ब्रह्माकुमारीज़ इन्दौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी कमला दीदी नहीं रहीं - fastnewsharpal.com
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ब्रह्माकुमारीज़ इन्दौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी कमला दीदी नहीं रहीं

ब्रह्माकुमारीज़ इन्दौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी कमला दीदी नहीं रहीं



रायपुर 

छत्तीसगढ़ राज्य में ब्रह्माकुमारीज़ संस्था की सेवाओं को विस्तारित करने वाली, मातृवत सभी की पालना कर आगे बढ़ाने वाली, इन्दौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी नहीं रहीं...


आप सभी को अवगत हो कि ब्रह्माकुमारीज़  मे प्राणप्यारे बापदादा की लाड़ली, साकार बाबा की पालना में पली, सभी को मातृवत स्नेह  देकर आगे बढ़ाने वाली, आदरणीय ओमप्रकाश भाई जी के कदम पर कदम रखकर चलने वाली, इन्दौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी कमला दीदी नहीं रहीं। वह 81 वर्ष की थीं। वह पिछले कुछ दिनों से बीमार थीं। पहले मुम्बई के ब्रीज कैण्डी अस्पताल में तथा बाद में रायपुर के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। आज शनिवार, 10 दिसम्बर को सुबह 09 बजकर 10 मिनट पर शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर, रायपुर में उन्होंने अपने पार्थिव देह का त्याग किया। उनका पार्थिव शरीर अन्तिम दर्शन हेतु विधानसभा मार्ग स्थित शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में आज शनिवार को दोपहर 12 बजे से रखा जाएगा। उनका अन्तिम संस्कार रविवार, 11दिसम्बर 2022 को दोपहर 1 बजे शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर परिसर में किया जाएगा। इसके पहले उनका पार्थिव शरीर विश्व शान्ति भवन चौबे कालोनी और नवा रायपुर के शान्ति शिखर भवन में लेकर जाएंगे।

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सेवाओं को छत्तीसगढ़ में विस्तारित करने में उनकी अहम भूमिका थीं। माउण्ट आबू के बाहर विश्व का प्रथम रिट्रीट सेन्टर के रूप में शान्ति सरोवर का निर्माण उनके ही अथक परिश्रम से सम्भव हो सका। वर्तमान समय इन्दौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका के रूप में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश के साथ ही समीपवर्ती राजस्थान और उड़ीसा के कुछ सेवाकेन्द्रों का प्रशासन भी देख रही थीं। वह हमारी संस्थान की ब्रह्माकमारीज एजुकेशनल सोसायटी एवं राजयोगा एजुकेशन एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन की गवर्निंग बोर्ड की सदस्या होने के साथ ही सुरक्षा सेवा प्रभाग की नेशनल कोआर्डिनेटर भी थीं।

राजयोगिनी कमला दीदी के दिल में आदिवासियों के प्रति बहुत दयाभाव था। उनके मार्गदर्शन में 15 मई १९८७ से बस्तर अंचल के 65 ग्रामों में अध्यात्म के द्वारा आदिवासियों के जीवन को संवारने-सुधारने का कार्य किया जा रहा है।

आदरणीय भाई जी के निर्देशन में यज्ञ के इतिहास में पहली बार कमला दीदी द्वारा किया गया सेवाकार्य-

१. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, नेताप्रतिपक्ष सहित पक्ष-विपक्ष के सारे राजनेतागण माउण्ट आबू तीन दिनों के लिए राजयोग शिविर करने गए।

२. माउण्ट आबू के बाहर प्रथम बार बड़ी जमीन लेकर (लगभग नौ एकड़ क्षेत्र) में रिट्रीट सेन्टर बनाने का कार्य  आपने ही किया।

३. हरेक वर्ष बजट सत्र के पहले दिन पूरी विधानसभा जिसमें मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष सहित पक्ष-विपक्ष के सारे मंत्री और विधायकगण को ब्रह्माभोजन पर शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में आमंत्रित करने का शुभ कार्य भी श्रद्घेय कमला दीदी ने प्रारम्भ कराया जो कि आज तक निरन्तर चल रहा है।

४. छत्तीसगढ़ के प्राय: सभी राज्यपालों को माउण्ट आबू में बाबा के घर लेकर गईं और उन्हें ईश्वरीय ज्ञान योग से अवगत कराया।


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