त्रिवेणी संगम पर बने लक्ष्मण झूला की कल्पना का श्रेय पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल--विजय गोयल
त्रिवेणी संगम पर बने लक्ष्मण झूला की कल्पना का श्रेय पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल--विजय गोयल
गोबरा नवापारा नगर
नगरपालिका परिषद गोबरा नवापारा के पूर्व अध्यक्ष विजय गोयल ने राजिम के त्रिवेणी संगम पर बने लक्ष्मण झूला के लोकार्पण पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति आभार जताते हुए एवं राजिम, मगरलोड, नवापारा की जनता को बधाई देते हुवे लक्ष्मण झूला के वास्तविक शिल्पकार पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को लोकार्पण में विशेष अतिथि बतौर आमंत्रित नहीं किए जाने पर पीड़ा व्यक्त की है . श्री गोयल ने कहा कि अब भक्तों को पूरे साल भर हरिहर यानि भगवान श्री राजीवलोचन (हरि) और भगवान श्री कुलेश्वरनाथ महादेव (हर) के एक साथ दर्शन करने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आयेगी . इसी पुनीत सोच को महसूस करते हुए पूर्व जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल द्वारा इस लक्ष्मण झूला की न केवल परिकल्पना की गई थी, बल्कि तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंग से विशेष आग्रह कर 35 करोड़ रूपए जैसे भारी-भरकम बजट की स्वीकृति भी दिलवाई गई थी . लक्ष्मण झूला 3 साल के भीतर बन जाना था और भाजपा सरकार होने की स्थिति में ऐसा हो भी जाता, लेकिन कांग्रेस सरकार में विभागीय अधिकारियों ने इसे बनाने में 5 साल लगा दिए, जिससे भक्तों को काफी लंबा इन्तजार करना पड़ा . आज लक्ष्मण झूला की भव्यता को देखकर हर कोई बृजमोहन अग्रवाल जी के प्रति निश्चित तौर पर आदर का भाव रख रहा होगा . लेकिन शायद वर्तमान सरकार श्रेय की राजनीति के चलते उनके प्रति ऐसी सोच नहीं रखती . यही वजह है कि लक्ष्मण झूला के लोकार्पण में उसके वास्तविक शिल्पी श्री अग्रवाल को विशेषअतिथि बतौर आमंत्रित नहीं किया गया क्योंकि अगर ऐसा किया जाता तो शायद श्री अग्रवाल की उपस्थिति में वर्तमान सरकार की अहमियत गौण हो जाती . श्री गोयल ने बताया कि यह विडम्बना ही है कि मंगलवार को आयोजित राजिम माघी पुन्नी मेला समापन समारोह के आमन्त्रण पत्र में श्री अग्रवाल का नाम अतिथि के तौर पर दर्ज है, लेकिन लक्ष्मण झूला लोकार्पण के आमन्त्रण में उनका नाम दर्ज नहीं है . जबकि श्री अग्रवाल मंगलवार दोपहर से शाम तक सपरिवार राजिम में ही मौजूद थे और इस दौरान श्री कुलेश्वरनाथ महादेव व भगवान श्री राजीवलोचन का दर्शन लाभ भी लिया . इतना ही नहीं खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब पैदल लक्ष्मण झूला के लोकार्पण स्थल जा रहे थे तो रास्ते में श्री अग्रवाल की उनसे अचानक मुलाकात भी हुई . दोनों में कुछ पल संवाद भी हुआ, लेकिन इसके बाद भी मुख्यमंत्री, दलगत राजनीति को परे रख श्री अग्रवाल को लोकार्पण में शामिल होने की बात कहने का साहस नहीं जुटा पाये . श्री गोयल ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री ऐसा कर देते तो उनकी ही प्रतिष्ठा में चार चाँद लग जाते, लेकिन उन्होंने ऐसा न कर सुनहरा अवसर गँवा दिया . श्री गोयल ने अंत में कहा कि चाहे जो भी हो, इस सच्चाई को कोई झुठला नहीं सकता कि इस लक्ष्मण झूला के वास्तविक शिल्पकार श्री अग्रवाल ही हैं उन्हें छेत्र वासियों की ओर से दिल से धन्यवाद देता हूं और जब तक इस लक्ष्मण झूला का अस्तित्व रहेगा, लोगों की जुबां पर श्री बृजमोहन अग्रवाल जी का नाम और दिल में उनके प्रति सम्मान बना रहेगा ।