रामकथा की पांच दिवसीय धर्म धारा बही.... रामायण केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं बल्कि अनादि काल से मर्यादा पुरुषोत्तम राम का चरित्र मानव जीवन दर्शन का विराट स्वरूप है..... भागवताचार्य -मानस मर्मज्ञ -पंडित श्री प्रमोद शास्त्री बेमेतरा वाले।।। - fastnewsharpal.com
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रामकथा की पांच दिवसीय धर्म धारा बही.... रामायण केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं बल्कि अनादि काल से मर्यादा पुरुषोत्तम राम का चरित्र मानव जीवन दर्शन का विराट स्वरूप है..... भागवताचार्य -मानस मर्मज्ञ -पंडित श्री प्रमोद शास्त्री बेमेतरा वाले।।।

 रामकथा की पांच दिवसीय धर्म धारा बही.... रामायण केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं बल्कि अनादि काल से मर्यादा पुरुषोत्तम राम का चरित्र मानव  जीवन दर्शन का विराट स्वरूप है..... भागवताचार्य -मानस मर्मज्ञ -पंडित श्री प्रमोद शास्त्री बेमेतरा वाले।।।



रायपुर...

 धर्म सत्कर्म और सामाजिक सेवा मे रुचि रखने वाले रोहिणीपुरम रायपुर छत्तीसगढ़ निवासी सीनियर सिटीजन डॉक्टर रामकुमार  मिश्रा उनकी धर्मपत्नी श्रीमती केसर मिश्रा इनके धर्म परायण बड़े बेटे दंपत्ति  मारुति मिश्रा एवं श्रीमती प्राची मिश्रा छोटे बेटे इंजीनियर अनादि मिश्रा एवं श्रीमती आशू मिश्रा एवं मिश्रा परिवार के द्वारा 1 सितंबर से 5 सितंबर 2022 तक छत्तीसगढ़ के जाने-माने मानस मर्मज्ञ भागवताचार्य एवं विश्व प्रसिद्ध कथा वाचक स्वामी करपात्री महाराज के प्रिय शिष्य पंडित श्री प्रमोद शास्त्री जी बेमेतरा वाले के ओजस्वी वाणी द्वारा राम कथा का आनंददायक रसपान निज निवास में उपस्थित विशाल धर्म प्रेमियों को कराया गया, जिसमें शास्त्री जी ने राम जन्म के बारे में कहा इनका जन्म मानव मात्र को आदर्श पूर्ण जीवन जीने के लिए प्रेरित करने हेतु हुआ राम मर्यादा पुरुषोत्तम अपने व्यक्तित्व और चरित्र बल पर कहलाए अगर देखा जाए तो राम  शुरू से आखरी तक केवल मुश्किल हालातों का सामना करते रहे लेकिन चरित्र बल इतना ज्यादा महान था आज भी वे जन जन के मन में बसे महानायक हैं। इसी तरह इनके अनुज लक्ष्मण और भरत का भी चरित्र बेहद अनुकरणीय और महान है बड़े भाई राम के वन गमन के समय लक्ष्मण भी सब सुख  छोड़कर भाई के अनुगामी बनकर अपने आप को अमर कर दिया बड़े भाई राम और माता समान भाभी  सीता के हर आदेश को सर आंखों पर लिया यही सबसे बड़ा- भाई प्रेम का उदाहरण है ।



भरत का चरित्र अद्भुत -जिसका वर्णन भरत मिलाप में दिखता है जिन्होंने अपनी माता के द्वारा उनके हित के लिए पिता राजा दशरथ से बड़े भाई राम को 14 वर्ष वनवास देने के आदेश को अपने ऊपर उतार लिया बड़े भाई राम की खड़ाऊ ले जाकर सिहासन में रखा और सारे सुख सुविधा छोड़ बड़े भाई के वनवासी  तपस्वी जीवन जीने का अंदाज अपने अंदर उतार लिया घास फूस की झोपड़ी में निवास कर बड़े भाई राम को याद करते हुए भगवत भजन कर 14 साल स्वयं समय गुजारे। अद्भुत कथा है राम की इनके भ्राता श्री लोगों की रामायण के सभी सद चरित्र को अगर हमने जीवन में उतार दिया तो भवसागर आसानी से पार कर जाएंगे रामायण मानव कल्याण का विराट दर्शन शास्त्र है। राम कथा आयोजन के बारे में विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर से डॉक्टर राम कुमार मिश्रा एवं उनके पुत्र मारुति मिश्रा एवं अनादि मिश्रा ने बताया हमारे छोटे से प्रयास से लोगों मे भाईचारा- प्रेम और नैतिकता के साथ खुशहाली का राज हो यही भगवान रामचंद्र जी से प्रार्थना करते हैं। उक्त कार्यक्रम में शिव कुमार मिश्रा ,जुगल किशोर शर्मा श्रीमती कुमुद शर्मा,  क्रांति शर्मा श्रीमती मीना शर्मा, रेणुका देवी शर्मा, श्रीमती जयश्री सिंह, एवं अनेकों धर्म प्रेमी उपस्थित थे कार्यक्रम के पश्चात भोजन प्रसादी की व्यवस्था मिश्रा परिवार के द्वारा श्रद्धालु जनों के लिए भोजन प्रसादी की व्यवस्था की गई थी।


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