*ब्रह्माकुमारीज नैनपुर द्वारा नैनपुर क्षेत्र में "आत्मनिर्भर किसान अभियान" का शुभारंभ*
*ब्रह्माकुमारीज नैनपुर द्वारा नैनपुर क्षेत्र में "आत्मनिर्भर किसान अभियान" का शुभारंभ*
मण्डला
ब्रह्माकुमारीज़ नैनपुर के द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर" प्रोजेक्ट के अंतर्गत ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के "कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग" के द्वारा "आत्मनिर्भर किसान अभियान" का नैनपुर क्षेत्र में शुभारंभ किया गया।
सर्वप्रथम उमरिया वार्ड में स्थित राजयोग सेवाकेंद्र से रैली निकाली गई,रैली चकोर पुल के पास पंडित दीनदयाल पार्क में सम्पन्न हुई इसके बाद पंडित दीनदयाल पार्क में आत्मनिर्भर किसान अभियान का कार्यक्रम हुआ।
इस कार्यक्रम में मण्डला क्षेत्रीय संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी ममता दीदी जी साथ में ब्रह्माकुमारी ओमलता दीदी,ब्रह्माकुमारी लक्ष्मी बहन, ब्रह्माकुमारी शिवकुमारी बहन, महाराष्ट्र पुणे से आई हुई ब्रह्माकुमारी नीलम दीदी, समाजसेवी भ्राता बालकृष्ण खंडेलवाल, एवं किसान भाई बहने उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम मंचासीन अतिथियों का तिलक वन्दन कर व गुलदस्ते देकर बीके उषा एवं बीके सरोज ने स्वागत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन करके किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत में ब्रह्माकुमारी ओमलता दीदी जी ने इस कार्यक्रम के लक्ष्य एवं उद्देश्य सभी को बताया जैविक खेती और शाश्वत यौगिक खेती की जानकारी दी और कहा कि जैविक खेती के इस्तेमाल से शुद्ध अन्न प्राप्त होता है। दीदी ने बताया कि आत्मनिर्भर किसान अभियान नैनपुर क्षेत्र के गांव गांव जाएगा और किसान भाई बहनों को जैविक खेती और शाश्वत खेती के बारे में बताएंगे। और किसान भाई बहनों को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा देंगे।
ब्रह्माकुमारी ममता दीदी ने सभी को शाश्वत योगिक खेती के बारे में विस्तार से बताया। खेती में योग के प्रयोग की प्रक्रिया बताई। खेती में सम्पूर्ण सफलता के लिए प्रकृति, पशु-पक्षी तथा जीव जंतु का सहयोग आवश्यक है। परमात्मा की याद में बीजामृत से बीज संस्कार कर धरती मां की गोद में एक एक बीजअर्पित करें ,महसूस करें कि धरती मां बीजों को अपनी गोद में लेकर अंकुरित होने के लिए आवश्यक सहयोग दे रही है। इससे आपकी फसल बहुत अच्छी होगी।
भ्राता बालकृष्ण खंडेलवाल जी ने ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान द्वारा निकाले जा रहे आत्मनिर्भर किसान अभियान की बहुत प्रशंसा की।
सभी किसान भाई बहने जैविक खेती और शाश्वत यौगिक खेती करने के लिए तैयार भी हुए।
इसके बाद सभी को ब्रह्माभोजन कराया गया।