*राजयोग भवन बिलासपुर में जन्माष्टमी पर हुए रंगारंग कार्यक्रम* - fastnewsharpal.com
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*राजयोग भवन बिलासपुर में जन्माष्टमी पर हुए रंगारंग कार्यक्रम*

 *राजयोग भवन बिलासपुर में जन्माष्टमी पर हुए रंगारंग कार्यक्रम*



 बिलासपुर

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की स्थानीय शाखा टेलिफोन एक्सचेंज रोड स्थित राजयोग भवन में कृष्ण जन्माष्टमी का कार्यक्रम बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। छोटे-छोटे बच्चे कृष्ण और राधा बनकर के आए और कृष्ण के गानों पर अपनी प्रस्तुति दी। सेवाकेन्द्र संचालिका बीके स्वाति दीदी ने बताया कि हर एक माता अपने बच्चे को नैनो का तारा और दिल का दुलारा समझती है परंतु फिर भी वह श्रीकृष्ण को सुंदर मनमोहन चित्त चोर आदि नामों से पुकारती है। वास्तव में श्री कृष्ण का सौंदर्य चित्र को चुरा ही लेता है। जन्माष्टमी के दिन जिस बच्चे को मोर मुकुट पहनाकर मुरली हाथ में देते हैं लोगों का मन उस समय उस बच्चे के नाम, रूप, देश व काल को भूलकर कुछ क्षणों के लिए श्रीकृष्ण की ओर आकर्षित हो जाता है। कृष्ण जिनके लिए गायन है वह 16 कला संपूर्ण, संपूर्ण निर्विकारी, मर्यादा पुरुषोत्तम परम अहिंसक थे। जिनमें काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार अंश मात्र भी नहीं था।





जिनकी भक्ति से अथवा नाम लेने से ही भक्त लोग भी वासनाओं पर विजय पा लेते हैं। उन पर लोगों ने अनेक मिथ्या कलंक लगाए हैं कि श्री कृष्ण की 16108 रानियां थी,  गोपिकाओं के वस्त्र चुराया करते थे, माखन चोरी करते थे..। वास्तव में गीता में यह महावाक्य है कि धर्म ग्लानि के समय फिर आऊंगा। अभी वहीं समय है जब सारी दुनिया ही कुरुक्षेत्र बन गई है। हर घर में दुर्योधन, दुशासन जैसे लोग है और भगवान गुप्त रूप में अपना सत्य धर्म की स्थापना का कार्य कर रहे है।






आराध्या अग्रवाल, सृष्टि ने कालिया नाग मर्दन, पुष्पा अग्रवाल, रेणु, स्वाति ताम्रकार, हेमन्त ध्रुव, परमानन्द के द्वारा कृष्ण सुदामा चरित्र, स्वाति जायसवाल, मंजू वर्मा, संजना मखीजा, सुनीता विश्वकर्मा ने सत्यभामा-रुक्मणी चरित्र, ब्रह्मा कुमारी बहनों ने परमात्म अवतरण की सुंदर प्रस्तुति दे कर सभी का मन मोह लिया। 78 वर्ष की नारायणी तिवारी, 75 वर्षीय मालती तिवारी, अंजू दुआ, सिष्टु ने वो कृष्णा है में शानदार प्रस्तुति दी। इनके अतिरिक्त वानिया मूरजानी, अंश अग्रवाल, मनु, वंश जायसवाल, अभय ताम्रकार, मिष्ठी, एंजेल, वीरा,काव्या, पूजा अग्रवाल, नरेन्द्र मूरजानी, ज्योति खंडूजा, सरनजीत गुम्बर आदि के द्वारा अपनी प्रस्तुति दी गई। आंख में पट्टी बांध कर मटकी ढूंढने के खेल में भी बहुत आनंदित हुए। अंत में सभी प्रतिभागियों को पुरुस्कार वितरण कर प्रसाद दिया गया।


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