जब जब हमारे कर्मों की वजह से किसी को दुख लगेगा उनके मन से हमारे लिए बददुआएं निकलेगी यह बद्दुआऐं हमारे जीवन में नकारात्मक परिस्थिति , स्वास्थ्य समस्याएं , वित्तीय संकट , संबंधों में दूरियां अर्थात जीवन में हर तरह की समस्या को आमंत्रित करती है--ब्रह्माकुमार नारायण भाई
जब जब हमारे कर्मों की वजह से किसी को दुख लगेगा उनके मन से हमारे लिए बददुआएं निकलेगी यह बद्दुआऐं हमारे जीवन में नकारात्मक परिस्थिति , स्वास्थ्य समस्याएं , वित्तीय संकट , संबंधों में दूरियां अर्थात जीवन में हर तरह की समस्या को आमंत्रित करती है--ब्रह्माकुमार नारायण भाई
तेल्हारा 17 सितंबर
जब जब हमारे कर्मों की वजह से किसी को दुख लगेगा उनके मन से हमारे लिए बददुआएं निकलेगी यह बद्दुआऐं हमारे जीवन में नकारात्मक परिस्थिति , स्वास्थ्य समस्याएं , वित्तीय संकट , संबंधों में दूरियां अर्थात जीवन में हर तरह की समस्या को आमंत्रित करती है भले यह आज हमें अनुभव न हो पर एक दिन यह ज़रूर होगा क्योंकि संसार के सामाजिक नियम समय के साथ बदल सकते हैं पर कर्म सिद्धांत कभी नहीं बदलता...
जो_बोया_है_वह_काटना_ही_पड़ता_है"
इसलिए ऐसे कर्म करें जो हमारे आज और आने वाले कल को सुखद बनाए और उसका तरीका है यह समझ कि जो बोएंगे वही काटेंगे!
कर्म केवल हाथ से किए गए काम व मुख से बोले गए शब्द नहीं! कर्म की शुरुआत संकल्पों से होती है हमारी हर सोच उस आत्मा तक पहुंचती है जिसके बारे में हम सोच रहे हो! इसलिए वही सोचें, बोलें और करें जो जब आपको वापिस आए तो आपको कष्ट न दे! यह विचार इंदौर से पधारे जीवन जीने की कला के प्रणेता ब्रह्मा कुमार नारायण भाई ने ब्रह्मा कुमारी सभागृह में साइलेंस शक्ति से समस्याएं परिस्थितियों को कैसे खत्म कर सकते हैं इस पर नगर वासियों को संबोधित करते हुए बताया कि
यदि हमें सत्य भगवान का सत्य ज्ञान समझ नहीं आता इसका मतलब हमारा जीवन झूठ में पूरी तरह लिप्त है पर कोई बात नहीं, इससे छूटने का भी एक तरीका है सत्य पर चलने वालों को सहयोग देना शुरु कर दीजिए इससे जैसे ही आपका पुण्य का खाता बढ़ना शुरु होगा आपका दीप भी जलने लगेगा फिर आएगा जीवन में सच्चा सुख, शान्ति और समृद्धि !सदा याद रखें भगवान हमें सन्यासी नहीं बनाता,भिखारी से राजकुमार और राजकुमारी बनाता है पर इसके लिए वह आपमें वो सारे गुण develop करवाएगा जो एक रॉयल व्यक्ति में होने चाहिए !
जो अन्दर बाहर पवित्र है वही रॉयल है!
केवल अपने जीवन पर focus किजीए क्योंकि किसी और की थाली का भोजन देखने से खुद की भूख नहीं मिटती !
समाज क्या कहता है इसकी फिक्र छोड़ कर इस पर किजीए कि भगवान क्या कहता है क्योंकि इतिहास गवाह है संसार को संतुष्ट करने की कितनी भी कोशिश कर लिजिए वह कभी संतुष्ट नहीं हुआ पर भगवान को संतुष्ट करने की थोड़ी सी कोशिश में भी संसार नतमस्तक हुआ है !
गुलाम बनना ही है तो भगवान का बनिए, संसार का नहीं !
संसार में सबसे बड़ा दुर्भाग्य उसका है जिसे भगवान और उसका ज्ञान समझ नहीं आता !
अपने इस दुर्भाग्य को बदलने के लिए उन लोगो के जीवन को अनुसरण करना शुरु कर दीजिए जिनका जीवन इस मार्ग पर श्रेष्ठ बना है क्योंकि जो देखेंगे वही बनेंगे । असली जीवन में अर्जुन वही है जो केवल भगवान को अपना जीवन आदर्श बनाए न कि किसी इन्सान को क्योंकि वर्तमान समय में केवल भगवान ही है जिसका अनुसरण किया जा सकता है बाकी सब मनुष्य आत्माएँ गिरती कला में हैं!