*आईएसबीएम विश्वविद्यालय में महिला समानता दिवस आयोजित* - fastnewsharpal.com
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*आईएसबीएम विश्वविद्यालय में महिला समानता दिवस आयोजित*

 *आईएसबीएम विश्वविद्यालय में महिला समानता दिवस आयोजित* 



तेजस्वी /छुरा-

आईएसबीएम विश्वविद्यालय नवापारा (कोसमी) छुरा, गरियाबंद छत्तीसगढ़ के कला एवं मानविकी संकाय द्वारा महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने तथा महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव के विरुद्ध  जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से महिला समानता दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ माता सरस्वती की पूजा और राजकीय गीत से हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने अपने उद्बोधन में कहा कि महिलाएं आज हर मोर्चे पर पुरुषों को टक्कर दे रही हैं, चाहे वह देश को चलाने की बात हो या फिर घर को संभालने का मामला, यहां तक कि देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी वे बखूबी निभा रही हैं।





 उन्होंने इंफोसिस के संस्थापक सुधा मूर्ती की उपलब्धियों को याद किया तथा कहा कि महिलाओं ने हर जिम्मेदारी को पूरी तन्मयता से निभाया है, लेकिन आज भी अधिकांश मामलों में उन्हें समानता हासिल नहीं हो पायी है। हमें अपने विचारों में परिवर्तन करके प्रत्येक नारी का सम्मान करना चाहिए। जबकि, विश्वविद्यालय के अकादमिक अधिष्ठाता ने कहा कि भारत ने महिलाओं को आज़ादी के बाद से ही मतदान का अधिकार पुरुषों के बराबर दिया, परन्तु यदि वास्तविक समानता की बात करें तो भारत में आज़ादी के इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी महिलाओं की स्थिति गौर करने के लायक है। यहाँ वे सभी महिलाएं नज़र आती हैं, जो सभी प्रकार के भेदभाव के बावजूद प्रत्येक क्षेत्र में एक मुकाम हासिल कर चुकी हैं और सभी उन पर गर्व भी महसूस करते हैं। परन्तु इस कतार में उन सभी महिलाओं को भी शामिल करने की ज़रूरत है, जो हर दिन अपने घर में और समाज में महिला होने के कारण असमानता को झेलने के लिए विवश है। वें सम्मान के हकदार हैं। विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता ने स्वागत उद्बोधन में बताया कि महिला सशक्तिकरण तभी प्राप्त होगा जब निष्पक्षता और समानता के संबंध में समाज में एक दृष्टिकोण परिवर्तन होगा। महिला समानता महिलाओं को उनकी व्यक्तिगत निर्भरता के लिए निर्णय लेने में सशक्त बना रहा है। महिलाओं की समानता से तात्पर्य उन्हें पुरुषों के समान व्यक्तिगत लाभ के साथ-साथ समाज के लिए एक वातावरण के निर्माण से है। महिलाओं को भी पुरुषों की तरह समान अधिकार दिए जाने चाहिए ताकि वे वास्तव में सशक्त बन सकें। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर विश्वविद्यालय के महिला प्राध्यापकों तथा कोसमी ग्राम पंचायत के महिला सरपंच का उदाहरण दिया। ततपश्चात क्रमशः वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय के विभागाध्यक्ष ने महिला समानता पर जोर देते हुए कहा कि घर, परिवार, समाज एवं कार्यालय में भी महिलाओं के साथ समानता का व्यवहार होना चाहिए। पुस्तकालय विज्ञान संकाय के विभागाध्यक्ष ने महिलाओं पर आधारित कविता प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन कला एवं मानविकी संकाय के विभागाध्यक्ष तथा अंग्रेजी के सह प्राध्यापक ने किया। तथा कार्यक्रम का सफल संचालन इतिहास के प्राध्यापक द्वारा किया गया। बीए प्रथम वर्ष छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं राजकीय गीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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