबंद के कान पर जूं तक नहीं रेंगा मजबूरन हमें वेतन के अभाव में हमारे अपने पैतृक जमीन को बेंचकर के मेरे एवं मेरे भाई का इलाज करवा रहे थे।
अभी 9 दिन पहले 22 जनवरी को मेरे छोटे भाई आशीष निर्मलकर का पैसे की कमी से सही इलाज नहीं हो पाने के कारण देहांत हो गया मेरे परिवार में 4 लोग थे अब 3 बचे है मेरे माँ पापा और मैं इस घटना से सदमें में है। और इसका संपूर्ण जिम्मेदार प्राचार्य हायर सेकेण्डरी स्कूल रानीपरतेवा आर. आर. तोमर जी एव बी. ई.ओ. मतावले जी छुरा हैं। महोदया जी से निवेदन है कि अब आप ही हमें न्याय दिलायें।