मधुकलश साहित्य परिषद कोसरंगी (खरोरा) मे काव्य गोष्ठी में कवियों ने जमकर बिखेरे जलवे
मधुकलश साहित्य परिषद कोसरंगी (खरोरा) मे काव्य गोष्ठी में कवियों ने जमकर बिखेरे जलवे
आरंग
मधुकलश साहित्य परिषद कोसरंगी के द्वारा ग्राम कोसरंगी शाला परिसर में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कवियों ने हास्य, व्यंग, श्रृंगार,वीर रस के साथ अपनी काव्य कला का प्रदर्शन करते हुवे समसामयिक घटनाओं पर प्रेरणाप्रद व ज्ञानवर्धक प्रस्तुति दी।
मंच के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार केशव राम साहू रायपुर एवं विशिष्ट अतिथि डॉक्टर रामकुमार साहू(मयारू) समन्वय साहित्य परिवार पलारी, तथा सभा अध्यक्ष व्याख्याता हरमन कुमार बघेल आरंग ने साहित्य को समाज का दर्पण बताते हुए नारी सशक्तिकरण पर फोकस करते हुवे छत्तीसगढ़ी भाखा को सबसे मधुर बताया वही मंच के अध्यक्ष जुगेश चंद्र दास कोसरंगी ने कुशल एवं बेहतर मंच संचालन के साथ ही कहा कि साहित्य सृजन एवम् बेहतर अभिव्यक्ति के लिए काव्य गोष्ठी ही एकमात्र विकल्प है, सच्चे साहित्यकार वही है जो सम्मान पाने लेखन नहीं करता। साहित्यकार अपनी लेखनी को राष्ट्र एवं समाज को समर्पित करते हैं, साहित्यकार राष्ट्र चिंतक हैं। अपनी लेखनी को शस्त्र बनाकर कुरीतियों, अनीति, अन्याय, भ्रष्टाचार पर आघात करते हैं साहित्यकार सर्वदा चाहते हैं संस्कृति संस्कार और सत्य धर्म की रक्षा हो। इस काव्य गोष्ठी में कोसल साहित्य कला मंच आरंग से अरविंद कुमार वैष्णव एवं राधेश्याम ध्रुव तथा पलारी से पोखन जायसवाल, दोंडे खुर्द से पुष्पराज देव हरे , तिल्दा नेवरा से उमाशंकर यदु, केशदा के मंचीय कवि कृष्ण कुमार वर्मा, खरोरा से श्रीमती यशोदा साहू ,सारा गांव से राकेश साहू तथा मधुकलश साहित्य परिषद से सचिव हरेंद्र साहू, कोषाध्यक्ष ईश्वर प्रसाद जोशी, संरक्षक जितेंद्र कुमार निर्मलकर, उपाध्यक्ष चंद्रहास सेन सदस्यगण हेमचंद्र कुर्रे अशोक कुमार दास, सुखी राम साहू, संतोष धीवर आदि की सहभागिता रही एवं सराहनीय प्रस्तुति में "आमा अमली लाटा"चटक चांदनी रात"बाढ़ जाहि मोर मया प्रीत के डोरी"मैं तालीम से तकदीर लिखता हूं"छत्तीसगढ़ के बेटी महानदी महारानी"तोर पांँव में छाला पड़ जत्थे" एवम ढेर सारी रचनाओं ने सबका ध्यान आकृष्ट किया। कार्यक्रम का संचालन कवि जुगेश चंद्र दास एवम् आभार प्रदर्शन प्रधान पाठक चंद्रहास सेन परसकोल ने किया ।