नगर मे पंडित त्रिभुवनमहाराज जी द्वारा भागवत कथा,पितरों के निमित्त तर्पण के कार्यक्रम संपन्न
नगर मे पंडित त्रिभुवनमहाराज जी द्वारा भागवत कथा,पितरों के निमित्त तर्पण के कार्यक्रम संपन्न
तेजस्वी /छुरा
नगर के मानस मंदिर में चल रहे श्रीमद् भागवत महापुराण में सुबह पूजा के पश्चात पितरों के निमित्त तर्पण के कार्यक्रम भी संपन्न किया जा रहे हैं, इसमें नगर के विभिन्न लोग शामिल होकर पंडित जी के मार्गदर्शन में तर्पण कार्यक्रम संपन्न कर रहे हैं , प्रवचन कर्ता ब्राह्ललीन पवन दीवान जी की कृपा पात्र कथा व्यास पंडित त्रिभुवनमहाराज जी बारूलावाले, सिद्धिविनायक मंदिर फिंगेश्वर ने कथा के तीसरे दिन अजामिल चरित्र ,प्रहलाद चरित्र नरसीह का अवतार की कथा सुनाते हुए कहां की भगवान की नाम की महिमा बताई उन्होंने कहा कि राम से बड़ा राम का नाम,विभिन्न कथा प्रसंग के माध्यम से बताया कि जब राम नाम लिखकर पत्थर फेंका गया तो पत्थर भी पानी में तैरने लगता है किंतु अगर वही पत्थर राम पानी में छोड़े तो वहां पत्थर डूब जाता है यह नाम का ही प्रभाव है, उन्होंने अजमील चरित्र की कथा सुनाते हुए कहा कि व्यक्ति कितना है पापी क्यों ना हो अगर ईश्वर की शरण में उन्हें निश्चित रूप से भगवान की शरणागति मिलती है ,अजामिल ने अपने पुत्र का नाम नारायण रखा ,उन्होंने सभी से अपील की है कि आज के आधुनिकता के दौर में बिना कोई अर्थ निकले हुए नाम से रखकर अपने और अपने परिवार को हंसी का पात्र ना बनाएं और अपने समृद्ध सनातन परंपरा के अनुसार अपने ईष्टके नाम से अपने बच्चों का नाम रखें ताकि उनकी स्मृति में लगातार आप ईश्वर से जुड़े रहे और ईश्वर का स्मरण कर अपने जीवन को सफल बनाएं, उन्होंने कहा कि भक्त प्रहलाद ने सिर्फ नाम के विश्वास और श्रद्धा के कारण है कम उम्र में ईश्वर को पाया साथ ही साथ वह राक्षस कुलमें जन्म लेने के पश्चात भी वह ईश्वर का सबसे प्रिय बना तो भक्ति और आस्था में वह शक्ति है कि आप ईश्वर के नजदीक पहुंच सकते हैं, उन्होंने पितृपक्ष में भागवत के महत्व पर भी प्रकाश डाला की जहां पर श्रीमद् भागवत का पारायण और कथा होती है वहां निश्चित रूप से पितरों को मुक्ति मिलती है यह एक सनातन की मान्यता है अन्य धर्म में किस प्रकार किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं है यह हमारी सनातन धर्म की व्यापकता और समृद्धि को दर्शाता है कि हम सिर्फ वर्तमान पीढ़ी को ही नहीं मानते हमारे पूर्वज और पितरों को भी हमारे जीवन में उतना ही सम्मान और आस्था है उन्होंने सभी से अपील की है कि सनातन परंपरा के अनुसार अपने पितरों का पिंडदान तर्पण अवश्य करें जिससे परिवार में सुख समृद्धि आएगी, परायण करता पंडित यगेश प्रसाद पांडे पुजारी मानस मंदिर ने सम्पन्न कराया, परायण एवं पूजा का समय प्रातः 8:00 बजे से 9:00 बजे तक एवं कथा का समय दोपहर 1:00 बजे से 6:00 बजे तक सम्पन्न हो रहा है, पूजा प्रतिनिधि प्रहलाद पटेल काजल पटेल,रेखचन्द देवांगन शकुंतला देवांगन, ओम प्रकाश यादव राधिका यादव है, 10 अक्टूबर मंगलवार समुद्र मंथन ,कृष्ण जन्म महोत्सव, दही लूट,11 अक्टूबर बुधवार श्री कृष्ण लीला ,56 भोग, रुक्मणी विवाह 12 अक्टूबर 16108 रानियो की कथा, श्री कृष्ण सुदामा चरित्र, 13 अक्टूबर श्री कृष्ण परमधाम, परीक्षित मोक्ष, तुलसी वर्षा शोभा यात्रा, 14 अक्टूबर शनिवार गीता, हवन, कपिल तर्पण ,पूर्ण हुति एवं प्रसादी भंडारा दोपहर 2:00 बजे से 5:00 बजे तक संपन्न होगा,
पावन स्मृति में
स्व. ,गोपाल यदु,सुकारो बाई माखन लाल यादव की स्मृति में सुपुत्र राजेश यादव ,स्व. श्यामा देवांगन एवं स्व. पुनिया बाई देवांगन की स्मृति में जगदीश देवांगन , स्व. मोहनमती पटेल की स्मृति में सुपुत्र प्रहलाद पटेल द्वारा,स्व. भरत चन्द्राकर, स्व. नरेन्द्र चन्द्राकर, स्व. बसंता बाई की स्मृति सुपुत्र मनोज चन्द्राकर द्वारा , स्व. कला बाई, स्व. बृज बाई, स्व. अर्जुन देव साहू की स्मृति में सुपुत्र सागर साहू द्वारा ,स्व. माधो राम साहू की स्मृति में पत्नि राधिका देवी साहू द्वारा ,स्व. अनिल कुमार चौबे, स्व. माधो प्रसाद चौबे, स्व. कुसुम चौबे की स्मृति में श्रीमती शालिनी चौबे द्वारा,स्व. ताराज्ञान देवांगन, स्व. रामदयाल देवांगन, स्व. भागबती देवंगन की स्मृति में कौशिल्या देवांगन द्वारा, स्व. डिगेश्वर शांडिल्य की स्मृति में उमेश शांडिल्य द्वारा ,स्व. चक्रधर पुरोहित की स्मृति में पत्नि गंगा पुरोहित द्वारा, स्व. फाल्गुनी गोस्वामी की स्मृति में माता डिगेश्वरी गोस्वामी द्वारा ,स्व. बिहारी लाल यादव की स्मृति में सुपुत्र गणेश यादव द्वारा ,स्व. गंगाप्रसाद देवांगन की स्मृति में पत्नि भगवती देवांगन ,स्व. सुन्दर लाल साहू, स्व. पीला बाई साहू की स्मृति में सुपुत्र हरिचंद साहू द्वारा किया जा रहा है । विशेष सहयोग तिजउ देवांगन, माधो साहू,प्रदीप साहू,खूबचंद चन्द्राकर, महेश सचदेव, ईश्वर सिन्हा, शीतल धुव, नरेन्द्र चन्द्राकर है ।