दादी प्रकाशमणि जी की स्मृति दिवस को ब्रह्मकुमारीज खण्डमा ने विश्वबन्धुत्व दिवस के रूप में मनाया
दादी प्रकाशमणि जी की स्मृति दिवस को ब्रह्माकुमारीज़
दादी प्रकाशमणि सहज सरल और निर्माणता की देवी _____ब्रह्माकुमारी अंशु दीदी
तेजस्वी /छुरा
स्थानीय प्रजापिताब्रह्मकुमारिज ईश्वरीय विश्व विद्यालय खड़मा सेवा केंद्र की ओम शांति भवन में संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशाशिका दादी प्रकाशमणि जी की 15 वे स्मृतिदिवस को संस्था द्वारा विश्वबंधुत्व दिवस के रूप में मनाया गया। जिसमें दादी जी की शिक्षाओं और उनके तपस्वी जीवन की झलकियों को सभी के सामने रखा।
सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी अंशु दीदी ने, दादी जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दादी जी ने त्याग-तपस्या और सादगीपूर्ण जीवन से परमात्मा शिव द्वारा स्थापित इस रुद्र गीता ज्ञान यज्ञ को जनमानस तक पहुचाने में अपनी अग्रिम भूमिका निभाई। ब्रह्माकुमारी दीदी ने कहा कि परमात्मा शिव पर अपने जीवन को अर्पण कर अपना समय, स्वांस, संकल्प, दृष्टि, वृत्ति, कृति को उत्कृष्ट बनाकर लोंगो के लिए प्रेरणामूर्त बन गईं।यज्ञ के प्रारंभ में कई प्रतिकूल परिस्थितियों को भी हँसते-हँसते सहन किया। 14 वर्ष की कठिन तपस्या उपरांत दादी जी की ममतामयी भावना और शिव परमात्मा पर अटूट निश्चय से लाखों आत्माओं को ईश्वरीय संदेश देकर परमात्म प्रीत की डोर में बांधा। उनका कहना था पूरा विश्व मेरा परिवार है, ईश्वरीय मर्यादाओं को जीवन मे धारण कर जीवन को आदर्शो से भरपूर करने की सहज कला सिखाकर सर्व के कल्याणार्थ जीवन की आहुति दी,और यज्ञ को निमित्त और निर्माण बन चलाया। इतनी बड़ी संस्था की मुखिया होने के बाद भी दादी बिल्कुल सहज सरल और निर्माणता की देवी थी। अहम और बहम से मुक्त शिव की परवानी थी। ऐसी दादीजी की शिक्षाएं हमे सदा ज्ञान की रोशनी देती रहेंगी। सभी ने दादी जी को श्रद्घासुमन अर्पित किए। । इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय परिवार के भाई बहन एवम ग्रामीण क्षेत्रों की गीता पाठःशालाओ से सदस्य गण उपस्थित रहे ।