ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान मण्डला के द्वारा शिक्षक दिवस पर किया गया शिक्षकों का सम्मान
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान मण्डला के द्वारा शिक्षक दिवस पर किया गया शिक्षकों का सम्मान
मण्डला-
ब्रह्माकुमारी संस्थान के स्थानीय सेवा केंद्र "विश्व शांति भवन" में शिक्षक दिवस पर शिक्षकों का सम्मान कार्यक्रम रखा गया। इस कार्यक्रम में मंडला क्षेत्रीय संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी ममता दीदी, राजयोग शिक्षिका ब्रह्मकुमारी ओमलता दीदी, गर्ल्स कॉलेज के प्रिंसिपल भ्राता प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे,उत्कृष्ट विद्यालय के पूर्व प्राचार्य भ्राता नरेंद्र यादव एवं अधिक संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम ब्रह्माकुमारी लक्ष्मी बहन ने मंचासीन अतिथियों का और सभी शिक्षकों का तिलक वन्दन कर एवं पुष्पगुच्छ से स्वागत किया गया।
ब्रह्माकुमारी ओमलता दीदी ने सभी को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए सभी शिक्षकों का शब्द पुष्पों के माध्यम से स्वागत किया।
राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी ममता दीदी ने कहा कि श्रेष्ठ समाज के निर्माण में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है। जिसके जीवन से दिव्य गुणों रूपी इत्र की खुशबू आए वह चरित्रवान है। मानव को मानव के साथ जोड़ने के लिए मूल्यों की आवश्यकता पड़ती है। सभी शिक्षकों को बताया कि हमें सहनशीलता, धैर्यता,पवित्रता, हर्षितमुखता आदि अनेक दैवी गुणों को अपने जीवन में उतारकर उन गुणों की शिक्षा बच्चों को प्रदान करना चाहिए।
प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे ने कहा कि शिक्षक है तो उज्जवल समाज है। शिक्षकों को आध्यात्मिकता से जुड़ना चाहिए। शिक्षकों को आत्म मूल्यांकन, आत्म विश्लेषण, आत्म परीक्षण कर अपने विषय में और बेहतर हों।
इसके साथ ब्रह्माकुमारी संस्थान से जुड़कर 7 दिवसीय आध्यात्मिक कोर्स करने का अनुभव भी सुनाया, कहा कि यह ज्ञान आत्मा को रोशन करता है चरित्र का निर्माण, अच्छाई का निर्माण करता है। ब्रह्माकुमारीज संस्थान अच्छे मनुष्यों का निर्माण करने वाली है। यहां जीवन मूल्यों को जीवन में धारण कर जीवन को उज्जवल बनाया जाता है।
भ्राता नरेंद्र यादव जी ने कहा कि शिक्षक अपने विद्यालय में बच्चों की परवरिश करता है और संस्कार डालते हैं। शिक्षा के साथ-साथ विविध मानवीय मूल्यों को भी बच्चों को सिखाते हैं शिक्षक का यही उद्देश्य होता है कि बच्चों का सर्वांगीण विकास हो।
इस कार्यक्रम का सकुशल संचालन बीके गौरव भाई ने किया।
इसके बाद सभी को शिक्षकों को ईश्वरीय सौगात एवं प्रसाद दिया गया। इस कार्यक्रम से सभी शिक्षक बहुत खुश हुए। ईश्वरीय ज्ञान का साप्ताहिक कोर्स करने के लिए उत्सुकता दिखाई।