राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त गरियाबंद की माटी पर बनी फिल्म भूलन- द मेज अब ओटीटी (मोर माटी) पर - fastnewsharpal.com
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राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त गरियाबंद की माटी पर बनी फिल्म भूलन- द मेज अब ओटीटी (मोर माटी) पर

 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त गरियाबंद की माटी पर बनी फिल्म भूलन- द मेज अब ओटीटी (मोर माटी) पर


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गरियाबंद

 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्म भूलन- द मेज- 24 सितम्बर से मोर माटी एप पर उपलब्ध रहेगी। निर्माता-निर्देशक  मनोज वर्मा की इस फिल्म को क्षेत्रीय फिल्म की श्रेणी में उपराष्ट्रपति  वेंटकनायडू के द्वारा नई दिल्ली में सम्मानित किया गया। 

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ी फिल्म भूलन- द मेज की शूटिंग  गरियाबंद के पास ग्राम महुआभाठा में हुई है। छत्तीसगढ़ी संस्कृति, भाषा, रहन-सहन पर बनी ये फिल्म भूलन कांदा उपन्यास पर आधारित है। पटकथा, संवाद व बेहतरीन निर्देशन पर बनी इस फिल्म को सभी वर्गों ने खूब पसंद किया।  चाहे वे हमारे राज्य के मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल हों या राज्यपाल  सुश्री उइके । सभी ने इस फिल्म को देखकर अपनी प्रसन्नता जताई। 

अब यह फिल्म सभी लोगों के लिए मोबाइल पर भी देखने को मिलेगी।  24 सितम्बर से यह फिल्म मोर माटी एप पर आप फिल्म देख सकते हैं।

मनोज वर्मा की राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त भूलन- द मेज एक ऐसी ही फिल्म है, जो कई सालों तक दर्शकों के दिलो-दिमाग में छाई रहेगी। फिल्म में मनोज वर्मा ने डायरेक्शन का जो हुनर दिखाया है, वह काफी चमत्कारिक है। परदे पर हर किरदार आपको जीवंत लगेगा। रियलिस्टिक टच देती यह फिल्म नि:संदेह सभी को पसंद आएगी।  

भूलन द मेज को 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में रीजनल सिनेमा कैटेगिरी में बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड मिला है। इस फिल्म की कहानी लीक से एकदम हटकर है। भूलन कांदा के जरिए यह संदेश दिया गया है कि हमारी न्याय व्यवस्था का पांव भी भूलन कांदा पर पड़ गया है और उसे छूकर जगाने की सख्त जरूरत है। छत्तीसगढ़ में पाए जाने वाले भूलन कांदा पर बनी इस फिल्म का स्क्रीन प्ले बिल्कुल सधा हुआ है। भूलन कांदा के बारे में जिस अंदाज और स्टेप-बाय-स्टेप फिल्मांकन करते हुए न्याय व्यवस्था तक पहुंचाया गया है, यह वाकई तारीफ करने लायक है।

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