राष्ट्र निर्माता और उनके कर्तव्य... और हमारे दायित्व... शिक्षक दिवस विशेष... इस पर भावी पीढ़ी के कर्ण धारों के विचार - fastnewsharpal.com
फास्ट न्यूज हर पल समाचार पत्र,

राष्ट्र निर्माता और उनके कर्तव्य... और हमारे दायित्व... शिक्षक दिवस विशेष... इस पर भावी पीढ़ी के कर्ण धारों के विचार

 राष्ट्र निर्माता और उनके कर्तव्य... और हमारे दायित्व... शिक्षक दिवस विशेष... इस पर भावी पीढ़ी के कर्ण धारों  के विचार



महेंद्र ठाकुर /नवापारा (राजिम) 

हमारे देश में पौराणिक काल से गुरु शिष्य की उच्च परंपरा रही है जिसमें श्री कृष्णा एवं सांदीपनि ऋषि गुरु द्रोणाचार्य एवं कौरव पांडव जिसमें द्रोणाचार्य के प्रिय शिष्य अर्जुन थे इसमें इतिहास में अपना नाम अमर कर दिया एकलव्य ने जिसे द्रोणाचार्य ने अपना शिष्य बनाने से इंकार कर दिया था फिर भी एकलव्य ने गुरु द्रोणाचार्य की मिट्टी की मूर्ति बनाकर सतत धनुर्विद्या अपने बलबूते सीखे और द्रोणाचार्य के कहने पर अपना अदाएं हाथ का अंगूठा उनको गुरु दक्षिणा में समर्पित कर दिया यहां पर गुरु तो अपने कर्तव्य से कुछ चूक गए लेकिन शिष्य रूपी एकलव्य अपने दायित्व को पूरा करके अमर हो गए ऐसी परंपरा हमारे देश के गुरु शिष्य की महान परंपरा को दर्शाता है यह कहना है बेहद होशियार और भविष्य में आईएएस बनने का सपना देखने वाली प्रगतिशील ग्राम मूंगझर देवभोग की रहने वाली प्रतिमा कश्यप जोकि टिकेश कश्यप शिक्षक एवं श्रीमती हरा बती की लाडली बेटी हैं जोकि उड़ीसा के प्रसिद्ध इल निशी मिशन स्कूल कुटरु जिला कालाहांडी मैं कक्षा पांचवी की छात्रा हैं।

हमारा देश हमेशा बौद्धिक भंडार रहा है जहां पर गौतम बुद्ध जैसे महान व्यक्तित्व जिन्होंने कहा अप्प दीपो भव अर्थात अपने ज्ञान का प्रकाश स्वयं बने बहुत बड़ी बात कही गुरु अपने कर्तव्य में और शिष्य को अपने दायित्व में हमेशा गौतम बुद्ध के अनुसार चलते रहना चाहिए ताकि हमारा वर्तमान और भविष्य गौरवशाली हो सके। यह कहना है ग्राम झाखरपारा देवभोग के सिद्ध समाजसेवी आरपी तिवारी की सेवाभावी हार्ड वर्कर आईपीएस बनने का सपना संजोए बेबी प्रिया तिवारी जोकि देवभोग अंचल के प्रसिद्ध एम मनु पब्लिक स्कूल मे कक्षा पांचवी की छात्रा हैं।

हमारे कंधों पर देश का दायित्व है और इसको पूरा करने के लिए हमारे मार्गदर्शक और उच्च परंपरा परंपरा का पालन करते हुए अच्छी शिक्षा देने का कार्य हमारे गुरु जन कर्तव्य के रूप में करते हैं और हम अपना दायित्व मान कर इसे अच्छी तरह पूरी करते हैं जिसमें समाज परिवार प्रदेश और देश का दायित्व हम अच्छी तरह संभाल सके यह कहना है तावड़ा इंटरनेशनल स्कूल राजिम में कक्षा चार के छात्र एकाग्र शर्मा जो बचपन से सामाजिक सेवा और व्यावहारिकता को काफी महत्व देते हैं और इसमें इनके पिता देवेंद्र शर्मा और इनकी माता श्रीमती शर्मा जो स्वयं एक शिक्षिका हैं इनकी भरपूर मदद करती हैं

पुरानी परंपरा उच्च आदर्श को गुरु शिष्य के रूप में हमेशा दृष्टिगत रही है अफसोस अब गुरु अपने कर्तव्य से और शिष्य अपने दायित्व से विमुख हो रहे हैं जो चिंतनीय हैं हमें स्वामी विवेकानंद और भारत के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय एपीजे अब्दुल कलाम के जीवनी से सबक लेनी चाहिए इनके गुरु जितने कर्तव्य शील थे उतने ही शिष्य के रूप में इन्होंने अपने दायित्व का निर्वाह करते हुए विश्व पटल पर छा गए इन्हें मैं अपना आदर्श मानता हूं और आप सभी को भी मानना चाहिए ऐसा कहना है ग्राम मुंग झर के रिटायर्ड शिक्षक बीएल कश्यप जी के नाती एवं वर्तमान में शिक्षक मोहित कश्यप के पुत्र धीर गंभीर कर्तव्य शील सरस्वती शिशु मंदिर देवभोग में कक्षा नौवीं के छात्र सुशांत कश्यप काl आइए आज हम इन भावी पीढ़ी के हमारे देश के कर्णधार लोगों की बातों को अपने जीवन में उतारे और दूसरे को भी प्रेरित करें


Previous article
Next article

Articles Ads

Articles Ads 1

Articles Ads 2

Advertisement Ads