ब्रह्माकुमारीज राजिम सेवाकेंद्र मे मनाया गया जगदंबा सरस्वती जी का 58 वी पुण्यतिथि
ब्रह्माकुमारीज राजिम सेवाकेंद्र मे मनाया गया जगदंबा सरस्वती जी का 58 वी पुण्यतिथि
राजिम
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय राजिम में मां जगदंबा सरस्वती जी की 58 वी पुण्यतिथि मनाया गया राजीम आमापारा में संस्था की संचालिका ब्रह्माकुमारी हेमा ने सभी को जगदंबा सरस्वती जी का परिचय देते हुए कहा की जगदंबा सरस्वती जिनको हम प्यार से मम्मा कहते हैं संस्था की प्रथम मुख्य प्रकाशिका थी जिनका अलौकिक नाम राधे है।
संस्था ने उनको अलौकिक नाम दिया जगदम्बा सरस्वती संस्था के सभी लोगों को जगदंबा सरस्वती जी मां के रूप में पालना देती थी इसलिए सभी उनको मम्मा कहते थे और आज भी हम सभी मम्मा कहते हैं मम्मा अत्यंत शांत स्वभाव सरल स्वभाव मीठा स्वभाव के थी हमेशा एक परमात्मा के प्रति उनका प्रेम अटूट प्रेम था यज्ञ के संस्था के चीजों को सही तरीके से भगवान के कार्य में लगाना एवं मम्मा कभी किसी भी बात पर क्रोध नहीं करते शांति एवं गंभीरता की अवतार थी मम्मा के मन में हमेशा रहता कि सबके दूर कर दुख दूर करूं मम्मा हमेशा हर घड़ी को अंतिम घड़ी कहती थी और कहती हुक्मी हुकुम चला रहा चला रहा 24 जून 1965 में मम्मा ने अपने पुराने शरीर को त्याग किया भी उनकी विशेषताओं को अपने जीवन में अपनाना है उसके पश्चात भोग लगाया गया और सभी भाई बहनों ने मिलकर मम्मा को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दिए फिर सभी को ब्रह्मा भोजन कराया गया
राजीम आमापारा स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय में सभी को कैसे तनाव से मुक्त रहना है परमात्मा से संबंध जोड़ना है मन का संबंध परमात्मा से जोड़ना है आत्मिक स्थिति में रहना है मन हमेशा शांत रहे इसकी विधि सिखाई जाती है अतः सभी से अनुरोध है यह सभी अपना अमूल्य समय 1 घंटे का सुबह या शाम में से निकालकर अवश्य पहुंचे सुबह का टाइम है 6:00 से 11:00 शाम का टाइम है 5:00 से 8:00 ओम शांति