जब रास्ता हो लंबा- कठिनाइयों का पहाड़ हो- लेकिन मजबूत हो आपका इरादा--- यकीन मानिए प्रकृति उम्मीद से देती है ज्यादा-- सुश्री प्रगति दुबे लोक लेखा सेवा अधिकारी चयनित सी जी पीएससी वर्ष 2022
जब रास्ता हो लंबा- कठिनाइयों का पहाड़ हो- लेकिन मजबूत हो आपका इरादा--- यकीन मानिए प्रकृति उम्मीद से देती है ज्यादा-- सुश्री प्रगति दुबे लोक लेखा सेवा अधिकारी चयनित सी जी पीएससी वर्ष 2022
नवापारा राजिम/ रायपुर....
उपरोक्त बातें सुश्री प्रगति दुबे ने सीजीपीएससी वर्ष 2022 में लोक लेखा सेवा अधिकारी के रूप में चयनित होने पर अपने निज निवास में भारतीय जीवन बीमा निगम के एक ब्रांड- वरिष्ठ पत्रकार -मोटिवेशनल स्पीकर महेंद्र सिंह ठाकुर द्वारा उन्हें एक्सीलेंट मेडल प्रदान करते हुए सम्मानित करने पर कहा।
सुश्री प्रगति दुबे बचपन से पढ़ाई में टॉपर -सफलता के लिए उनकी बेहद प्रेरणादायक दास्तान... नवापारा राजिम कस्बाई नुमा शहर यहां के दम्मानी कॉलोनी के प्रतिष्ठित निवासी प्रफुल्ल दुबे रिटायर्ड व्याख्याता एवं श्रीमती पुष्प लता दुबे अकाउंटेंट शिक्षा विभाग की लाडली बेटी प्रगति दुबे बचपन से पढ़ाई में टॉपर थी उससमय के पांचवी और आठवीं बोर्ड में जिला मेरिट लिस्ट में इनका नाम था , फिर दसवीं बोर्ड में सुपरस्टार बनकर स्टेट लेवल मेरिट लिस्ट में द्वितीय स्थान प्राप्त किया ,इसी तरह से 12वीं बोर्ड में स्टेट लेवल में चौथा स्थान प्राप्त किया, सिविल इंजीनियरिंग ग्रेजुएशन में शासकीय विवेकानंद यूनिवर्सिटी भिलाई में भी अपना परचम लहराते हुए टॉप सेवन में जगह बनाया इसके बाद बचपन का जुनून- स्टेट लेवल प्रशासनिक सेवा में पी एस सी के माध्यम से टॉप टेन में जगह बनाना है इन्होंने परीक्षा देना शुरू किया यही से ईश्वर ने इनका कठिन इम्तिहान लेना शुरू किया लेकिन इन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारीं- रोचक और बेहद प्रेरणादाई दास्तान- देखिए -वर्ष 2019 में सीजी पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा मैं असफलता हाथ लगी, फिर कठिन परिश्रम किया और वर्ष 2020 में प्रारंभिक- मुख्य परीक्षा पास करते हुए इंटरव्यू तक ग्ई लेकिन यहां फिर असफलता हाथ लगी- गौर करिए इतनी कठिन मेहनत के बाद असफलता हाथ लगती है तो इंसान टूट जाता है। फिर सतत परीक्षा के दौर में वर्ष 2021 की परीक्षा में ईश्वर ने फिर मजाक किया और यह प्रारंभिक परीक्षा में ही असफल हो गईं, लेकिन एक कहावत बिल्कुल सत्य है -आपके पास सफलता के ताले की ढेर सारी चाबी है आप सारी मेहनत करते हैं लेकिन आपके पास चाबियां से सफलता के दरवाजे नहीं खुलते और हार कर चुपचाप बैठ जाते हैं ,लेकिन आपको पता नहीं आपके पास अगर आखिरी चाबी बची है और वही आपकी सफलता के द्वारा खोल दे, तो यही प्रगति जी के साथ हुआ इन्होंने हार नहीं मानी और वर्ष 2022 के सीजीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू में बेहतरीन नंबर लेते हुए माह सितंबर के प्रथम सप्ताह -वर्ष 2023 में जब रिजल्ट घोषित हुआ तो अपनी आखिरी चाबी से सफलता के दरवाजे सीजीपीएससी में लोक लेखा सेवा अधिकारी बनकर खोल दिएl।
सफलता -जुनून का पर्याय... यह बिल्कुल सच है अपनी सफलता के अनुभव -इंश्योरेंस प्रमोटर और सीनियर प्रेस रिपोर्टर- महेंद्र सिंह ठाकुर से साझा करते हुए कहा सीजीपीएससी की कठिन तैयारी के साथ उन्होंने एनवायरमेंट में एमटेक किया और फिर मैथ्स में एमएससी भी पास आउट किया, अपने पैर में खड़े होने के लिए शिक्षा विभाग में अप्लाई करके गवर्नमेंट टीचर भी बन गई सीजीपीएससी परीक्षा के दौरान उनके पैरेंट्स से छत्तीसगढ़ी भाषा मुहावरों को समझने का बहुत सार्थक अवसर भी मिला, यहां तक इनके पिता श्री अखबार की परीक्षा उपयोगी मैटर भी काट कर इन्हें उपलब्ध कराते थे और कभी समय अभाव के कारण पूरे मैटर को उन्हें सुनाते भी थेl
अभी थमी नहीं मेरी रफ़्तार- मेरी सफलता का चक्र चलेगा लगातार.... अब आगे क्या ??यह प्रश्न महेंद्र सिंह ठाकुर ने प्रगति दुबे से किया तो उन्होंने उपयुक्त पैरोडी सुनाते हुए कहा -उनका लक्ष्य आईएएस एक्जाम पास आउट करना है इतना अदभुत जुनून'!!! हम सभी को इनसे प्रेरणा लेना चाहिए ,और बरबस मेगास्टार अमिताभ बच्चन के पिता स्वर्गीय हरिवंश राय बच्चन जी की मोटिवेशनल कविता की प्रख्यात पंक्तियां याद आती है-- नन्ही चींटी जब दाना लेकर चलती है- चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है।।
मन का विश्वास रगों में सहज भरता है- चढ़कर गिरना -गिरकर चढ़ना ना अखरता है।।
आखिरी उसकी मेहनत बेकार नहीं होती -क्योंकि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती- कभी हार नहीं होती!!!