गरियाबंद --विश्व हिंदी दिवस 2023: ज़िले के इस छोटे से गांव के स्कूल में मनाया गया विश्व हिन्दी दिवस,जाने क्यों हो रही है इस स्कूल के बच्चों और उनके प्रधान पाठक की जमकर चर्चा - fastnewsharpal.com
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गरियाबंद --विश्व हिंदी दिवस 2023: ज़िले के इस छोटे से गांव के स्कूल में मनाया गया विश्व हिन्दी दिवस,जाने क्यों हो रही है इस स्कूल के बच्चों और उनके प्रधान पाठक की जमकर चर्चा

 गरियाबंद --विश्व हिंदी दिवस 2023: ज़िले के इस छोटे से गांव के स्कूल में मनाया गया विश्व हिन्दी दिवस,जाने क्यों हो रही है इस स्कूल के बच्चों और उनके प्रधान पाठक की जमकर चर्चा




World Hindi Day 2023: अंग्रेजी भाषा भले ही दुनियाभर के कई देशों में बोली है और लिखी जाती है. लेकिन हिंदी हृदय की भाषा है और इसलिए हम गर्व से कहते हैं कि ‘हिंदी हैं हम….’ हिंदी भाषा से दुनिया को अवगत कराने और हिंदी को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल 10 जनवरी के दिन को विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Day) के रूप में मनाया जाता है. विश्व हिंदी दिवस का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि यह भाषा विश्व स्तर पर स्थापित हो चुकी है. वैश्विक स्तर पर हिंदी भाषा को बढ़ाना देने और दुनियाभर में फैले हिंदी जानकारों को एक सूत्र में बांधा या एकजुट किया जाता है.।





इसी कड़ी में  गरियाबंद ज़िले के छोटे से गांव खट्टी के शासकीय प्राथमिक शाला में विश्व हिंदी दिवस पर गीत, कहानी एवं कविता पठन का एक बेहतरीन कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमे माध्यमिक शाला एवं प्राथमिक शाला के छात्र छात्राओं ने अपनी प्रस्तुति दी।


हिन्दी बोलने से और हिन्दी सुनने से होता है आत्मीयता का बोध- गिरीश शर्मा


हिन्दी और गिरीश शर्मा एक दूसरे के पूरक है पूरे ज़िले में जहां उनके हिन्दी कविता हिन्द लेख कहानी और हिन्दी से जुड़ी हर एक बात पर उनकी तारीफ़ पूरे ज़िले में होती है ख़ास कर उनकी स्वरचित कविताओं की, गरियाबंद में किसी प्रकार का भव्य आयोजन हो सांस्कृतिक कार्यक्रम हो मंच संबोधन करने की बात आई तो सबसे पहला नाम गिरीश शर्मा सर का ही आता है, प्रधान पाठक बनने से पहले वे महाविद्यालय में व्यख्याता के रूप में अपनी सेवा दे चुके है, उनके क्षात्रों की  लंबी फ़ेरिहिस्त है जो आज छ्त्तीशगढ़ ही नहीं अलग अलग राज्यो में अपने अलग मुक़ाम पर है , पेशे से शिक्षक गिरीश शर्मा फ़िलहाल खट्टी गाँव के प्रधान पाठक है और बच्चों के बीच काफ़ी लोकप्रिय है स्कूल में शिक्षा से जुड़ी हर कार्यक्रम वे बखूबी निभाते है और बच्चों को उनके अन्दाज़ में पढ़ाते और समझाते है, स्कूल में बनाई दिवालों पर ट्रेन मानो ऐसा लगता है जैसे सच में ट्रेन आ के रुकी हो और बच्चो के बीच बच्चों की तरह रहना और खेल खेल में पढ़ाई करना देखते बनता है श्री शर्मा ने कहा हिन्दी एक ऐसी भाषा है आप किसी प्रदेश में जाओ आपको १० में से दो ऐसे व्यक्ति ज़रूर मिलेंगे जो हिन्दी बोल भी लेंगे और समझ भी लेंगे हिन्दी हमारी मातृ भाषा है हिन्दी बोलने से और हिन्दी में बात करने से ही एक आत्मीयता का अहसास होता है


विश्व हिंदी दिवस पर उपस्थित छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुये शासकीय प्राथमिक शाला खट्टी के प्रभारी प्रधानपाठक गिरीश कुमार शर्मा ने कहा कि 10 जनवरी 1975 को पहली बार विश्व हिंदी दिवस का आयोजन हुआ इसका उद्देश्य हिंदी भाषा का व्यापक प्रचार प्रसार के लिये जागरूकता लाना था।,अंग्रेजी भाषा भले ही दुनियाभर के कई देशों में बोली है और लिखी जाती है. लेकिन हिंदी हृदय की भाषा है और इसलिए हम गर्व से कहते हैं कि ‘हिंदी हैं हम….’ हिंदी भाषा से दुनिया को अवगत कराने और हिंदी को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल 10 जनवरी के दिन को विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Day) के रूप में मनाया जाता है. विश्व हिंदी दिवस का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि यह भाषा विश्व स्तर पर स्थापित हो चुकी है. वैश्विक स्तर पर हिंदी भाषा को बढ़ाना देने और दुनियाभर में फैले हिंदी जानकारों को एक सूत्र में बांधा या एकजुट किया जाता है. उन्होंने कहा कि हिंदी देश की बिंदी है हमे हमारी हिंदी भाषा पर गर्व है।


कक्षा 7 वी के छात्र रुद्र कुमार ध्रुव, कक्षा 5 वी की छात्रा चुलेश्वरी ध्रुव, 1 ली छात्रा रिभा यादव ने गीत, कविता के माध्यम से अपना संदेश दिया। कार्यक्रम में दीप नारायण तिवारी ने हिंदी की महत्ता एवं विशेषता पर प्रकाश डालते हुये इस तरह के आयोजन की सराहना की, इस अवसर पर विशेष रूप से पूर्व पंच शैलसिंह, गिरीश कुमार शर्मा, दीप नारायण तिवारी, कु. नन्दनी ध्रुव एवं माध्यमिक तथा प्राथमिक शाला के छात्र छात्राएं उपस्थित थे।

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