*राष्ट्रीय सेवा योजना का 54वां स्थापना दिवस मनाया,* - fastnewsharpal.com
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*राष्ट्रीय सेवा योजना का 54वां स्थापना दिवस मनाया,*

 *राष्ट्रीय सेवा योजना का 54वां स्थापना दिवस मनाया,*



 नवापारा  (राजिम)

 सेठ फूलचंद अग्रवाल स्मृति महाविद्यालय, राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने राष्ट्रीय सेवा योजना का 54वां स्थापना दिवस बड़े धूमधाम से मनाया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. एस. आर. वड्डे (कार्यक्रम अधिकारी, शास. कुलेश्वर महादेव महा., गोबरा नवापारा), प्रो. रवि कोठारी (सहा. प्रा., हिंदी विभाग), कार्यक्रम संयोजक डाॅ. आर. के. रजक थे। कार्यक्रम का शुभारंभ स्वामी विवेकानंद जी के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलित कर किया। प्रो. एस. आर. वड्डे ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मानव को अपना कार्य करते रहना चाहिए। अच्छाई व बुराईयों पर ध्यान न दे और अपने काम को स्वयं करना चाहिए। दूसरों की सेवा करो, सफलता अपने आप कदम चूमेगी। राष्ट्रीय सेवा योजना यही सिखाता है।






साथ ही कहा कि आज बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का दिन भी है। प्रो. रवि कोठारी ने स्वयंसेवकों को बताया कि पूरे भारत में सन 1969 में राष्ट्रीय सेवा योजना सर्वप्रथम 2 विश्वविद्यालयों में शुरू की गई, जिसमें पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग.) एक था एवं वर्तमान में छत्तीसगढ़ प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों द्वारा इसका संचालन किया जा रहा है। साथ ही सन 1988 में 10+2 में राष्ट्रीय सेवा योजना प्रारंभ की गई। सन 1990 में मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय सेवा योजना का पाठ्यक्रम लागू किया गया, जिसमें राष्ट्रीय सेवा योजना के पाठ्यक्रम को A, B एवं C प्रमाण पत्र में विभाजित किया गया। डाॅ. आर. के. रजक ने कहा कि स्वयंसेवक अपने विभिन्न कला के माध्यम से ही पहचाना जाता है। आज जो भी अच्छा कला का प्रदर्शन कर रहे हैं, उनके पीछे कहीं न कहीं उनके लगन व आत्मविश्वास का ही हाथ है। आप भी एक अच्छा कलाकार बन सकते हैं, जरूरत है थोड़ी मेहनत व लगन से सीखने की। कोरोना काल से आज तक सेवा के क्षेत्र में राष्ट्रीय सेवा योजना का उल्लेखनीय योगदान है। यह योजना सदैव नवाचार को ग्रहण करता है। इस स्थापना दिवस पर स्वयंसेवकों ने मनमोहक, आकर्षक व प्रेरणाप्रद गीत, नृत्य, समूह गान व भाषण की प्रस्तुति दी। जिसमें प्रमुख रूप से छत्तीसगढ़ी बारह मासी की प्रस्तुती रही। इस अवसर पर विकास साहू, चितरंजन साहू, राजेश्वर ढीढी, गोपीचंद निषाद, काजल साहू, तारिणी साहू, सूरज प्रकाश सिन्हा, दीपक साहू एवं पारख साहू सहित 106 वरिष्ठ एवं कनिष्ठ स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही। नवप्रवेशी स्वयंसेवक शरद, नवदीप, जतिन, मयंक, मोनिका, जागृति, अमिषा, ललिता, भुनेश्वरी, मोक्षदा, सीमा, अभिषेक, दीपेश, कविता, प्रिया एवं माधुरी ने विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुती रही। कार्यक्रम का संचालन कुशल साहू एवं सिद्धार्थ साहू ने संयुक्त रूप से किया तथा आभार प्रदर्शन वरिष्ठ स्वयंसेवक चितरंजन साहू ने किया।

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