*भूपेश सरकार द्वारा प्रस्तुत चौथा बजट झूठ का पुलिंदा* *पुरानी योजनाओं में नया स्टिकर लगाकर भ्रम फैलाने वाला बजट* *गांव गरीब किसान के लिए सिर्फ लॉलीपॉप* *संदीप शर्मा*
*भूपेश सरकार द्वारा प्रस्तुत चौथा बजट झूठ का पुलिंदा*
*पुरानी योजनाओं में नया स्टिकर लगाकर भ्रम फैलाने वाला बजट*
*गांव गरीब किसान के लिए सिर्फ लॉलीपॉप* *संदीप शर्मा*
गरियाबन्द
भूपेश सरकार द्वारा प्रस्तुत चौथा बजट झूठ के पुलिंदा के सिवाय कुछ नही। बजट से स्पष्ट होगया की कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से झूठे वायदे कर सरकार में आई और छत्तीसगढ़ की जनता को ठगने का काम किया। उक्त बातें राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी संदीप शर्मा ने कही।
उन्होंने आगे कहा कि बजट में गांव गरीब किसान के लिए कुछ नही है। सरकार एक तरफ तो ढिंढोरा पीट रही है कि राज्य में प्रति व्यक्ति आय में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी ही गयी है तो सरकार को यह भी बताना चाहिए कि 52 हजार करोड़ का कर्ज क्यों लिए हो। सरकार को यह भी बताना चाहिए कि जिस राज्य के जनता पर दो साल पहले प्रति व्यक्ति कर्ज मात्र 16 हजार थी वह अब 250 प्रतिशत बढ़ कर 40 हजार प्रति व्यक्ति कैसे हो गयी? किसानों के जमीन के बाजार मूल्य कम करने से किसानों को कैसे और क्या फायदा मिल रहा? उल्टे इससे किसानों को कम मूल्यांकन से जहाँ एक तरफ लोन कम मिलेंगे वही मिलने वाली मुआवजा भी घट रही है। कृषि के सिंचाई का रकबा दुगुनी करने का वादा करने वाली सरकार अपनी चमड़ी बचने बजट में 3 लाख 10 हजार हेक्टेयर भूमि में ( तीन वर्षों )नई सिंचाई व्यवस्था करने की बात कह रहे हैं ,भूपेश सरकार में दम है तो स्वेत पत्र जारी कर बताए कि किस रकबा खसरा में इन्होंने नई सिचाई व्यवस्था किये हैं? किसानों को निशुल्क सिंचाई बिजली के नाम पर मनमाने बिल भेजने वाली भूपेश सरकार के विद्युत कटौती से किसान परेशान हैं,। हर ब्लाक में फ़ूडप्रोसेसिंग केंद्र खोलने का वादा करने वाली भूपेश सरकार ने अपने नेताओं को झूठ ही परोसा है जिसके कारण इनके राष्ट्रीय नेता यूपी चुनाव में खुले आम झूठ बोलकर कि "छत्तीसगढ़ के हर जिले में किसान अपने उत्पाद फ़ूडप्रोसेसिंग केंद्र में बेच रहे है" अपने मुंह मियां मिट्ठू बन रहे थे। संदीप शर्मा ने आगे कहा कि 3 साल में 5 लाख नौकरी देने के बयान बाजी का पोल भी इस बजट में खुल गया जहाँ यह स्वीकार किया गया कि 11 हजार भर्ती ही की गई है। बेरोजगारी भत्ता के नाम पर लाखों नौजवान बेरोजगारों को ठगने वाली मिठलाबरा भूपेश सरकार परीक्षा शुल्क में छूट की घोषणा कर बेरोजगारों दुबारा छल करने का प्रयास किया है क्यों कि इन्हें न तो नौकरी देने है और न ही भर्ती विज्ञापन निकलना है।
शर्मा ने कहा कि ज्यादातर केंद्र सरकार के सहायता अनुदान पर ही राज्य सरकार का बजट आश्रित दिख रहा है, अनेक लुभावने घोषणा भी घोषणावीर मुख्य मंत्री ने किए हैं पर आर्थिक बदहाली के कगार पर खड़ी राज्य की वित्तीय स्थिति से स्पष्ट है कि ये घोषणाएं सिर्फ आसमानी हैं, इन्हें धरती पर उतरना ही नही है। इन सब के बाद भी यदि देखे तो पुरानी घोषणाएं जैसे शराब बंदी, बुजुर्ग पेंशसन, गरीबों को मकान बड़ी, स्वसहायता समूह के कर्जे माफी, कर्मचारियों के नियमितीकरण, चिकित्सा, शिक्षा के उन्नयन पर यह बजट मौन है। कुल मिलाकर देखा जाय तो यह बजट विकासोन्मुखी नही वरण छत्तीसगढ़ को 20 साल पीछे धकेलने वाला बजट साबित होगा।