*परमात्मा शिव को साजन के रूप में स्वीकार करेंगी 24 बहनें, कुमारी से बनेंगी ब्रह्माकुमारी*
*परमात्मा शिव को साजन के रूप में स्वीकार करेंगी 24 बहनें, कुमारी से बनेंगी ब्रह्माकुमारी*
- राजस्थान, मप्र और छत्तीसगढ़ से पहुंच रहे सात हजार लोग इस ऐतिहासिक आयोजन के बनेंगे गवाह
- मुंबई से घाटकोपर सबजोन की निदेशिका डॉ. नलिनी दीदी और मीडिया विंग के नेशनल को-ऑर्डिनेटर बीके निकुंज भाई मुख्य अतिथि के रूप में पधार रहे
इंदौर
24 बहनें कुमारी से ब्रह्माकुमारी बन जाएंगी। ये सभी बहनें सज-धजकर दुल्हन के रूप में परमात्मा शिव को साक्षी मानकर ताउम्र ईश्वरीय नियम-मर्यादा पर चलने का संकल्प लेते हुए विश्व कल्याण और समाज कल्याण, समाज में सकारात्मक परिवर्तन की प्रतिज्ञा लेंगी।
8अक्टूबर को होने वाली इस कार्यक्रम के दौरान सभी बहनों को सात मुख्य प्रतिज्ञाएं कराईं जाएंगी। इसमें कन्याएं के माता-पिता, परिजन और रिश्तेदार शामिल होकर उनके भावी जीवन के लिए शुभकामनाएं देंगे। इस तीन दिवसीय दिव्य अलौकिक समर्पण समारोह में शामिल होने के लिए राजस्थान, मप्र, छग से सात हजार से अधिक लोग पहुंच रहे हैं। समारोह परिसर मैरिज गार्डन में संपन्न होगा। मुख्य कार्यक्रम 8 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से शुरू होकर दोपहर 3 बजे तक चलेगा। ब्रह्माकुमारी बनकर समाजसेवा का संकल्प लेने वालीं सभी बहनें उच्च शिक्षित होने के साथ अलग-अलग प्रोफेशन से जुड़ी हैं।
तीन पुस्तकें की रचयिता और मोटिवेशनल वक्ता हैं दीदी-
मुख्य अतिथि के रूप में पधार रहीं मुंबई के घाटकोपर सबजोन की निदेशिका डॉ. नलिनी दीदी तीन पुस्तकें की रचना के साथ मोटिवेशनल वक्ता हैं। आपके मार्गदर्शन में अब तक हजारों कन्याएं प्रशिक्षण लेकर ब्रह्माकुमारी बनीं हैं। साथ ही आपको अब तक कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। गुजरात गौरव अवार्ड से भी आपको नवाजा गया है। आप हजारों बहनों की प्रेरणास्त्रोत और ब्रह्माकुमारीज संस्थान की वरिष्ठ दीदी हैं। मीडिया विंग के नेशनल को-ऑर्डिनेटर बीके निकुंज भाई जिनके लेख देशभर के कई अखबारों में समय प्रति समय प्रकाशित होते रहते हैं। आप मोटिवेशनल वक्ता के साथ ट्रेनर भी हैं।
तीन दिनी दिव्य अलौकिक समर्पण समारोह-
पहला दिन: 8 अक्टूबर
- सुबह 10 से 11 बजे तक क्लास
11से 12 बजे तक मोटिवेशनल वक्ता बीके पूनम दीदी की क्लास
- 12 से 3 बजे तक स्वागत नृत्य से शुरुआत, समर्पण करने वाली कन्या बीके विद्या और बीके दुर्गा का अनुभव। इंदौर जोन की निदेशिका बीके आरती दीदी के आशीर्वचन। समर्पण करने वाली बहनें परमात्मा के यादगार शिवलिंग को माला पहनाकर साजन के रूप में स्वीकार करेंगी। समापन पर ब्रह्माभोजन।
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दूसरा दिन: 9 अक्टूबर
- प्रात: 7 से 8 बजे तक योग।
8 से 9 बजे तक मुरली क्लास।
9 से 9.30 बजे तक राजयोग क्लास।
11 से 12 जीवन में सफलता का रहस्य विषय पर मोटिवेशनल वक्ता बीके निकुंज भाई की क्लास।
11 से 12 बजे राजयोगिनी डॉ. नलिनी दीदी का सपर्पण करने वाली कन्याओं से मुलाकात और संकल्प।
12 बजे से जोन की वरिष्ठ बहनों का सम्मान समारोह।
- दोपहर 3 से 5 बजे तक समर्पण समारोह की अंतिम प्रक्रिया। सभी बहनें एक साथ दुल्हन के रूप में स्टेज पर पहुंचेंगी और सात प्रतिज्ञाएं लेंगी।
तीसरा दिन: 10 अक्टूबर
- सुबह 10 से 12 बजे तक इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के सामने बन रहे ब्रह्माकुमारीज संस्थान के मप्र के पहले शिव शक्ति रिट्रीट सेंटर में अतिथि भवन के निर्माण का भूमिपूजन समारोह। यह रिट्रीट सेंटर पांच एकड़ में बन रहा है। जिसमें शहरवासियों और समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए नि:शुल्क मेडिटेशन रिट्रीट आयोजित की जाएंगी। जिसमें म्यूजियम के साथ मेडिटेशन रूप बनाया जा रहा है। सारा निर्माण कार्य इकोफ्रेंडली तरीके से किया जा रहा है। यहाँ गोशाला भी रहेगी।
दस साल बाद हो रहा इतना बड़ा आयोजन-
न्यू पलासिया, ओम शांति भवन, इंदौर जोन की जोनल निदेशिका राजयोगिनी बीके आरती दीदी ने बताया कि दस साल बाद इंदौर में इतने बड़े स्तर पर कुमारियों का दिव्य अलौकिक समर्पण समारोह आयोजित किया जा रहा है।
इस में 24 कुमारियां अपने जीवन को समाजसेवा, विश्व कल्याण और ईश्वरीय संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के कार्य में जीवनभर चलने का संकल्प लेंगी। सभी कुमारियों का समर्पण उनके माता-पिता और अभिभावक की स्वीकृति से ही किया जा रहा है। इंदौर जोन में 500 ब्रह्माकुमारी बहनें समर्पित रूप से राजस्थान, मप्र और राजस्थान के अलग-अलग सेवाकेंद्रों पर अपनी सेवाएं दे रहीं हैं। सात दिन के राजयोग मेडिटेशन कोर्स के बाद ही सभी बहनों को तीन साल ट्रॉयल में रखा जाता है, इस दौरान उनकी दिनचर्या, नियम-संयम और आध्यात्म के प्रति रुचि देखी जाती है। जब वह इस ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सभी मर्यादाओं पर खरी उतरती हैं तो उन्हें फिर 2 साल के लिए फाइनल ट्रॉयल के बाद समर्पित होने के लिए स्वीकृति दी जाती है। इस बीच यदि कोई बहन स्वेच्छा से सांसारिक जीवन में जाना चाहती हैं तो जा सकती हैं, इसके लिए कोई बंधन नहीं है। कुमारियों की मुख्यालय माउंट आबू में एक माह की विशेष ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें उन्हें इस यहां के नियम-मर्यादाएं, आदर्श ब्रह्माकुमारी के लक्षण और दिनचर्या, काउंसलिंग, मेडिटेशन आदि बातों की गहराई से ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि जब वह खुद आध्यात्मिक रूप से सशक्त और मजबूत रहेंगी, तभी वह अन्य लोगों की समस्याएं का समाधान कर पाएंगी।